सतीश गर्ग श्री गुरु रविदास सभा, पीजीआई कैम्पस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोनीत

चण्डीगढ़ :

श्री गुरु रविदास सभा, पीजीआई कैम्पस, चण्डीगढ़ ने सतीश गर्ग को सर्वसम्मति से सभा का मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोनीत किया है। समाजसेवी सतीश गर्ग श्री नील कंठ धाम चेरिटेबल ट्रस्ट, पंचकूला-चण्डीगढ़ के चेयरमैन व श्री सत्य साईं ग्रामीण जागृति, चण्डीगढ के प्रधान है।

इस अवसर पर श्री गुरु रविदास सभा, पीजीआई कैम्पस, चण्डीगढ़ के चेयरमैन डॉक्टर आरपी सिंह, प्रधान प्रेम चंद, सचिव राम चन्द्र व अन्य सभी सदस्यों ने सतीश गर्ग को शुभकामनाएं व बधाई देते हुए कहा कि सतीश गर्ग एक जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन्होंने बहुत सारे नेक कार्य किए हैं। सभी ने उम्मीद जताई कि सतीश गर्ग के कार्यभार संभालने से सभा औऱ ज्यादा नेक कार्य करेगी।

बेंगलुरु के कॉलेज ने सिख लड़की को पगड़ी हटाने को कहा

हिजाब विवाद मामले में दिन भर चली सुनवाई के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि चाहे वह डिग्री या स्नातक कॉलेज हो, जहां वर्दी निर्धारित है, वहां उसका पालन किया जाना चाहिए। ’ कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद राज्य के एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की को पगड़ी हटाने के लिए कहा है। … इन लड़कियों ने मांग की कि सिख समुदाय समेत किसी भी धर्म की लड़की को धार्मिक चिह्न धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, लड़की के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटाएगी और वे कानूनी राय ले रहे हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय और सरकार के आदेश में सिख पगड़ी का उल्लेख नहीं है। गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा था कि यदि किसी शिक्षा संस्‍थान ने ड्रेस कोड तय किया है, तो स्‍टूडेंट्स को उसका पालन करना चाहिए।  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, बाइङ्ग्लोरु (ब्यूरो) :

कर्नाटक में बुर्के पर चल रहे विवाद के बीच एक सिख छात्रा को पगड़ी उतारने के लिए कहे जाने का मामला सामने आया है। घटना बेंगलुरु के माउंट कार्मेल पीयू कॉलेज की है। रिपोर्टों के अनुसार कॉलेज प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सिख छात्रा से पहली बार 16 फरवरी 2022 को पगड़ी उतारने को कहा गया था। बताया जा रहा है कि छात्रा के पगड़ी पहनने से कॉलेज प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन हिजाब पहनने वाली छात्राओं के विरोध के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।

कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि 16 फरवरी को जब दोबारा शैक्षणिक संस्थान खुले तो उन्होंने छात्रों को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया। हालांकि, पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा उप निदेशक ने इस सप्ताह के शुरुआत में कॉलेज के अपने दौरे के दौरान, हिजाब में कॉलेज आयी लड़कियों के एक समूह को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया और उनसे इसका पालन करने के लिए कहा। इन लड़कियों ने मांग की कि सिख समुदाय समेत किसी भी धर्म की लड़की को धार्मिक चिह्न धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

जिस सिख छात्रा को पगड़ी उतारने को कहा गया, वह छात्र संगठन की अध्यक्ष भी है। छात्रा के परिवार ने अब कर्नाटक सरकार और हाई कोर्ट से निर्देश जारी करने की माँग की है। छात्रा के पिता का नाम गुरचरण सिंह है जो IT कम्पनी में बड़े अधिकारी हैं। उन्होंने पगड़ी हटाने से साफ मना कर दिया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को अब तक कॉलेज में किसी भी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा है। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब परिस्थितियाँ विषम हैं। कोर्ट के आदेश में कहीं भी सिख पगड़ी का जिक्र नहीं हुआ है। हम इस मामले में सिख समुदाय और वकीलों के सम्पर्क में हैं। हमने कॉलेज प्रशासन से भी बेटी को पगड़ी के साथ पढ़ाई करने की अनुमति देने की माँग की है।”

