Friday, December 27

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 19 दिसम्बर 22 :

Know Date, Significance and rules of Saphala Ekadashi Vrat 2021 | Safla  Ekadashi 2021 : कब पड़ेगी साल की आखिरी एकादशी और क्या है इस व्रत की विधि और  महत्व? | TV9 Bharatvarsh
आज सफला एकादशी व्रत है

नोटः आज सफला एकादशी व्रत है : पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी (जिसे सफला एकादशी भी कहा जाता है) इस बार 19 दिसंबर को आ रही हैं। यह इस वर्ष की अंतिम एकादशी भी होगी। शास्त्रों में इसे भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण करने वाला और मोक्ष देने वाली बताया गया है। इस दिन यदि विधिवत पूजा कर भगवान को प्रसन्न कर लिया जाए तो घर में साक्षात लक्ष्मी का वास हो जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः पौष, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः एकादशी, 

रात्रिकालः 02.33 तक है, 

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः चित्रा, प्रातः कालः 10.31 तक है, 

योगः अतिगण्ड रात्रि काल .03.20 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.13, सूर्यास्तः 05.23 बजे।