SC ने पंजाब की AAP सरकार को फटकारा, BJP बोली – घरों में पानी नहीं, मोहल्लों में शराब पहुँच गई

            सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के नशा विरोधी कार्यों की गति पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने सरकार से अवैध शराब बनाने के खतरे को रोकने के लिए उठाए गए विशिष्ट कदमों की सूची भी बनाने को कही। कोर्ट ने इसके बाद  सीमा सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया। कोर्ट ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और अगर कोई देश को खत्म करना चाहेगा, तो वह सीमाओं से इसकी शुरुआत करेगा।

Punjab Election Bhagwant Mann Will Be AAP CM Face BJP Attack Said Party  Also Declared Its Liquor Policy | Punjab Election: भगवंत मान को CM चेहरा  बनाने पर BJP ने AAP पर

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

            पंजाब सरकार से सवाल करते हुए कोर्ट ने जब्त किए गए पैसे के इस्तेमाल की जानकारी माँगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को इस पैसे का इस्तेमाल नशा विरोधी अभियानों के लिए करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब तक 2 सालों में 34000 से ज्यादा एफआईआर हो चुकी है, लेकिन किसी पर मुकदमा नहीं हुआ है। पंजाब सरकार की ओर से जवाब देते हुए एएसजी ने कहा कि चीजें आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे कार्रवाई भी होगी।

            सुप्रीम कोर्ट ने  बड़े पैमाने पर अवैध शराब के निर्माण और बिक्री को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में ड्रग्स और शराब की समस्या एक गंभीर मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार केवल एफआईआर दर्ज कर रही है और आगे की कार्रवाई नहीं कर रही है। 

             कोर्ट ने पंजाब सरकार से अवैध शराब बनाने के खतरे को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की सूची बनाने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, अगर कोई देश को खत्म करना चाहेगा, तो वह सीमाओं से शुरू करेगा।  

            शीर्ष कोर्ट ने आगे कहा कि जिस तरह से पंजाब में नशे की समस्या बढ़ रही है, ऐसे तो युवा खत्म ही हो जाएंगे। नशे से लोग मर रहे।  कोर्ट ने कहा, हर गली में एक भट्टी हो गई है, अगर अवैध शराब पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में यह घातक साबित हो सकता है। 

            कोर्ट ने पंजाब सरकार सेयह भी पूछा कि अब तक तक जब्त किए गए पैसे किस जगह इस्तेमाल किए गए हैं।इस पैसे का इस्तेमाल सरकार को नशा विरोधी अभियानों के लिए करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अबतक दो वर्षों में 34 हजार से ज्यादा एफआईआर हो चुकी हैं, लेकिन किसी पर मुकदमा नहीं हुआ है। 


 

राजियासर में राजकीय महाविद्यालय की मांग को समर्थन: वृतांत सूरतगढ़ में मिली सफलता का

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 5 दिसंबर :

            सूरतगढ़ तहसील की उप तहसील राजियासर अधिकांश क्षेत्र टिब्बा क्षेत्र है शिक्षा की बहुत कमी है क्योंकि जितने स्कूल होने चाहिए उतने नहीं है। जो स्कूल है उनमें बहुत सी सुविधाएं नहीं है। ऐसे समाचार समय-समय पर क्षेत्र के 2 बड़े अखबारों राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर में छपते रहे हैं और हमारे जैसे लोग पढ़ते रहे हैं। राजियासर में  राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर छात्र आगे आए हैं। यह देश जिसमें शिक्षा भी दी नहीं जाती पढ़ने वाले लोग शिक्षा मांगते हैं, बस यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।

             कोई समय था श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर केवल एक ही राजकीय महाविद्यालय होता था। उस समय हनुमानगढ़ जिला बना नहीं था। आप सभी कल्पना कर सकते हैं कि इतने बड़े विशाल जिले में केवल एक राजकीय महाविद्यालय श्रीगंगानगर में था। एक महाविद्यालय में कितने छात्र जिनके पास बहुत कम पैसा हो परिवार के पास बहुत कम पैसा हो कितने पढ़ सकते हैं? राजकीय महाविद्यालयों में सीटों की हमेशा कमी और हर साल आंदोलन होते रहते हैं?

