स्वतंत्रता आंदोलन में सैनी समाज का बड़ा योगदान : मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने महाराजा शूरसेन सैनी जयंती समारोह को किया संबोधित
पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 20 दिसम्बर :
महाराजा शूरसैनी बहुत ही प्रतापी, वेदों के ज्ञाता, न्यायप्रिय, धर्मात्मा एवं प्रजापालक राजा थे। उनके राज्य में पूर्ण समाजवाद था। उन्हीं के नाम पर शूरसैनी प्रदेश मथुरा के पास का इलाका कहलाया। उन्हीं के नाम पर सौर सैनी भाषा और उन्हीं से आगे चलकर शूरसैनी वंश चला और सैनी जाति का जन्म हुआ। शूरसैनी जाति की प्रशंसा न सिर्फ इतिहास में मिलती है, बल्कि महाभारत में भी शूर सैनियों का यश गाया गया है। यह बात मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने महाराजा शूरसेन सैनी की जयंती के अवसर पर हिसार में सैनी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित जन समूह को चंडीगढ़ से वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कही। समारोह में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, विधान सभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, उत्तर प्रदेश से राज्य मंत्री जसवंत सैनी, कुरूक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी, मेयर गौतम सरदाना, पार्टी महामंत्री पवन सैनी, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व मंत्री हरिसिंह सैनी, विधायक विनोद भयाना, भव्य बिश्रोई, समारोह के संयोजक जवाहर सिंह सैनी, सीनियर डिप्टी मेयर अनिल मानी, रवि सैनी, सैनी सभा ट्रस्ट के प्रधान ओमप्रकाश राड़ा, कर्मबीर सैनी, जसवंत सैनी, सुरेन्द्र सैनी, सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से समाज के अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
सैनी समाज का इतिहास जितना गौरवशाली, उतना ही महान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सैनी समाज का इतिहास जितना गौरवशाली, उतना ही महान है और उतना ही प्राचीन भी है। ऋग्वेद में श्रेणी नामक वीर जाति का वर्णन मिलता है, उसी वंश में आगे चलकर महाराजा ‘शूरसैनी’ ने शूरसैनीगण की स्थापना की थी। सैनी समाज ने सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फूले, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले जैसे समाज सुधारक और श्री लिखमीदास जैसे संत, बल्लभगढ़ रियासत के सेनापति गुलाब चंद सैनी जैसे वीर यौद्धा, बिहार में सामाजिक क्रांति के सूत्रधार बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा जैसे समाज सेवक, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद कुशवाहा जैसे खिलाड़ी, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन गुरु वचन सलारिया, परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह सैनी जैसे वीर सैनिक, चंडीगढ़ स्थित रॉक गार्डन के निर्माता पद्मश्री नेकचन्द सैनी जैसे कलाकार, भारत में बाघों की जनसंख्या एवं उनके अस्तित्व को बचाने के लिए कार्य करने वाले पद्मश्री कैलाशचंद सांखला जैसे वन्य प्राणी संरक्षक सहित अनेक महापुरुष दिए हैं। स्वतंत्रता आंदोलन में भी सैनी समाज का बड़ा योगदान है और देश के नव-निर्माण में सैनी समाज का योगदान प्रशंसनीय है।
सैनी समाज में 30 प्रतिशत विद्यार्थियों के बल पर आगे बढ़ेगा समाज
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार की परिवार पहचान पत्र एक अनूठी योजना है, जिससे हर परिवार का डाटा सरकार के पास उपलब्ध है। इस डाटा के अनुसार सैनी समाज के परिवारों की संख्या 1.96 लाख है जो जनसंख्या के हिसाब से 8 लाख से अधिक बनती है। इसमें 30 प्रतिशत जनसंख्या विद्यार्थियों की है। जिस समाज में विद्यार्थियों की संख्या इतनी अधिक हो उसे आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता। इस अवसर पर उन्होंने सैनी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के जीर्णोद्धार व नव निर्माण के लिए अपने ऐच्छिक कोष से 31 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता व विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की ओर से 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने सैनी समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर विचार करते हुए कहा कि प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले के नाम पर शिक्षण संस्थान का नाम रखा जाएगा। इसके लिए समाज के लोग व प्रतिनिधि जिस शहर या क्षेत्र में कॉलेज या स्कूल का नाम रखने के लिए सरकार को बताएंगे, उस शिक्षण संस्थान का नाम सावित्री बाई फूले के नाम पर रख दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने धर्मशाला के लिए जमीन देने की मांग पर घोषणा करते हुए कहा कि समाज के लोगों को आवेदन करना होगा और नियमानुसार धर्मशाला के लिए प्लॉट आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा, अन्य मांगों पर भी विचार कर उन्हें पूरा किया जाएगा।