पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार :
श्री तिरुपति धाम में 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनुर्मास महोत्सव आयोजित किया जाएगा। एक महीने तक चलने वाले माता गोदांबा के इस धनुर्मास महोत्सव में हर रोज भूदेवी का स्वरूप माता गोदांबा की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। अखिल भारतीय श्री वैकुण्ठनाथ सेवा धर्मार्थ ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित होने वाला यह धनुर्मास महोत्सव पूरी तरह माता गोदांबा को समर्पित रहेगा। इस धनुर्मास महोत्सव में हिसार व अन्य जिलों से काफी संख्या में श्रद्धालु शिरकत करेंगे। धनुर्मास के अंतिम दिन 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन गोदांबा माता का विवाह महोत्सव आयोजित किया जाएगा। श्री तिरुपति बालाजी धाम के अनुसार मान्यता है कि भूदेवी का अवतार माता गोदांबा ने भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथ को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए एक महीने तक कठिन व्रत का निर्वहन किया था। माता गोदांबा ने धनु संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति तक भगवान विष्णु की कड़ी उपासना की।
माता गोदांबा ने तिरुप्पवे स्रोत की रचना करके उसका तीस दिन तक नियमित रूप से पाठ किया। माता गोदांबा की भक्ति व आस्था के प्रतिफल स्वरूप भगवान रंगनाथ प्रसन्न हुए। इसलिए इन 30 दिनों की अवधि को धनुर्मास कहा जाता है। धनुर्मास के अंतिम दिन मकर संक्रांति को माता गोदांबा का श्रृंगार करके भगवान रंगनाथ के साथ विवाह महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस विवाह महोत्सव में श्रद्धालु नए वस्त्र पहनकर पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इस दौरान मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है।
श्री तिरुपति बालाजी धाम में श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिर स्थापित किए गए हैं। श्री तिरुपति बालाजी धाम में स्थापित 42 फुट ऊंचा सोने का श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम् व श्री तिरुपति यज्ञशाला भी विशेष दर्शनीय हैं।