वहीं कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में छात्रा और उनके परिजनों से मिल कर हाई कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया है। कॉलेज के प्रवक्ता ने बताया, “हमने सभी छात्र-छात्राओं को 16 फरवरी को ही कोर्ट के आदेश से अवगत करवा दिया था। इसके बाद गतिविधियाँ सामान्य रहीं। मंगलवार को प्री-यूनिवर्सिटी एजुकेशन (नॉर्थ) के डिप्टी डायरेक्टर कॉलेज आए थे। वहाँ पर हिजाब पहने लड़कियों का समूह खड़ा था। उन्होंने सभी लड़कियों को ऑफिस में बुला कर उच्च न्यायालय से आदेश से अवगत करवाया।”

कॉलेज प्रवक्ता ने आगे कहा, “हमें सिख पगड़ी पहनने वाली छात्रा से कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन हिजाब वाली लड़कियों ने सिख लड़की के पगड़ी पहनने पर आपत्ति जताई। उन्होंने किसी भी लड़की के किसी भी धार्मिक चिन्ह का विरोध किया। ऐसे में हमने लड़की के पिता से फोन पर बात कर के उन्हें ई मेल भी किया। सिख छात्रा के पिता ने पगड़ी को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया, लेकिन जब दूसरी लड़कियों ने सभी को एक जैसे नियम की बात कही तब हमने उन्हें इससे अवगत करवाया।” डिप्टी डायरेक्टर जी श्रीराम के मुताबिक, “हमें इस मामले को और आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। लड़कियाँ अब मान गईं हैं। किसी को कोई दिक्कत नहीं है।”

पति के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से बन गई अध्यापिका, 88 लाख की सैलरी उठाई, तीसरे पति से झगड़ा हुआ तो खुली पोल

मंजू कुमारी ने लक्ष्मणगढ़ के कुमास निवासी बाबूलाल से शादी की। इस बीच रामनिवास की 11 दिसंबर 2001 को मौत हो गई। इसका डेथ सर्टिफिकेट 20 दिसंबर 2001 को जारी हुआ। इसके साथ ही दूसरी शादी के बाद भी पहले पति का एक साल पहले का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना 2008 में थर्ड ग्रेड टीचर की नौकरी पर लग गई

राजस्थान के झुंझुनूं की विवाहिता ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसे जानकार आप हैरान रह जाएंगे।  इस महिला ने फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर ग्रेड थर्ड की टीचर की नौकरी पा ली, बल्कि 14 साल तक नौकरी करते हुए 88 लाख रुपये की सैलरी भी सरकार से ले ली। इस महिला ने पहले पति के फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से नौकरी ली थी। मामला झुंझुनूं के गुड़ागौड़जी थाने का है। जांच में दोषी पाए जाने पर शनिवार को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हैरानी की बात यह थी कि महिला टीचर ने तीन शादियां की थीं. मंजू का तीसरा ससुराल तोगड़ा में है।