            ये सभी परिस्थितियां और स्थितियां राजनीतिक दल इलाके के राजनीतिक नेता जानते हैं समझते हैं। उस पर कितना काम करते हैं यह मैं बोलूं या बताऊं अच्छा नहीं लगेगा।

आज से 50 वर्ष पहले मैं सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग से जुड़ा हुआ एक व्यक्ति हूं।

            सेठ राम रामदयाल राठी राजकीय उच्च मा माध्यमिक विद्यालय में हायर सेकेंडरी यानि कि 11 कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद केवल इसलिए उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाया कि सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय नहीं था।  उस समय तो कोई प्राइवेट भी नहीं था। यदि हमारे परिवार के पास में पूंजी होती तो मैं निश्चित रूप से 1963 के बाद उच्च शिक्षा के लिए बीकानेर या बड़ी जरूर पहुंचता लेकिन पहुंच नहीं पाया।

             सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने बीड़ा उठाया। यह सन 1972 की बात है। 50 वर्ष पहले की बात है। आप सभी आश्चर्यचकित होंगे कि विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए संघर्ष का बीड़ा उठाने का जोश उस समय भी था और आज भी वैसा ही जोश चल रहा है।

            सन 1972 में विद्यार्थियों ने जो आंदोलन चलाया था। उससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा था इसलिए गुरुशरण छाबड़ा और हमारे जैसे सूरतगढ़ के और भी जोशीले लोगों ने मांग का समर्थन किया। विद्यार्थियों के उस आंदोलन को गुरुशरण छाबड़ा मेरे जैसे लोगों ने ले लिया।  विद्यार्थियों को कहा कि आप पढ़ें।इस आंदोलन को हम चलाएंगे।

            रेलवे स्टेशन सूरतगढ़ के आगे हमारा टेंट लगा जहां प्रतिदिन दो व्यक्ति क्रमिक अनशन पर बैठते थे। उस समय पत्रकारिता के साथ में आजीविका के लिए पुस्तक पत्र पत्रिकाएं आदि विक्रय करने की दुकान भी चलाया करता था। खुद पढता और समाचार भी भेजता भी था। जो जो दुकान पुस्तकों की हम चला रहे थे उसमें एक बार सुबह अगरबत्ती जला कर पूजा करके और फिर से बंद करके और उस टेंट में आ जाया करते थे। एक जोश था दुकान बंद हो जाती थी उसका अफसोस नहीं था।

            आंदोलन चलाते 3 महीने बीते। हमारे गले में आ गई थी। आगवानी करने में गुरुशरण छाबड़ा और मेरे जैसे लोग थे। पत्र लिखने का कार्य समाचार भेजने का कार्य मांग पत्र आदि भेजने का कार्य सुंदर हस्तलिपि के कारण मैं ही किया करता था। 3 महीने बीतने के बाद में ऐसा महसूस हुआ कि इस आंदोलन को और ज्यादा खींचा नहीं जा सकता।

            गुरुशरण छाबड़ा जी जयपुर गए, शिक्षा मंत्री से मिले। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया और वह आश्वासन तार के मार्फत करीब  4:30 बजे मुझे मिला और शाम को 5:00 बजे बिना भीड़भाड़ वाली एक सभा हुई। मैंने मंच से घोषणा की कि आंदोलन को स्थगित किया जाता है हमें आश्वासन मिल गया है। आप क्या कहेंगे? स्पष्ट शब्दों में टेंट उठाने की कार्रवाई थी। यही एक सच था। उस सच्च को छिपा करके भी मैं क्या करूं। संघर्ष करने वाले आगे बढ़ते हैं पीछे हटते हैं बीच में रुकते हैं अलग अलग परिस्थितियां होती है लेकिन संघर्ष जारी रहता है और कामयाबी भी दिलाता है।

