पंचांग, 23 दिसम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 23 दिसम्बर 22 :

Paush Amavasya 2022: Last Amavasya of the year 2022 definitely do this work  on the day of Paush Amavasya - Paush Amavasya 2022: कल साल 2022 की आखिरी  अमावस्या, पौष अमावस्या के
आज पौष अमावस है

नोटः आज पौष अमावस है। (स्नानदान, पितृकार्येषु) : उदयातिथि के अनुसार, पौष अमावस्या 23 दिसंबर 2022 यानी आज मनाई जा रही है। पौष अमावस्या तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर 2022 यानी कल शाम 07 बजकर 13 मिनट से शुरू हो चुकी है। इसका समापन 23 दिसंबर को आज शाम 03 बजकर 46 मिनट पर होगा।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944,

मासः पौष, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अमावस, अपराहन्ः 03.47 तक है, 

वारः शुक्रवार। 

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः मूल, रात्रि कालः 01.13 तक है, 

योगः अतिगण्ड दोपहर काल 01.41 तक, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशि धनु, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

 सूर्योदयः 07.15, सूर्यास्तः 05.26 बजे।