थानाधिकारी संजय वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार मंजू देवी (38) पुत्री रामकुमार सीकर जिले के बिड़ोदी छोटी की रहने वाली है। मंजू का तीसरा ससुराल तोगड़ा में है। फिलहाल महिला चौमूं के पास गोविंदगढ़ पंचायत समिति की ढाणी इटावा के स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात है। पुलिस जांच में सामने आया कि मंजू की शादी जून 1996 में खेदड़ों की ढाणी (लोचिबा की ढाणी) तन गुढ़ागौडजी के रामनिवास उर्फ निवासराम पुत्र भूराराम जाट से हुई थी। करीब चार साल बाद 2000 में इनका तलाक हो गया। इसके बाद दोनों ने दूसरी शादी कर ली। मंजू कुमारी ने लक्ष्मणगढ़ के कुमास निवासी बाबूलाल से शादी की। इस बीच रामनिवास की 11 दिसंबर 2001 को मौत हो गई। इसका डेथ सर्टिफिकेट 20 दिसंबर 2001 को जारी हुआ। सरकारी नौकरी के लिए मंजू ने दूसरी शादी की बात किसी को नहीं बताई। इसके साथ ही दूसरी शादी के बाद भी पहले पति का एक साल पहले का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना 2008 में ग्रेड थर्ड टीचर की नौकरी पर लग गई। पहले पति की मौत 2001 में हुई थी। सरकारी नौकरी के लिए मंजू ने वर्ष 2000 का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाया।

दूसरे पति के साथ भी शादी लंबी नहीं चली। अनबन के बाद दूसरे पति बाबूलाल से भी तलाक हो गया। इसके बाद 3 जून 2011 को तोगड़ा निवासी महेश कुमार से तीसरी शादी की। इनके बीच भी अक्सर अनबन होने लगी। मंजू देवी ने तीसरे पति महेश कुमार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवा दिया। महेश कुमार ने 2021 में झुंझुनूं एसपी को इसकी शिकायत दी। एसपी के सामने मंजू के फर्जीवाड़े का खुलासा किया। मामले में जांच बैठाई गई। इसकी जांच एसआई बंशीधर ने की। जांच में वह दोषी पाई गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि वह अब तक करीब 88 लाख रुपए की सैलरी ले चुकी थी।

केंद्रीय आर्य सभा द्वारा महर्षि दयानंद जन्मोत्सव का आयोजन 25 से

चण्डीगढ :

केंद्रीय आर्य सभा द्वारा आर्य समाज, सेक्टर 7-बी, चण्डीगढ में महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्मोत्सव 25 फरवरी से चण्डीगढ, पंचकूला और मोहाली की सभी आर्य समाजों तथा आर्य शिक्षण संस्थाओं के सम्मिलित प्रयास से मनाया जाएगा। मीडिया सलाहकार डॉ विनोद शर्मा ने बताया कि 25 फरवरी से प्रारम्भ होने वाला यह उत्सव 27 फरवरी तक चलेगा। 26 फरवरी को विशाल शोभा यात्रा का आयोजन होगा। इसमें चण्डीगढ, पंचकूला, मोहाली ,सूरजपुर, डेराबस्सी की सभी आर्य समाजें  तथा आर्य शिक्षण संस्थाएं आकर्षक झांकियों सहित भाग लेंगी।  ये झांकियां आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगी।  शोभा यात्रा आर्य समाज सेक्टर 7 बी, चण्डीगढ से  प्रारम्भ होकर सेक्टर 7, 8, 18,19 की मार्किट से होती हुए आर्य समाज सेक्टर-19 में संपन्न होगी।  27 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में उच्च कोटि के वैदिक प्रवक्ता सहारनपुर से आचार्य शिव कुमार शास्त्री, पंजाब विश्वविद्यालय दयानंद चेयर के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र अलंकार, डॉ जगदीश शास्त्री, जैवीर वैदिक  व्याख्यान देंगे जबकि भजनोपदेशक पंडित कुलदीप आर्य मधुर भजन प्रस्तुत करेंगे।  

समीप कंग की  “की बनू पुनिया दा” वेब सीरीज बब्बल राय और जसविंदर भल्ला के साथ लीड में जल्द ही रिलीज होगी, ट्रेलर लॉन्च 