*             सन 1977 आया। आपातकाल के बाद चुनाव हुए। जनता पार्टी का राज आया। सूरतगढ़ से गुरुशरण छाबड़ा विधायक चुने गए।

 * माननीय भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री चुने गए। उस दिन मैं जयपुर में ही था।   भैरों सिंह जी शेखावत का परिणाम शाम को घोषित हुआ।

** तब हमने यह तय किया कि रात को ही मुख्यमंत्री जी से मिला जाए रात के करीब 10:00 बजे बाद विधायक गुरुशरण छाबड़ा मैं करणी दान सिंह राजपूत और जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राजा राम कड़वासरा निवासी मानकसर भैरोंसिंह जी के निवास पर पहुंचे। राजस्थान का शेर भैरोसिंह और कल्याण सिंह कालवी उस समय भोजन कर रहे थे।     

            हमने उसी समय यह बात की।सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हमने जो चुनाव लड़ा है वह कॉलेज की मांग को लेकर लड़ा है। जनता को विश्वास दिलाया कि हमारी जीत होने पर हम कॉलेज यहां खुलवा देंगे इसलिए आज हम आपको बधाई के साथ यह मांग भी प्रस्तुत कर रहे हैं कि हमें सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय चाहिए।

            भैरों सिंह शेखावत हमेशा तुरंत जवाब देने वाले मजाकिया मूड में थे। उन्होंने कहा कि कोई और मांग तो नहीं है,बाद में कुछ और भी मांगोगे। हमने कहा कि नहीं हमें राजकीय महाविद्यालय ही चाहिए। हमारी ओर कोई मांग नहीं है।गुरुशरण जी छाबड़ा को और कोई पद नहीं चाहिए। माननीय भैरों सिंहजी ने कहा कि जब राजकीय महाविद्यालय खोलने की बात आएगी तो सूरतगढ़ के अंदर राजकीय महाविद्यालय खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी।

            भैरों सिंह शेखावत से जब हम बात कर रहे थे उस समय जयपुर से विधायक चुनी हुई डॉक्टर उजला अरोड़ा भी मौजूद थी। उन्होंने 6 दिन से आमरण अनशन कर रहे एक ग्रुप को जूस पिलाकर उठाने का निवेदन माननीय मुख्यमंत्री से किया। शेखावत जी ने कहा कि जब 6-7 दिन में कुछ नहीं हुआ तो रात भर और निकाले।  अगले दिन             उनको ढोल धमाके के साथ में उठाएंगे तो लोगों को पता लगेगा और जो अनशन कारी बैठे हैं उनको भी आनंद आएगा। ऐसा ही हुआ। यह घटना इसलिए यह बता रहा हूं कि भैरो सिंह कितने उच्च सोच के व्यक्ति थे।

            शेखावत जी जब सूरतगढ़ आए तब भी हमारी मांग फिर राजकीय महाविद्यालय की थी और उस मांग में एक और मांग हमने जोड़ी कि हम 1970 से जिले की मांग कर रहे हैं। सूरतगढ़ को जिला बनाया जाए। शेखावत जी का भोजन गुरु शरण जी छाबड़ा विधायक के निवास पर ही था। वहां पर फिर एक लिखित मांग पत्र राजकीय महाविद्यालय का दिया गया।

             हमारी वर्षों की मांग पूरी हुई। राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में स्थापित करने के लिए हमने और बहुत सी कार्यवाहियां पूरी की।  मांग सरकार पूरी करती है लेकिन उसमें बहुत सी खाना पूर्ति भी बहुत से उद्देश्य पूरे करने होते हैं। उस समय माननीय ललित किशोर जी चतुर्वेदी उच्च शिक्षा मंत्री थे। गुरुशरण छाबड़ा के और मेरे अनन्य मित्र जो आज नोटरी और वकील का कार्य कर रहे हैं, एनडी सेतिया जी उस समय जयपुर पढ़ रहे थे।छाबड़ा जी के साथ थे।

