MCD में AAP और BJP पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की

                        बीजेपी सांसद तिवारी ने कहा कि यह एमसीडी के इतिहास का काला दिन है। आम आदमी पार्टी के गुंडों ने इसे काला दिन बना दिया। तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कुछ पार्षद शायद सदन में शराब पीकर आए थे। उन्होंने कहा कि आप पार्षद पूरी तरह से तैयारी के साथ आए थे। मनोज तिवारी ने कहा कि आप के कुछ पार्षदों के पास ब्लेड भी थी। मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी नैतिक और मानसिक रूप से हार चुकी है। तिवारी ने कहा कि आप पार्षदों ने निगम के सदन को अखाड़ा बना दिया। लगातार गुंडागर्दी और धक्कामुक्की की गई। उन्होंने कहा कि जो पार्टी सत्ता में हैं और उनके पास संख्या बल है उसके बाद भी सदन की गरिमा को गिराना, ये बिल्कुल आश्चर्य का विषय है।

मेयर चुनाव के दौरान दिल्ली नगर निगम की बैठक में आप औप भाजपा के पार्षद आपस में भिड़ गए. (पीटीआई)
मेयर चुनाव के दौरान दिल्ली नगर निगम की बैठक में आप औप भाजपा के पार्षद आपस में भिड़ गए

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ नयी दिल्ली :

            उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा नियुक्त 10 एल्डरमैन’ (मनोनीत पार्षद) को पहले शपथ दिलाने को लेकर आम आदमी पार्टी (आ॰आ॰पा॰) के पार्षदों के तीखे विरोध के बीच नवनिर्वाचित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक रविवार को महापौर और उप महापौर के चुनाव के बिना ही स्थगित कर दी गई। महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पार्षद सत्या शर्मा ने कहा, “एमसीडी सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है। अगली तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।”

            एमसीडी सदन में 10 ‘एल्डरमैन’ को शपथ दिलाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के साथ ही हंगामा होने लगा। ‘आ॰आ॰पा’ और भाजपा के पार्षद आपस में भिड़ गए। ‘आ॰आ॰पा’ के कई विधायक और पार्षद पार्षद नारे लगाते हुए आसन के करीब पहुंच गए। उन्होंने निर्वाचित पार्षदों के बजाय ‘एल्डरमैन’ को पहले शपथ दिलाने का विरोध किया। जवाब में भाजपा पार्षदों ने ‘आ॰आ॰पा’ और उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी ‍शुरू कर दी। हंगामे के बीच दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सदस्यों पर हाथापाई का आरोप भी लगाया।

            वहीं, स्टोरी लिखे जाने तक सदन में मारपीट और हंगामे को लेकर सदन स्थगित किए जाने की खबर है। आगे की कार्रवाई के लिए पीठासीन अधिकारी निर्णय लेंगी। कहा जा रहा है कि इसके बाद भी अगर सदन में हंगामा जारी रहता है तो बैठक अगले दिन यानी शनिवार (7 जनवरी 2023) को भी बुलाई जा सकती है। 

            बता दें कि दिल्ली के सिविक सेंटर में मेयर का चुनाव हो रहा है। चुनाव की प्रक्रिया से पहले सभी नव-निर्वाचित पार्षदों को शपथ ग्रहण कार्यक्रम होना है। इन पार्षदों में वे पार्षद भी शामिल हैं, जिन्हें उप-राज्यपाल ने मनोनीत किया है। आ॰आ॰पा के पार्षदों ने इन मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण का विरोध किया है।

            मेयर चुनाव के लिए दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने भाजपा की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका भी विरोध किया। आ॰आ॰पा पार्षदों ने उप-राज्यपाल पर भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उधर, कॉन्ग्रेस ने मेयर की वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।

            आ॰आ॰पा के पार्षद प्रवीण राणा ने भाजपा पार्षदों पर सदन में मारपीट करने का आरोप लगाया है। प्रवीण राणा ने कहा कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। उनका गला दबाया गया। इस पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर हमला बोला है।

मनीष सिसोदिया ने कहा, “MCD में अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए और कितना गिरोगे भाजपा वालो! चुनाव टाले, पीठासीन अधिकारी की गैरकानूनी नियुक्ति, मनोनीत पार्षदों की गैरकानूनी नियुक्ति और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ न दिलवाना। अगर जनता के फैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव ही किसलिए?”

हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली के नगर निगम चुनावों में आ॰आ॰पा को बहुमत मिला है। इसके बाद भी भाजपा ने मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारा है। भाजपा ने मेयर चुनाव के लिए अपने वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। रेखा गुप्ता तीसरी बार पार्षद चुनी गई हैं। वहीं, आ॰आ॰पा ने पार्षद शैली ओबेरॉय को मेयर प्रत्याशी बनाया है।

इस चुनाव में कुछ विधायक और सांसद भी वोट डालेंगे। दिल्ली विधानसभा में संख्या बल के आधार पर 14 में से 13 नामित विधायक आ॰आ॰पा के हैं। ये मेयर चुनाव में वोट डालेंगे। वहीं, 10 सांसदों को भी वोटिंग अधिकार है। इनमें से 7 भाजपा के हैं और 3 आ॰आ॰पा के राज्यसभा सांसद हैं।

इसी तरह नगर निगम में 274 चुने हुए पार्षदों को वोटिंग का अधिकार है। इनमें से 150 पार्षद आ॰आ॰पा के हैं, जबकि भाजपा के 113 पार्षद हैं। ऐसे में मेयर का चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है। इसमें व्हिप भी काम नहीं करता है।