चंडीगढ़   24 फरवरी 

 गायक और अभिनेता बब्बल राय और जसविंदर भल्ला अपनी आगामी वेब-श्रृंखला “की बनू पुनिया दा” के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, यह केवल यूट्यूब पर ही प्रदर्शित की जाएगी व  समीप कंग  द्वारा निर्देशित है, यह हिट डिजिटल जोड़ी  नवनीत शर्मा और  जसकरण  (कनाडा जाना ही जाना फेम) द्वारा एक विशेष प्रयास है।

की बनू पुनिया दा  एक कॉमेडी  आधारित वेब-सीरीज है जिसमें मुख्य भूमिका जसविंदर भल्ला और बब्बल राय निभा रहे हैं। वेब सीरीज में जसविंदर भल्ला बलवंत सिंह पुनिया की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि अभिनेता बब्बल राय उर्फ राजवीर पुनिया को बलवंत सिंह के बेटे के रूप में देखा जा रहा है, फीमेल लीड की  भूमिका सायरा द्वारा निभाई जा रही है और क्रेजी  कॉमेडी सीरीज को निर्देशक समीप कंग द्वारा डायरेक्ट किया जाएगा। 

 समीप कंग ने कहा की कोविड ने हम सब के एंटरटेनमेंट का तरीका बदल दिया है ,आज का युवा ओ टी टी पर ही फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं। हम इस डिजिटल युग के अनुरूप “की बनू पुनिया दा”  को सिर्फ और सिर्फ यु ट्यूब पर रिलीज करके नया प्रयोग किया जा रहा है।

समीप कंग द्वारा निर्देशित वेब सीरीज में जसविंदर भल्ला , बब्बल राय , दिलावर सिद्धू , अक्षिता शर्मा , अर्श काहलों , चन्दन गिल व् प्रोमोशन की जिम्मा  डिजिटल दुनिआ की हिट जोड़ी नवनीत व् जसकरण सिंह के जिम्मे है 

चंद्र शेखर आज़ाद के बलिदान दिवस पर प्रदेशभर में गूंजेगा वंदे मातरम का तराना : सुखविंदर श्योराण 

  • आजादी की लड़ाई लडऩे वाले परिवारों का सम्मान करेगी भाजपा 
  • पंचकुला वीरों व क्रांतिकारियों की भूमि, कांग्रेस ने छिपाया बलिदानियों का शौर्य

पंचकुला 24 फ़रवरी:

कांग्रेस ने देश के शहीदों को गुमनामी के अंधेरे में धकेलने का घोर पाप किया है। यही नहीं, देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले बलिदानियों के शौर्य को छिपाने का काम भी कांग्रेस ने किया।

                        यह बात भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर श्योराण ने पंचकुला स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष अजय शर्मा महामंत्री वीरेंद्र राणा जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा स्वर्ण सिंह, (सोनू) प्रभारी सचिन गुर्जर महामंत्री किसान मोर्चा अशोक शर्मा व प्रेम राणा जीतेन्द्र सैनी राजबीर राणा बहादुर सैनी कुलदीप सैनी बलजीत राणा जसबीर सिंह सहित अनेक नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर श्योराण ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जिन शहीदों को भुलाने का काम किया, भाजपा कार्यकर्ता संकल्प लेकर उनकी कथाओं को हरियाणा के जन-जन तक पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले 27 फरवरी को शहीद चंद्र शेखर आज़ाद के बलिदान दिवस प्रदेशभर में 90 विधानसभाओं  पर प्रत्येक पंचायत व शहर के हर वार्ड से हरियाणा वासी शामिल होकर चंद्र शेखर आज़ाद को भावानजली  देंगे व आज़ाद  को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इसी दिन प्रदेश में लगभग  लाखों कार्यकर्ता एक साथ आज़ाद जी  को याद करते हुए वंदे मातरम का उद्घोष करेंगे। उन सभी परिवारों का सम्मान किया जाएगा, जिन परिवारों के लाल स्वतंत्रता आंदोलन में भर्ती होकर देश की आजादी के लिए लड़े। 