             उनका एक फोन मैसेज आया। उस दिन रविवार था। एक उपनिदेशक आ रहे हैं जयपुर एक्सप्रेस से हनुमानगढ़ उतरेंगे 9:30 बजे सूरतगढ़ के अंदर एक बैठक करें और वे एक प्रोफॉर्मा लेकर आ रहे हैं उसकी पूर्ति करवाएं तभी कॉलेज खोला जा सकेगा। मुझे 9:00 बजे यह संदेश मिला केवल आधा घंटा बाकी था और इसी अवधि के अंदर लोगों को एकत्रित किया गया। हमारी बैठक सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई। उसमें बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न आया जिसका लिखित विश्वास समय देना था ,जितने छात्र प्रवेश लें 20% छात्राएं होनी आवश्यक है। यह गारंटी उस समय दी थी। हमें सफलता प्राप्त हुई। सूरतगढ़ में राजकीय महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति मिली। प्रोफेसर केदारनाथ जी के हाथों शिलान्यास हुआ। राजकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई। हम बहुत प्रसन्न हुए। हमारे पास महाविद्यालय के लिए भवन नहीं था ऐसी स्थिति में सन् 1977 में सेठ रामदयाल राठी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में महाविद्यालय की टीडीसी प्रथम वर्ष की कक्षा शुरू की। उसके बाद सारड़ा धर्मशाला किराए पर ली।

* राजकीय महाविद्यालय के लिए 5 कमरों का एक भवन बनाने के लिए कमेटी बनाकर चंदा इकट्ठा किया गया और उसका निर्माण किया गया।

            सोहन लाल जी रांका को उसका पहला अध्यक्ष बनाया गया। मेरे एक मित्र जो आज संसार में नहीं है छगनमल सेठिया कोषाध्यक्ष बने।हमने प्रयत्न करके हमारे भवन को सार्वजनिक निर्माण विभाग के सुपुर्द करवाया।

             उसके बाद से आज तक राजकीय महाविद्यालय में विभिन्न प्रकार की शिक्षाएं शुरू हैं। करीब 17-18 सौ विद्यार्थी उसमें पढ़ रहे हैं। राजकीय महाविद्यालय का नाम आज स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय किया जा चुका है। सन 2019 के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस महाविद्यालय का नाम गुरुशरण छाबड़ा महाविद्यालय रखा।  राजकीय महाविद्यालय में हजारों लोग पढ़ चुके हैं।

            मैं आशा करता हूं कि राजियासर के अंदर भी राजकीय महाविद्यालय खुलेगा और इस क्षेत्र के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर उन्नत पदों पर पहुंचेंगे। मेरी तो एक कामना और भी है कि राजियासर उप तहसील है इलाके को देखते हुए जो क्षेत्र विकसित हो रहे हैं उसे देखते हुए तहसील की स्थापना हो तो और अच्छा विकास हो सकेगा। प्रशासनिक दृष्टि से भी इस इलाके को लाभ मिलेगा।

             विद्यार्थियों की ओर से 6 दिसंबर को महापंचायत का आवाहन किया हुआ है।  उस महापंचायत में मैं भी अपनी उपस्थिति रखूंगा। छात्र विजयी होंगे यही कामना करता हूं। जो भी सरकार आएगी हम उस सरकार के सामने             अपनी मांग रखेंगे।

विद्यार्थियों का साथ भरपूर कोशिश से दूंगा जो इस 78 की चलती उम्र में दे सकता हूं,उससे अधिक देने की कोशिश करूंगा।  

एसबीआई, इंडसइंड बैंक ने टीबीएल के सेमीफाइनल में जगह बनाई 

एस्कॉन प्राइमेरा ट्राइसिटी बैंकर्स लीग (टीबीएल) टूर्नामेंट आयोजित 

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़5 दिसंबर:

            यहां जारी एस्कॉन प्राइमेरा ट्राइसिटी बैंकर्स लीग (टीबीएल) के प्रथम संस्करण के तहत ट्राईसिटी स्पोर्ट्स अकादमी, पीर मुछल्ला में दो मैच आयोजित हुए, जिसके 11वें मैच में इंडसइंड बैंक ने पंजाब स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (पीएससीबी) को 50 रन से पछाड़ कर जीत हासिल की।

            इंडसइंड बैंक ने पीएससीबी किंग्स को 101/8 (20) पर पीछे छोड़ते हुए 151/8 (20) स्कोर बनाया। इंडसइंड बैंक के रोहित खटाना को हरफनमौला प्रदर्शन (37 रन, 2 विकेट) के लिए प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया। इंडसइंड बैंक के चन्नी (28 गेंद, 32 रन) ने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का खिताब जीता और पीएससीबी किंग्स के रवि इंदौरा (4 ओवर, 27 रन, 3 विकेट) को सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज का खिताब मिला।

            12वां मैच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बनाम बीओआई था, जहां एसबीआई ने 8 विकेट से मैच जीता। बीओआई ने 18.3 ओवर में 134/7 (20) और एसबीआई ने 135/2 का स्कोर बनाया। मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एसबीआई के सैम छेत्री (4 ओवर, 20 रन और 3 विकेट) रहे, जबकि सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे एसबीआई के मनदीप सिंह (48 गेंदों में 57 रन), सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज – एसबीआई के कपिल देव (4 ओवर, 23 रन और 2 विकेट) और गेम चेंजर थे बीओआई के जितेंद्र चहल (44 गेंदों में 46 रन)।

            टूर्नामेंट अपडेट: ग्रुप ए – यस बैंक और पीएनबी ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। ग्रुप बी: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इंडसइंड बैंक ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। सेमीफाइनल मैच 10 दिसंबर को होना है और फाइनल मैच 11 दिसंबर को होगा। टीबीएल का आयोजन स्पोर्टसागा और एस्कॉन प्राइमेरा द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

पंजाब की नयी कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार होगी : कुलदीप सिंह धालीवाल

  • नयी नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी को प्रमुख्य रख कर होगी तैयार
  • कुदरती कृषि के लिए अलग नीति बनाने का भी किया ऐलान
  • पंजाब की फसलों, पानी और मिट्टी और वातावरण को केंद्र में रख कर अलग-अलग कान्फ्ऱेंसें करने का किया ऐलान

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : 

पंजाब सरकार कृषि की व्यवस्था में सुधार करने के लिए लगातार यत्न कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुये 31 मार्च, 2023 तक राज्य की नयी कृषि नीति तैयार की जायेगी। यह जानकारी देते हुये पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि नयी कृषि नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी की उपलब्धता को मुख्य रख कर तैयार की जायेगी, जिसके लिए प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों, माहिरों और किसान जत्थेबंदियों के साथ सलाह मशवरे किये जा रहे हैं।  

 धालीवाल ने आज पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग की तरफ से ‘पंजाब का कृषि विकास माडल – कुछ नीतिगत मुद्दे’ विषय पर करवाई गई किसान गोष्ठी के दौरान संबोधन करते हुये कहा कि पिछली सरकारों के ग़ैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण और गलत नीतियों के कारण पंजाब का शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और वातावरण और सेहतमंद उपजाऊ भूमि अब दूषित पानी, ज़हरीली हवा और ग़ैर- उपजाऊ भूमि में बदल रही है, जिसको साफ़ नीति और नीयत से बदलने की ज़रूरत है।

कुदरती कृषि के लिए अलग नीति बनाने का ऐलान करते हुये कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि में खादों, रासायनों, नदीन नाशकों और कीटनाशकों के हद से अधिक प्रयोग के कारण लोगों को सेहत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब को पहले वाली स्थिति में लाने के लिए कुदरती कृषि के अपनी आबो-हवा अनुसार काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि सिर्फ़ कृषि नहीं, यह जीवन के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने कोआपरेटिव प्रणाली को आबाद करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि कृषि को ज़रूरत मुताबिक करने की ज़रूरत है।

