Friday, December 27

अब सिर्फ़ एक क्लिक के साथ अनाधिकृत कालोनियों में प्लाटों, इमारतों को नियमित करवाएं
ऑनलाइन मिलने वाली लगभग सभी सेवाओं में आवेदनों की रियल-टाईम ट्रेकिंग की मिल रही सुविधा

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : लोगों को उनके घर पर निर्विघ्न और पारदर्शी ढंग के साथ समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने ऑनलाइन प्रणाली विकसित की है जिससे विभाग की कार्यकुशलता में और विस्तार हो रहा है।
आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग द्वारा डिज़ाइन किये गए सिंगल पोर्टल पर बहुत सी सेवाएं उपलब्ध हैं जिनमें निर्धारित समय के अंदर प्लाटों और इमारतों को रेगुलर करना, मालिकाना अधिकार में तबदीली और एक क्लिक पर एन.ओ.सी. प्राप्त करना आदि शामिल हैं। इससे पहले आवेदक को इन प्राथमिक सेवाओं के लिए सरकारी दफ़्तरों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे।
अनाधिकृत कालोनियों में सम्पत्ति खरीदने वाले लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने एन.ओ.सी. प्राप्त करने के लिए रेगूलराईज़ेशन पोर्टल पर आवेदनों को ऑनलाइन जमा कराने और निपटारे की सुविधा शुरू की है। इसके अलावा आवेदनों के जल्द और समय पर निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए एन.ओ.सी. जारी करने की समय-सीमा भी पहले निर्धारित 21 दिनों की मियाद से घटाकर 15 कामकाजी दिन कर दी गई है।
जि़क्रयोग्य है कि रेगूलराईज़ेशन की यह सुविधा सिर्फ़ उन अलॉटियों/निवासियों द्वारा प्राप्त की जा सकती है, जिनकी सम्पत्तियां 19 मार्च, 2018 से पहले अस्तित्व में आई अनाधिकृत कालोनियों में आती हैं।
पहले आवेदनों का निपटारा ऑफलाईन ढंग के साथ किया जाता था और आवेदकों को एन.ओ.सी. जारी करवाने के लिए लम्बा समय इन्तज़ार करना पड़ता था। अब पोर्टल पर बहुत सी सुविधाएं दी गई हैं जिनमें आवेदनों को ऑनलाइन जमा कराना, ऑनलाइन भुगतान, आवेदनों की स्थिति की जांच और इनका ऑनलाइन निपटारा आदि शामिल हैं। यह सिंगल पोर्टल आवेदनों के तुरंत निपटारे के लिए नगर निगम की हद के अंदर और बाहर पड़ते प्लाटों और इमारतों को नियमित करने के लिए तैयार किया गया है।
कामकाज में जवाबदेही तय करने और सभी सेवाओं को समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले विभाग ने सम्पत्तियों के मालिकों की डिजिटल तौर पर हस्ताक्षित स्वीकृतियों तक पहुँच को सुनिश्चित बनाया जिससे विभाग के कामकाज में 100 प्रतिशत पारदर्शिता आई है। अब लोगों को इन स्वीकृतियों तक पहुँच के लिए आर.टी.आई. दायर करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। श्री अमन अरोड़ा ने कहा, ‘‘मैं निजी तौर पर ऑनलाइन सेवाओं की कार्यप्रणाली पर नजऱ रख रहा हूं और आवेदनों के निपटारे में किसी भी तरह की देरी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।’’
विभाग द्वारा ऑनलाइन दी जा रही 25 सेवाओं सम्बन्धी प्राप्त सभी आवेदनों पर समयबद्ध कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही आवेदनों की रियल-टाईम ट्रेकिंग, डिज़ीटली हस्ताक्षित सर्टिफिकेट जारी करना और एस.एम.एस. अलर्ट द्वारा जानकारी देना आदि सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन प्राप्त की जा सकने वाली 25 सेवाओं में मालिकाना अधिकार की तबदीली, मालिकाना अधिकार की तबदीली (मौत की सूरत में ग़ैर-रजिस्टर्ड वसीयत), मालिकाना अधिकार की तबदीली (मौत की सूरत में सभी कानूनी वारिस), मालिकाना अधिकार की तबदीली (मौत की सूरत में रजिस्टर्ड वसीयत), सीडी जारी करना, बढ़ाए हुए क्षेत्र के लिए सीडी जारी करना, बकाया न होने सम्बन्धी सर्टिफिकेट जारी करना (एन.ओ.सी.), री-अलॉटमेंट पत्र जारी करना, बिक्री/तोहफे/तबदीली की इजाज़त, गिरवी रखने की इजाज़त, पेशेवर सलाह सम्बन्धी सेवाओं की इजाज़त, लेटर ऑफ इन्टेंट (एल.ओ.आई.), तबदीली की इजाज़त (सी.डी. से पहले), प्लॉट की हदबंदी, पूर्णता सर्टिफिकेट/कब्जे का सर्टिफिकेट जारी करना, पूर्णता सर्टिफिकेट/ कब्जे का सर्टिफिकेट जारी करना-निजी जायदाद, डीपीसी जारी करना -निजी सम्पत्तियों, डीपीसी सर्टिफिकेट जारी करना, अस्टेट एजेंट के तौर पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, प्रमोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, आर्कीटेक्ट के तौर पर रजिस्ट्रेशन, अस्थाई सिवरेज कुनेक्शन (निर्माण उद्देश्य के लिए) जारी करना, पानी के कुनेक्शन को नियमित करना, सिवरेज कुनेक्शन और जलापूर्ति की मंज़ूरी शामिल हैं।
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लोगों को सेवाएं प्रदान करने में देरी के प्रति ज़ीरो-टोलरेंस
राज्य के लोगों को सेवाएं प्रदान करने में देरी के प्रति ज़ीरो-टोलरेंस अपनाते हुए 0आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग द्वारा हाल ही में 42 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये थे और तीन कर्मचारियों – दो सीनियर सहायक और एक सहायक अस्टेट अफ़सर को ड्यूटी में लापरवाही के लिए चार्जशीट किया गया था।
विभाग ने एक ऑनलाइन प्रणाली विकसित की है जिसके अंतर्गत विभाग के पास आने वाले आवेदनों और फाइलों की निगरानी सीनियर अधिकारी और केबिनेट मंत्री श्री अमन अरोड़ा ख़ुद कर रहे हैं।
 अमन अरोड़ा द्वारा यह कड़ी कार्रवाई विभाग के इन 45 कर्मचारियों के स्तर पर सबसे अधिक बकाया पड़े मामलों का पता लगने के बाद की गई थी। इन कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गए हैं, जबकि तीन कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने और ड्यूटी में लापरवाही के लिए चार्जशीट किया गया था।