सुखविंदर श्योराण ने कहा कि पंचकुला की धरती बलिदानियों व क्रांतिकारियों की धरती रही है। हमारे पूर्वज इस बात के गवाह है कि अंग्रेजों ने यहां की जनता पर बड़े-बड़े अत्याचार किये लेकिन पंचकुला की बहादुर जनता ने अपने सम्मान से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऐसे वीरों व क्रांतिकारियों को कांग्रेस ने गुमनाम कर दिया और ऐसे वीरों का जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 27 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम में ऐसे गुमनाम शहीदों, वीरों व क्रांतिकारियों को याद करके जनता को अवगत करवाएं व नमन करें।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष स्वर्ण सिंह सोनू ने भी अपने विचार रखे और महामंत्री अशोक शर्मा व प्रेम राणा कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष स्वर्ण सिंह ,  ने प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर श्योराण व अन्य नेताओं का स्वागत किया और इस कार्यक्रम को पंचकुला में सफल बनाने का आश्वासन दिया। 

कार्यक्रम में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ,जिला पदाधिकारी. पंचकुला व कालका विधानसभाओं के मंडल अध्यक्ष व कार्यकर्ता विशेष रूप से उपस्थित थे।

The Department of Zoology organised an alumni lecture

Chandigarh February 24, 2022

            The Department of Zoology, Panjab University, Chandigarh organised an alumni lecture as a part of its initiative to invite prominent alumni of the department for motivating the students of the department.   

            Ms. Samrita Kaur Gill, Joint Commissioner, Directorate of Data Management, Central Board of Indirect Taxes & Customs, New Delhi and an alumnus of the department delivered a talk on “My journey of becoming an Indian Revenue Service Officer” Ms. Samrita did her Bachelors and Masters from the Department of Zoology, Panjab University, Chandigarh. 

            In her talk, Ms. Samrita touched upon the how the curriculum of Zoology has contributed towards her growth and helped in getting through the competitive examinations. She particularly focused on the Classification of the fauna and basic subjects that helped her in securing good marks in general studies. She added that subjects related to Environment, which were part of the curriculum, also helped in preparing for the examinations.

            In the later part of her interaction with students, she focused on the challenges faced by women in administrative services and how she managed to survive with the same. During her talk, she also shared her fond memories of the department and got nostalgic especially for the marine trip of the department.

            Dr. Y.K. Rawal, Chairman of the department said that the idea for this series was put forward by our worthy Vice Chancellor Professor Raj Kumar; who always sought one to one interaction of the students with the departmental alumni.

            Prof. Sukhbir Kaur chaired the session and highlighted that the curriculum of the Department of Zoology has been revised as per the aspirations of the students. She highlighted that over the course of time, the University has evolved and it has its own IAS coaching centre which helps in providing appropriate training to the young aspirants.  More than 100 participants attended the talk and fully interacted with the speaker. Dr. Archana Chauhan co-ordinated the alumni talk.

Two Day National Workshop on Fundamentals of Good Laboratory Work Practices and Biorisk Management

Chandigarh February 24, 2022

After the third wave of COVID-19, Now that we are moving towards normalcy The Vice Chancellor of Panjab University, Prof Raj Kumar inaugurated a two Day National Workshop on “Fundamentals of Good Laboratory Work Practices and Biorisk Management” organized by the Department of Biophysics. This workshop is one of the first events being conducted by the University in the Physical mode after a gap of two years. Prof. Raj Kumar, in his opening remarks, appreciated the tireless efforts of the organizers for putting up such an important workshop in current challenging times. He emphasized that such events sensitize and motivate the students, research scholars and scientists to follow good laboratory practices and contribute to the society by spreading awareness about biohazards, waste management and their associated risks. He also emphasized to extend such outreach programs to all sections of the society. The Guest of Honour, Prof. A C Pandey, Director Inter-University Accelerator Centre (IUAC), New Delhi, joined the Inaugural session online and encouraged the participants and faculty alike. Participants showed great enthusiasm and registered from diverse streams.  The aim of this workshop is to promote Biosafety and Biosecurity awareness amongst young research scholars and students. This two-day programme shall include sessions on Biorisk characterization, Biowaste disposal, decontamination and use of animal models in research. The event was convened by Dr. Avneet Saini, Chairperson, Department Of Biophysics and Prof. Neena Capalash, Department Of the department of Biotechnology, Panjab University, Chandigarh.