कृषि मंत्री ने कृषि में आयी असुरक्षा को दूर करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि राज्य सरकार कृषि को बचाने की दिशा में सबके सहयोग के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि करने के लिए बड़ी मशीनें खरीदने की जगह छोटी मशीनों का सुयोग्य प्रयोग करना चाहिए, जिससे किसानों की आर्थिकता में भी सुधार होगा। पंजाब की फसलों, पानी और मिट्टी और वातावरण को केंद्र में रख कर अलग-अलग कान्फ्ऱेंसें करने का किया ऐलान करते हुये उन्होंने कहा राज्य सरकार कि कृषि माहिरों और कृषि वैज्ञानिकों और तजुर्बेकार लोगों की मदद से कृषि क्षेत्र को मज़बूत करने का हर संभव यत्न करेगी।

इस कान्फ्ऱेंस के मौके पर कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के उप-कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल, पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, कृषि विभाग के डायरैक्टर डॉ. गुरविन्दर सिंह, डॉ. दविन्दर शर्मा, डॉ. गुरकंवल सिंह, प्रोफ़ैसर बावा सिंह, प्रिंसिपल सुच्चा सिंह, डॉ. कुलदीप सिंह आदि के इलावा श्रमिक किसान यूनियन के नेता स. रविन्द्र सिंह और स. राजिन्दर सिंह, दीप सिंह वाला आदि ने भी संबोधन किया। इस मौके पर कृषि विभाग के सचिव अरशदीप सिंह थिंद के इलावा विभाग के सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।

एक बार दान किया हुआ खून चार ज़िंदगियां बचा सकता है – चेतन सिंह जोड़ामाजरा


पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने खूनदान कैंप का उद्घाटन किया


राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, पंजाब चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कैंप पंजाब एड्स कंट्रोल एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से लगाए खूनदान कैंप का उद्घाटन किया। यह कैंप पंजाब स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के सहयोग से लगाया गया, जिसमें पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के कर्मचारियों ने पंजाब भर से भाग लिया। इस दौरान चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि खून हमेशा रजिस्टर्ड ब्लड सैंटरों से ही लिया जाए, क्योंकि इन सेंटर्स में कई बीमारियों की जांच की जाती है और रिपोर्ट सही होने के बाद ही व्यक्ति को ब्लड दिया जाता है। पंजाब में 161 रजिस्टर्ड ब्लड सैंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें से 46 सरकारी, 7 मिल्ट्री और 108 प्राइवेट ब्लड सैंटर चलाए जा रहे हैं।  

            चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने एसोसिएशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक खूनदान कैंप लगाकर कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। दान किया हुआ खून चार ज़िंदगीयां बचा सकता है। पंजाब एड्स कंट्रोल एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जसमेल सिंह देओल ने कहा कि उनकी यूनियन एड्स पीड़ितों के इलाज में मदद करने के अलावा खूनदान जैसे समाज कल्याण के काम भी करती है। इस अवसर पर पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर  नीलिमा, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. रणजीत सिंह, नैशनल हैल्थ मिशन, पंजाब के डायरैक्टर डा. एस.पी. सिंह, सिविल सर्जन मोहाली डॉ. आदर्शपाल कौर, एडीशनल प्रोजैक्ट डायरैक्टर डॉ. बॉबी गुलाटी विशेष रूप से उपस्थित थे। इनके अलावा महासचिव गुरजंट सिंह, मुख्य सलाहकार महिंदर पाल सिंह, वित्त सचिव कंवलजीत सिंह, मनीष यादव, मीडिया सचिव मनीश कुमार, कोर कमेटी सदस्य आशु गर्ग, सुरिंदर सिंह, राजन, रमनदीप कौर सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।

