डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए बार कॉउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा ने लांच की ई-बार कॉउंसिल सर्विसेज

  • मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब एडवोकेट वेलफेयर के माध्यम से 54 लाख 80 हज़ार रुपये का फंड 23 मृत वकीलों के परिवारों को किया वितरित
  • 350 से अधिक नए एडवोकेट्स ने शपथ के प्राप्त किया एनरोलमेंट सर्टिफिकेट

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़  17 दिसंबर :

            बार कॉउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा ने एडवोकेट्स को सुविधा देने के लिए ई-बार कॉउंसिल सर्विसेज को लांच  किया। सुविधाओं से परिपूर्ण इस सेवा का शुभारंभ पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान द्वारा किया गया। इस दौरान उनके साथ बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के मेंबर प्रताप सिंह, बार कॉउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के चेयरमैन सुवीर सिद्धू, सेक्रेटरी गुरतेज सिंह, पंजाब के एडवोकेट जनरल विनोद घई, वाईस चेयरमैन अशोक सिंगला, एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन सी एम मुंजाल, राज्य सभा सदस्य राघव चड्ढा उपस्थित थे।

            इस मौके पर मुख्यमंत्री व बार कॉउंसिल के चेयरमैन सुवीर सिधू ने 350 से अधिक नए वकीलों को शपथ के साथ एनरोलमेन्ट सर्टिफिकेट भी वितरित किए और उन्हें शुभकामनाएं दी। 

            पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नए वकीलों को अपने प्रोफेशन को जुनून के साथ अपनाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि जोश और जुनून जब दोनों इकठे हो जाएं तो कोई भी ऐसा काम नही जो पूरा न हो सके। उन्होंने कहा कि जूनियर को अपने सीनियर से गाइडेंस लेनी चाहिए ताकि उनमें एक अच्छी समझ का निर्माण हो सके। बड़े मामलों में जूनियर को भी शामिल करना चाहिए इससे जूनियर को तजुर्बा मिलता है जिससे वो अच्छी तरह मामले को जान सकते हैं।  मुख्यमंत्री ने बार कॉउंसिल के डिजिटलाइज्ड होने पर सभी वकीलों को बधाई दी।

            बार कॉउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के चेयरमैन सुवीर सिधू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करते हुए नए एनरोल्ड एडवोकेट्स को महान कानूनी पेशे की गरिमा बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने ई-बार कॉउंसिल सर्विसेज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कॉउंसिल द्वारा विभिन्न सेवाओं का पूर्ण रूप से  डिजिटलीकरण किया गया है जिसमें एडवोकेट्स को किसी भी काम से चंडीगढ़ में आने की जरूरत कम पड़ेगी। वे विभिन्न प्रकार की सेवाओं को बार कॉउंसिल की साइट से जाकर प्राप्त कर पाएंगे। इन सेवाओं में एनरोलमेंट सर्टिफिकेट, रिन्यूवल इंशोरेंस, कॉन्टिनुएड सर्टिफिकेट, डुप्लीकेट एनरोलमेंट, आइडेंटिटी कार्ड, रेगुलर एनरोलमेंट जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो कि एडवोकेट्स का समय बचाएंगी।

            इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब एडवोकेट वेलफेयर के माध्यम से 54 लाख 80 हज़ार रुपये का फंड 23 मृत वकीलों के परिवारों को वितरित किया। जो कि टिकट्स वकालतनामा और अन्य दस्तावेज कोर्ट में पेश करने से पहले पंजाब एडवोकेट वेलफेयर फंड की टिकट लगाने से प्राप्त होता है।

            राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने पंजाब में ई-सेवा पोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर वकील बनने की अपनी इच्छा का खुलासा किया। उन्होंने वकीलों और नए वकीलों की प्रशंसा की। अपने भाषण में उन्होंने कानून का अभ्यास करने के लिए कानूनी लाइसेंस पर जोर दिया और इसे न्याय की खोज को बनाए रखने के दायित्व के रूप में वर्णित किया।  चड्ढा ने भारत जैसे देश में न्याय की मांग करने वाले आम नागरिकों के गंभीर मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने वर्तमान में अदालतों में मामलों की मात्रा पर भी जोर दिया और सरकार व न्यायपालिका द्वारा इस मुद्दे को हल करने के प्रयासों की उम्मीद की। चड्ढा ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच हाल की लड़ाई पर प्रकाश डाला।  उन्होंने तीन स्तंभों- विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच एक स्वस्थ संबंध की अपील की।  उन्होंने पंजाब और हरियाणा बार कॉउंसिल को बधाई देकर अपना भाषण समाप्त किया।