कर्मचारियों को कार्य के बदले हर महीने सरकार वेतन देती है। लेकिन हरियाणा सरकार के 19 विभागों के कर्मचारियों का वेतन रुक गया है। यह वेतन वित्त विभाग द्वारा रोका गया है। आखिर वेतन क्यों रोका गया इस पर सोशल मीडिया में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। वित्त विभाग द्वारा लिया गया यह निर्णय निश्चित तौर पर कर्मचारियों के हित में नहीं है। वेतन रुक जाने की वजह से कर्मचारी परेशान है। आइए इसके बारे में पूरी जानकारी लें।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 09 जनवरी :
हरियाणा के 19 विभागों के कर्मचारियों की सैलरी वित्त विभाग ने रोक दी है। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (HRMS) और E- पोस्टिंग पोर्टल पर डाटा अपलोड न होने से यह समस्या आई है। जबकि हरियाणा सरकार ने 31 दिसंबर और एक जनवरी को अवकाश होने के कारण 30 दिसंबर को सैलरी डे घोषित कर दिया था। हरियाणा के 19 विभागों के 20 प्रतिशत कर्मचारियों का डाटा दोनों पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। 19 विभागों में अभी तक ये कार्य 80% से कम होने पर वित्त विभाग ने ये फैसला किया है। विभाग ने 26 दिसंबर को ही विभागों के सभी कर्मचारियों का ही पूर्ण वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया I इसको लेकर कर्मचारियों में लाचारी के साथ साथ रोष भी है
डाटा अपलोड करने के लिए वित्त विभाग ने पिछले साल जून में सभी विभागाध्यक्षों को E-पोस्टिंग मॉड्यूल का डाटा पूरा करने के निर्देश जारी किए थे I इसके बाद कई बार विभाग के द्वारा निर्देश दिए गए, लेकिन विभागों की उदासीनता के कारण अब तक पूरा नहीं किया गया I कर्मचारियों का कहना है कि डाटा अपलोड करने का काम अधिकारियों का है, पहले उनकी सैलरी रोकनी चाहिए।
इस स्तर पर हुई लापरवाही
एचआरएमएस पर सर्विस बुक, अन्य आवश्यक डाटा और E-पोस्टिंग मॉड्यूल का डाटा डालने की पूरी जिम्मेदारी डीडीओ की होती है। हरियाणा के वित्त विभाग ने इस कार्य व ट्रेजरी के सभी कामों के लिए केवल डीडीओ को ही अधिकृत मानकर उन्हें विशेष आईडी पासवर्ड जारी कर रखे हैं I साथ ही अब तक इन 19 विभागों के किस किस कर्मचारी का डाटा पेंडिंग है, इस बारे भी कोई अलग से लिस्ट या जानकारी नहीं है I
नहीं दे पा रहे लोन की किस्त
राजकीय प्राथमिक शिक्षा संघ हरियाणा के महासचिव सुनील बास ने बताया कि एचआरएमएस और ई पोस्टिंग पर डाटा अपलोड करने में कर्मचारी सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं है I केवल कुछ कर्मचारियों का डाटा पेंडिंग होने पर सभी का वेतन रोकना सही नहीं है I वेतन नहीं आने के कारण कर्मचारियों की लोन की किस्त रुकी हुई हैं।