डेमोक्रेटिक फ्रंट
कोरल पुरनूर
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पंचकूला, 14 दिसंबर- कृषि विभाग पंचकूला द्वारा प्राकृतिक खेती को बढावा देने के उदेश्य से मोरनी खण्ड के गांव ठाकुर दव्वारा (भौज पौंटा) में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डा0 सुरेन्द्र सिंह दहिया, अतिरिक्त निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा, पंचकूला ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया।
डा0 राजेश लाठर, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र पंचकूला ने किसानों से प्रश्न-उतर करते हुए प्राकृतिक खेती के लाभों से अवगत कराया। विभिन्न फसलों में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अंधाधुन्ध प्रयोग से बिगडती मृदा संरचना व भूमि की उपजाऊ शक्ति में कमी से उत्पन्न मानव-स्वास्थय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए इसके कारण व निवारण से किसानों को जागरूक किया। प्राकृतिक खेती के अंतर्गत किसी भी फसल पर विभिन्न बिमारियों व कीटों आदि से सुरक्षा हेतु घर पर ही कम लागत पर छिडकाव हेतु बनाने वाली विभिन्न दवाओं जैसे नीमास्त्र, अग्नि अस्त्र, फंगीसाइड व दंशपर्णी, अर्क दवा, जीवा तथा प्राकृतिक खाद जैसे जीवा मृत, बीजामृत, गुड/जल अमृत, जवैरलिक, घनजीवामृत आदि बनाने व इसके प्रयोग की विधियों बारे किसानों को विस्तार से बताया।
डा0 सुरेन्द्र दहिया ने चर्चा के दौरान किसानों को बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई प्राकृतिक खेती स्कीम के अंतर्गत किसानों को देसी गाय की खरीद पर 25000 रूपए प्रति गाय की दर से अनुदान राशि प्रदान की जा रही है तथा विभिन्न प्रकार की देसी दवाईयां व देसी खाद बनाने हेतु 750 रूपए प्रति ड्रम की दर से कुल चार ड्रमों के लिए 3000 रूपए राशि अनुदान के तौर पर भी दी जा रही है। इस प्रकार म्ुाख्य अतिथि ने प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक अपनाने हेतु किसानों को आह्वान किया।
डा0 सुरेन्द्र सिंह यादव, उप कृषि निदेशक पंचकूला ने बताया कि पंचकूला जिले में प्राकृतिक खेती को बढावा देने हेतु किसान-गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक किसानों को जागरूक किया जा सके। इसी श्रृंख्ला में आगामी तिथियों में जिले के अन्य खण्डों में भी किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
डा0 बलबीर भान, उपमण्डल कृषि अधिकारी, ने प्राकृतिक खेती स्कीम के साथ-2 विभाग द्वारा क्रियान्वित अन्य किसान हितैषी स्कीमों के अंतर्गत प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस अवसर पर डा0 रविन्द्र हुड्डा, गुण नियंत्रण निरिक्षक तथा डा0 अजय नरवाल, खण्ड कृषि अधिकारी, मोरनी भी उपस्थित रहे।