Friday, December 27

– विद्यार्थी अपनी पढाई से संबंिधत किताबों के साथ-साथ अन्य किताबों का भी करें अध्ययन -कंवरपाल

-बच्चे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दे सकते हैं बेहतर योगदान -शिक्षा मंत्री

डेमोक्रेटिक फ्रंट

कोरल पुरनूर 

पंचकूला, 14 दिसम्बर- हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री श्री कवंरपाल ने आज पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित यवनिका टाउन पार्क में आयोजित प्रथम पंचकूला पुस्तक मेले का रिबन काट कर उद्घाटन किया। इस पुस्तक मेले में हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी भाषा के 40 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें शामिल की गई हैं।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री कंवरपाल ने कहा कि पुस्तक मेले में लोगों को अपने ज्ञान में वृद्धि करने के साथ-साथ अपने पसंदीदा लेखकों को पुस्तकों को खरीदने का अवसर भी मिलेगा।
उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से अहवान किया कि वे पढाई से संबंिधत किताबें पढने के साथ-साथ अन्य पुस्तकों का भी अध्ययन करें ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के इस युग में लोगों का पुस्तकों के प्रति रूझान कम हुआ है जो कि एक चिंता का विषय है। उन्हांेने कहा कि हालांकि इंटरनेट पर कम समय में अधिक जानकारी हासिल की जा सकती है परंतु किताबों के माध्यम से अर्जित किया गया ज्ञान लंबे समय तक स्मरण रहता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लोगों में किताबों में रूचि पैदा करने के लिए यह पुस्तक मेला सहायक सिद्ध होगा।
श्री कंवरपाल ने कहा कि पेड़ होंगे तो पुस्तकें होंगी। इसलिए  पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों को अनावश्यक काटने से रोकना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में सोच में बदलाव लाने की श्रमता है और वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूलों और काॅलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि वे स्वयं पर्यावरण संरक्षक बनने के साथ-साथ दूसरों को भी प्रेरित करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा पावर युटिलिटिज के अध्यक्ष श्री पी के दास ने कहा कि बेहतर जिंदगी का रास्ता बेहतर किताबों से होकर गुजरता है। उन्होने कहा कि पुस्तकें श्रेष्ठ मानव समाज की रचना का आधार है। उन्होने विद्यार्थियों को आहवाहन करते हुए कहा कि जो पढेगा वही बढेगा।
अपने स्वागतीय भाषण में एच एस वी पी के प्रशासक श्री धर्मवीर सिंह ने कहा कि प्रतिदिन पुस्तक मेले में 2 हजार विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
इस अवसर पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री अंशज सिंह, हरेडा के चेयरमैन श्री स्वतंत्र कुमार, डा. प्रदीप नौटियाल, निदेशक ए. के. रहेजा, निदेशक सुनील सेट्टी, निदेशक कुलदीप, मुख्य अभियंता मनमोहन माटा, जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, उप निदेशक नीता सगम, सहित शिक्षा विभाग से ें शिक्षक तथा विद्यार्थी भी उपस्थित थे।

 ऊर्जा संरक्षण दिवस पर संयोजित हुआ ऊर्जा संरक्षण रैली
पंचकूला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के सहयोग से ऊर्जा संरक्षण दिवस पर ऊर्जा संरक्षण रैली का आयोजन किया गया। अक्षय ऊर्जा  विभाग के अधिकारियों के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक एवं पूनम अहलावत के समन्वय में सैंकड़ो विद्यार्थियों का समूह यवनिका पार्क पहुंचा। जिनका स्वागत श्री पी के दास अध्यक्ष हरियाणा पावर युटिलिटिज ने श्री स्वतंत्र कुमार अध्यक्ष हरेडा एवं श्री एस. नारायणन महानिदेशक हरेडा एवं महानिदेशक हरेडा एवं महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री अंशज सिंह ने किया।

चालीस से अधिक प्रकाशकों से सजा प्रथम पंचकूला पुस्तक मेला
  इस पुस्तक मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा, राजकमल प्रकाशन, राधा कृष्ण प्रकाशन, आधार प्रकाशन, हरियाणा ग्रन्थ अकादमी, हरियाणा साहित्य अकादमी, पंजाब बुक सेंटर, वाणी प्रकाशन, भारतीय ज्ञान पीठ, किताब घर, संवाद प्रकाशन, सेतु प्रकाशन, गीता प्रेस साहित्य अकादमी जैसे देशभर से 40 से अधिक प्रकाशक हिस्सा ले रहे है।

पुस्तक प्रश्नोत्तरी एवं चित्रकला शिविर रहा आकर्षण का केन्द्र
विविध शिक्षण संस्थानों से आये विद्यार्थियों ने एन बी टी के संपादक श्री विजेन्द्र के संयोजन में पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित की गई। वही विविध शिक्षण संस्थाओं से आये विद्यार्थियों ने चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। जिसका संयोजन स्टेट लाईब्रेरी चण्डीगढ़ की नीजा सिंह ने किया।

द्वितीय सत्र में इन्द्रधनुष आडिटोरियम में हुआ ‘‘स्वतंत्रता आंदोलन में आनंद मठ एक विचार’’ विषय पर हुआ विमर्श
पुस्तक मेले के उद्घाटन दिवस पर उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से  इन्द्रधनुष सभागार में स्वतंत्र आंदोलन में आनंद मठ एक विचार विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कोलकाता से आयी प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. सोमाबद्योपाध्याय ने कहा कि वंदेमातरम स्वतंत्र आंदोलन का बीज मंत्र है। उस समय लोग आनंद मठ को गीता के समान पवित्र  समझकर अपने घरों मंे रखते थे। उन्होंने कहा कि आनंद मठ को आज के संदर्भ में रखकर पढ़ना चाहिए। आनंद मठ आज उतना ही प्रासंगिक है जिसना उस समय में था।
यह पुस्तक मेला सुबह 10 बजे से सायं 7 बजे तक खुला रहेगा। कल दिनांक 15 दिसम्बर 2022 को ‘‘स्त्री का समाज और समाज में स्त्री’’ विषय पर विमर्श का आयोजन किया जायेगा।