उदयपुर शहर में भारत की जी 20 अध्यक्षता की पहली शेरपा बैठक का दूसरा दिन भारत की जी 20 प्राथमिकताओं पर पहली शेरपा बैठक के दूसरे दिन चर्चा शुरू: विदेश मंत्रालय 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 05 दिसंबर :

            विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी की 4 से 7 दिसंबर 2022 तक निर्धारित पहली शेरपा बैठक में कल उदयपुर में अंतर्राष्ट्रीय शेरपाओं, उनके प्रतिनिधिमंडलों और आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों का स्वागत किया गया।

            बैठक के पहले दिन जी 20 इंडिया शेरपा के साथ एक अनौपचारिक मीडिया बातचीत सहित विभिन्न गतिविधियों के साथ ‘सतत विकास लक्ष्यों’ पर बातचीत हुई। ये विकास लक्ष्य थे 2030 एजेंडा के मिडपॉइंट पर ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स। इसके अलावा जल सांझी कला का एक प्रदर्शन, प्रतिनिधियों के लिए एक नेटवर्किंग कार्यक्रम, एक डेजर्ट म्यूजिक सिम्फनी और विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन दिन भर चले।

            आज, 5 दिसंबर को ताज फतेह प्रकाश होटल के राजसी दरबार हॉल में आयोजित भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं की शुरुआत हुई। ‘तकनीकी परिवर्तन’ और ‘पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली’ पर पहले दो सत्रों के अलावा, ‘वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएँ और चुनौतियाँ’ पर एक संवाद और जी 20 सदस्य देशों के बीच एक अनौपचारिक ‘चाय पर चर्चा’ भी आयोजित की गई। पहली शेरपा बैठक की वार्ता भारत के जी 20 शेरपा, श्री अमिताभ कांत ने शुरू की जिन्होंने  13 कार्यकारी समूहों में भारत की जी 20 प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया। शेरपा ने विकसित और विकासशील देशों के बीच सभी की जीत वाला सहयोग बनाने के लिए जी 20 अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए, ग्लोबल साउथ की वास्तविक आवाज के रूप में भारत के कर्तव्य पर प्रकाश डाला।

            वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव श्री अजय सेठ ने दुनिया के सामने आज की प्रमुख आर्थिक चुनौतियों की रूपरेखा राखी जिसके लिए जी 20 देशों की सामूहिक क्षमता को एक होकर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है।इसके बाद डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा पर कार्य समूहों की भागीदारी के साथ तकनीकी परिवर्तन पर पहला सत्र हुआ जिसमें प्रतिनिधियों ने अपने देशों में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की।

            इसके अलावा, जी 20 देशों के प्रतिनिधियों, आमंत्रित अतिथियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने कई तरीकों से प्रौद्योगिकी की शक्ति का बेहतर लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेप साझा किए।

            अन्य विषयों के अलावा, साइबर सुरक्षा के महत्व, तकनीकी सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच के विस्तार में समावेशिता, और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा की गई।पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली पर दूसरे सत्र विचार हुआ जिसमें सामूहिक रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत के जी 20 शेरपा ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए हरित और ऊर्जा परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। विकास, ऊर्जा संक्रमण, जलवायु स्थिरता कार्य समूह, और आपदा जोखिम लचीलेपन और न्यूनीकरण कार्य समूहों ने इस सत्र में भाग लिया। भागीदार देशों ने भारत की पहल की सराहना की और उसके एजेंडा को फलीभूत करने के लिए समर्थन और प्रतिबद्धता व्यक्त की।इसके बाद “वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएँ और चुनौतियाँ” पर एक संवाद आयोजित किया गया। भारत में आईएमएफ के रेजिडेंट प्रतिनिधि श्री लुइस ब्रेउर  और आईएमएफ की  रणनीति और नीति विभाग की उप निदेशक सुश्री क्रिस्टीना कोस्तियाल, एक विचारोत्तेजक चर्चा में शामिल हुए और उन्होंने आज की सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। इस संवाद ने प्रमुख चिंताओं से निपटने और आर्थिक उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक लचीला बनने के लिए दुनिया के वास्ते महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।इसके अतिरिक्त, गहरे पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देने और जी 20 सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए शाम की चाय पर ‘चाय पे चर्चा’ आयोजित की गई।

