रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 9 दिसम्बर:
देश के जाने -माने जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज द्वारा यहां हुकम चंद स्ट्रीट में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भवन में कुछ दिनों से प्रवचनों की अमृत वर्षा कर रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं की भीड़ में कहा कि जीवन में सब कुछ हमारे मन मुताबिक नहीं होता है तो कई बार हम व्यर्थ में क्रोधित हो उठते हैं।
क्रोध में हम विवेक खोकर भयंकर परेशानियों के साथ अपराध कर बैठते हैं। उन्होंने कहा कि एक पल का क्रोध जिंदगी भर के लिए अभिशाप बन जाता हैं जिससे इंसान का भविष्य बिगड जाता हैं। जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज ने कहा कि मन को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए। अच्छे कार्य आपको और आपके मन को नव उत्साह से भर देंगे और हम सदा सर्वदा प्रसन्न होंगे। जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज ने कहा कि प्रसन्नता के लिए मन का साधना आवश्यक है। साधना के लिए ध्यान या मैडीटेशन आवश्यक है। एक बार ध्यान लगने लगा तो आत्मा आनंद में रहती हैं।
जैन संत आचार्य कमल मुनि जी महाराज ने प्रवचन जारी रखते हुए कहा कि क्षमा मांग लेना फिर भी आसान है मगर किसी को क्षमा कर देना कदापि आसान काम नहीं।क्षमा सबके बस की बात नहीं तभी तो कहा गया है कि ” क्षमा वीरस्य भूषणं और क्षमा वाणीस्य भूषणं ” क्षमा साहसी लोगों का आभूषण है और क्षमा वाणी का भी आभूषण है।
उन्होंने कहा कि बलवान वह व्यक्ति नहीं जो किसी को दंड देने की सामर्थ्य रखता हो अपितु बलवान वह है जो किसी को क्षमा करने की सामर्थ्य रखता हो। उन्होंने कहा कि यदि आप किसी को क्षमा करने का साहस रखते हैं तो सच मानिए कि आप एक शक्तिशाली सम्पदा के धनी हैं और इसी कारण आप सबके प्रिय भी बन जाते हैं।आजकल परिवारों में अशांति और क्लेश का एक प्रमुख कारण यह भी है कि हमारे जीवन से और जबान से क्षमा नाम का गुण लगभग गायब सा हो गया है। दूसरों को क्षमा करने की आदत डाल लो जीवन की बहुत समस्याओं से बच जाओगे। जिसके जीवन एवं जिह्वा में क्षमा है, उसके जीवन में सुख है, शांति है,आनन्द है।
इस अवसर पर विजय बांसल,चांदी राम जैन, रूप लाल लोहे वाले,शिवा,जगदीश बांसल चंदभानियां, दीनानाथ गोयल,सुरेश सिंगला बैंक वाले,विपन बांसल जैन,रिक्का बांसल शैलर वाले, विजय सिंगला जैन आदि उपस्थित थे।