Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 02 जनवरी 23 :

Paush Putrada Ekadashi 2023: जानिए कब है पौष पुत्रदा एकादशी पूजा के दौरान  इस मुहूर्त का ध्यान रखें - Paush Putrada Ekadashi 2023 Know when is Paush Putrada  Ekadashi take care of

नोटः आज पुत्रदा एकादशी व्रत है। पौष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः पौष, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः एकादशी रात्रिकालः 08.24 तक है, 

वारः सोमवार।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः भरणी, दोपहर कालः 02.24 तक है, 

योगः साध्य प्रातः काल 06.52 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः मेष 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.32 बजे।