Sunday, December 22

इम्पैनलमैंट के लिए नये मापदण्डों के बारे सुझाव लेने के लिए बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ की मीटिंग

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : नयी इम्पैनलमैंट नीति का नक्शा तैयार करने के लिए बैंकों और लघु वित्त संस्थाओं से सुझाव मांगते हुये पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा उनको भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार बैंकों की इम्पैनलमैंट के मौके पर पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया अपनाएगी जिससे सरकारी अदारों के फंडों की सुरक्षा यकीनी बनाने के साथ-साथ बैंकों के बीच मुकाबले को उत्साहित किया जा सके।

राज्य में कारोबार कर रहे लगभग सभी अनुसूचित व्यापारिक बैंकों और छोटे वित्तीय अदारों के प्रतिनिधियों की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अलग-अलग बैंकों के प्रतिनिधियों ने पिछले कुछ महीनों से उनके दफ़्तर को इम्पैनलमैंट करने सम्बन्धी प्रीजैंटेशनज दी हैं और वित्त विभाग इनका मूल्यांकन कर रहा है। चीमा ने कहा आज की यह मीटिंग इम्पैनलमैंट के लिए मापदण्डों को अंतिम रूप देने के लिए आप सभी से सुझाव लेने के लिए बुलायी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ इम्पैनलमैंट करने के लिए विचार करने के मौके पर भलाई स्कीमों के बारे बैंक की कारगुज़ारी को विशेष तौर पर देखा जायेगा।

समाज भलाई के लिए योगदान डालने वाले बैंकों को उत्साहित करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये वित्त मंत्री ने बैंकों से अपील की कि वह जमीनी स्तर तक कर्ज़ देने, खासकर जिन कारोबारों को इसकी ज़रूरत है और सरकार के साथ तालमेल बना कर काम करें। उन्होंने कहा कि पंजाब एक कल्याणकारी राज्य के तौर पर अपनी पहचान रखता है, इसलिए राज्य में काम कर रहे बैंकों को भलाई योजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान डालना चाहिए।

वित्त विभाग के साथ बैंकों के सहयोग को बढ़ावा देने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि जो बैंक इम्पैनल हो जाएंगे, वह पंजाब सरकार की तरफ से जमा राशियों को स्वीकार करने के लिए ई-डी. एम. एस पोर्टल का प्रयोग करेंगे। चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार के सभी विभागों को इस पोर्टल का प्रयोग करने के लिए कहा गया है, परन्तु जहाँ कहीं भी बैंक यह देखें कि इसकी पालना नहीं की जा रही है तो वह सम्बन्धित विभागों को इसकी पालना करने की आग्रह करें।

यह स्पष्ट करते हुये कि राज्य सरकार किसी भी अनुचित कर्ज़ या वसूली की प्रथा को बर्दाश्त नहीं करेगी, वित्त मंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंकों की तरफ से अनुचित कर्ज़ प्रथाओ का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों की तरफ से सरकारी एजेंसियों से बहुत ज़्यादा ब्याज दर वसूलने से लेकर नागरिकों से वसूली के लिए ज़बरदस्ती वाले ढंग अपनाने के कारण इनका आचरण शक्की है और इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। चीमा ने आगे कहा कि यदि विभाग के ध्यान में ऐसे व्यवहार की कोई भी घटना आती है तो वित्त विभाग भारतीय रिज़र्व बैंक तक पहुँच करने समेत गंभीर कार्यवाही करेगा।

मीटिंग में प्रमुख सचिव वित्त अजोए कुमार सिन्हा और सचिव वित्त कम डायरैक्टर इंस्टीट्यूशनल फाइनेंस और बैंकिंग गरिमा सिंह भी उपस्थित थे।