Sunday, December 22

एन.आर.आई. सभा कोई एन.जी.ओ. नहीं बल्कि राज्य सरकार का ही हिस्सा

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : प्रवासी भारतीय मामले, विभाग पंजाब के प्रमुख सचिव जे.एम. बालमुरूगन ने आज एन.आर.आई. पंजाबियों के साथ मिलनी संबंधी की जा रही बयानबाज़ी को पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार अफवाहें बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया।
प्रमुख सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि एन.आर.आई. सभा कोई एन.जी.ओ. नहीं है बल्कि यह एक सोसायटी है जो पंजाब सरकार की स्वीकृति से सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अंतर्गत रजिस्टर्ड है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब इसके चीफ़ पैटर्न और सभा के संरक्षक भी हैं। उन्होंने कहा कि कमिश्नर जालंधर डिविजऩ या कमिश्नर एन.आर.आई. मामले जैसे कि सरकार उचित समझे, सभा के चेयरमैन हैं जबकि राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नर एन.आर.आई. सभा की जि़ला इकाईयों के चेयरमैन हैं।
प्रमुख सचिव ने कहा कि एन.आर.आई. सभा पंजाब सरकार की संरक्षण अधीन काम करती है और सभा का मुख्य उद्देश्य पंजाब के प्रवासी भारतीयों की भलाई और हितों के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि सभा लगातार शिकायतों के निपटारे के लिए काम कर रही है जो कि एन.आर.आई. सभा पंजाब का मुख्य उद्देश्य है, जिसका एन.आर.आई. सभा पंजाब के संविधान में स्पष्ट तौर पर जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि एन.आर.आई. सभा पंजाब में प्रवासी भारतीयों की, उनके अधिकारों की रक्षा ख़ास कर सम्पत्ति से सम्बन्धित मामलों में मदद कर रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि पंजाब की एन.आर.आई. सभा के उप-नियमों के अनुसार यह पंजाब के प्रवासी भारतीयों की भलाई को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की एक एजेंसी के तौर पर भी काम करेगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा आयोजित ‘‘एन.आर.आई. पंजाबियां नाल मिलनी’’ प्रोग्राम का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों की शिकायतों का तेज़ी से निपटारा करना है, जोकि एन.आर.आई. सभा पंजाब के उद्देश्यों में से एक है।
जि़क्रयोग्य है कि ‘‘प्रवासी पंजाबियां नाल मिलनी’’ प्रोग्राम पर ख़र्च किया जा रहा पैसा पूरी तरह सरकारी कामकाज से सम्बन्धित है और पंजाब के प्रवासी भारतीयों की शिकायतों के निपटारे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस मुद्दे को उठाने वाले व्यक्तियों की एनआरआई सभा के प्रशासनिक और वित्तीय कामकाज में कोई भूमिका नहीं है क्योंकि चुने गए सदस्यों का कार्यकाल मार्च 2022 में ख़त्म हो चुका है और चाहे सभा की चुनी हुई संस्था हो तो भी चेयरमैन का पद डिवीजऩल कमिश्नर जालंधर के पास ही रहता है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि अलग-अलग स्थानों पर सभी प्रबंधों के खर्चों को पूरा करने के लिए एनआरआई सभा पंजाब के उप-नियमों की धारा 18 (ए) के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा विधिवत् तौर पर मंज़ूर किये गए पैसों की सरकार द्वारा पहले ही अदायगी की जा रही है।