VC Launched the First Video of Mehar Chand Mahajan Boys Hostel

Chandigarh February 24, 2022

            The first video of Mehar Chand Mahajan, Boys Hostel Number 1, Panjab University, Chandigarh was launched by Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University, Chandigarh on 24th Feb. 2021. The video features the facilities provided to the university residents and various activities carried out in the hostel throughout the year.

            This initiative was progressively supported by the DSWs  Prof. Jagtar Singh, Prof. Meena Sharma and Prof. Ashok Kumar. On this video release, Dr. Rajeev Kumar, Warden, BH1 said that the video provides a glimpse of the efforts put by the residents and staff to make hostel a lively place for students while they are away from their families. He further added that this video is also a part of the University’s initiative headed by Director, Public Relations to showcase the positive activities carried out in the hostel for comprehensive growth of students.

सरकार की मंशा है निकाय चुनाव और बजट सत्र खत्म होने के बाद इसे लागू करे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे – दीपेंद्र हुड्डा

  • हरियाणा के कर्मचारियों के लिये भी राजस्थान सरकार की तर्ज पर पुरानी पेंशन को लागू करे सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
  • जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ऐसा कर सकती है तो हरियाणा में भाजपा की सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती – दीपेंद्र हुड्डा
  • प्रतिपक्ष के विरोध और निकाय चुनाव के डर से सरकार ने विकास शुल्क वृद्धि का फैसला वापस लिया है – दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़, 24 फ़रवरी:

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार हरियाणा के कर्मचारियों के लिये भी राजस्थान सरकार की तर्ज पर पुरानी पेंशन को लागू करे। उन्होंने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार द्वारा पुरानी पेन्शन स्कीम (OPS) लागू करने के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ऐसा कर सकती है तो हरियाणा में भाजपा की सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करवाने की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नयी पेंशन प्रणाली (एनपीएस) असल में शेयर मार्केट के जरिए बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की सरकारी नीति है, जिसमें नुकसान कर्मचारी का और फायदा निजी कंपनियों को हो रहा है। यही कारण है कि सरकारी कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। NDA सरकार द्वारा लागू की गई नयी पेंशन नीति के तमाम दावे हकीक़त में जमीन पर खरे नहीं उतरे।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि विकास शुल्क वृद्धि पर प्रतिपक्ष के पुरजोर विरोध और निकाय चुनाव के डर से सरकार ने ये फैसला वापस लिया है। नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हुई विधायक दल की आपात बैठक में खुली चेतावनी मिलने के 1 ही दिन बाद विकास शुल्क में की गई भारी बढ़ोत्तरी वाला तुगलकी फ़रमान रद्द करना पड़ा। विकास शुल्क में बैकडोर से ख़तरनाक बढ़ोत्तरी पर हरियाणा सरकार का यू-टर्न लेना जनता और विपक्ष की जीत है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की मंशा है निकाय चुनाव और बजट सत्र खत्म होने के बाद इसे लागू करे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय निकायों में कोई नया शुल्क नहीं लगाया, बल्कि वर्षों से चले आ रहे चूल्हा टैक्स, भट्टी टैक्स आदि को खत्म किया था। इसके अलावा भाजपा और इनेलो की गठबंधन सरकार ने जो भारी भरकम हाउस टैक्स थोपे थे उन्हें ख़त्म कर नाम मात्र के शुल्क लागू किये गए और जनता को राहत दी गई थी।