मुख्य सचिव द्वारा आवारा पशुओं की संभाल और प्रबंधन के लिए व्यापक योजना बनाने के निर्देश
आवारा पशुओं के साथ हादसाग्रस्त पीड़ितों को मुआवज़े की एक समान नीति बनाने के लिए कमेटी बनाने के लिए कहा
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
राज्य में खुले में घूमते आवारा पशुओं के कारण होते हादसों को गंभीरता से लेते हुये पंजाब सरकार ने इनके संभाल और प्रबंधन के लिए योजना बनाने और आवारा पशुओं से होते हादसों के पीड़ितों को उचित मुआवज़ा देने के लिए एक समान नीति बनाने के लिए कमेटी बनाने का फ़ैसला किया गया है।
आज यहां पंजाब सिवल सचिवालय में उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ ने स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में खुलेआम घूमते आवारा पशुओं की शिनाख़्त करके उनको ख़ास वाहन के द्वारा नज़दीकी गौशालाओं के अंदर छोड़ने की व्यवस्था तैयार करें। उन्होंने प्रशासनिक सुधार विभाग को कहा कि कोई ऐसा ट्रेकिंग सिस्टम बनाया जाये जिसके द्वारा जीओ मैपिंग से पता लग सके कि आवारा पशु किस जगह घूम रहा है। इसलिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जा सकता है जहाँ से आवारा पशुओं वाली जगहों पर इनको ले जाने वाले वाहन को भेजा जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में आवारा पशुओं से होते हादसे बहुत ही चिंता का विषय है, इससे मानवीय जानें बेकार जाती हैं। आवारा पशुआं के रोकथाम के लिए सम्बन्धित विभाग के साथ मिल कर काम करें। इस दौरान मीटिंग में आवारा पशुओं से होते हादसों में जान गवाने वाले व्यक्तियों के परिवार को मुआवाज़ा राशि देने की नीति पर भी विचार किया गया। इस सम्बन्धी मुख्य सचिव की तरफ से वित्त कमिशनर ग्रामीण विकास एवं पंचायत, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय, प्रमुख सचिव पशु पालन, प्रमुख सचिव परिवहन और ए. डी. जी. पी. ट्रैफिक की कमेटी बनाने का फ़ैसला किया जिससे उपयुक्त मुआवज़ा देने के लिए एकसमान नीति बनाई जा सकी।
मीटिंग में वित्त कमिशनर ग्रामीण विकास एवं पंचायत के सिवा प्रसाद, प्रमुख सचिव पशु पालन विकास प्रताप, प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय विवेक प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अजोए कुमार सिन्हा और गुरू अंगद देव यूनिवर्सिटी वैटरनरी एनिमल सायंसज़ यूनिवर्सिटी, लुधियाना के वाइस चांसलर डा. इन्द्रजीत सिंह उपस्थित थे।