            उदयपुर के ऐतिहासिक माणक चौक के भ्रमण के दौरान, जी 20 शेरपाओं को राजस्थान के प्रामाणिक सांस्कृतिक अनुभव को और समृद्ध करने के लिए पारंपरिक भारतीय परिधान जैकेट, साफा/पगड़ी आदि भेंट किए गए। दूसरे दिन का समापन उदयपुर के शानदार जगमंदिर में रात्रि भोज पर संवाद के साथ हुआ।भारत जी 20 शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडलों को अपना सर्वश्रेष्ठ आतिथ्य प्रदान करना जारी रखे हुए है।

            भारत का उद्देश्य सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला के माध्यम से, ऐतिहासिक स्थलों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा, राजस्थानी कला और शिल्प का प्रदर्शन करके हमारे समृद्ध इतिहास और परंपराओं का एक अनूठा अनुभव एक झलक देना है। सफेद संगमरमर की वास्तुकला और खूबसूरत झीलों के लिए जाना जाने वाला शहर उदयपुर, प्रतिनिधिमंडलों को एक उल्लेखनीय और यादगार यात्रा की पेशकश कर रहा है।

 नाबालिग की संदिग्ध मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने रोका रास्ता

करीब चार घंटे बाद पुलिस के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने खोला जाम

पवन सैनी,  डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार  –  05 दिसंबर :

                        जिले के गांव में नाबालिग की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार को बालसमंद रोड़ पर गांव के पास रास्ता रोककर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। करीब चार घंटे जाम के बाद पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला।  

            परिजनों ने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता तब तक रोड पर बैठे रहेंगे। इस दौरान पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिजनों की मांग है कि मृतका के शव का दोबारा से मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम हो और दोषी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की गई। जाम लगने से वाहनों लंबी लाइन लग गई।  मौके पर पुलिस अधिकारियों ने परिजन व ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पुलिस प्रशासन परिजनों के साथ हैं अगर परिवार बेटी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नही है तो फिर से मेडिकल करा दिया जाएगा। वही ग्रामीणों ने दोषी के खिलाफ धारा 302 लगाने का मांग की। इस पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिजनों के बयान पर अनुसार ही दोषी के खिलाफ धारा लगाई जाएगी। पुलिस-परिजनों में सहमति हुई कि मृतका के शव का पोस्टमार्टम अब पीजीआई में कराया जाएगा। दोषियों के खिलाफ परिजनों के बयान के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

            इसके बाद ग्रामीणों ने रोड से जाम हटा दिया लेकिन धरना जारी है। ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिल जाती उनका धरना जारी रहेगा।  रविवार दोपहर बाद नाबालिग के शव का नागरिक अस्पताल के शव घर में डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया था। परिजन व ग्रामीण डॉक्टरों की रिपोर्ट से असंतुष्ट दिखाई दिए और शव को उठाने से मना कर दिया था।

            परिजनों का कहना था कि वे पोस्टमॉर्टम से भी संतुष्ट नहीं है। प्रशासनिक कार्रवाई से भी संतुष्ट नहीं है। नाबालिग का अग्रोहा या रोहतक मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम करवाया जाए।    

 पेंडिंग फाइलो को लेकर हिसार निगमायुक्त ने दो क्लर्क को किया संस्पेंड

  • बैठक में  पेंडिंग फाइलों की स्टेटस रिपोर्ट देखकर निगम आयुक्त का ठनका माथा
  • निगम आयुक्त प्रदीप दहिया बोले,  पेंडिंग फाइलों के कारण आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है

पवन सैनी,  डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार  –  05 दिसंबर :

                        नगर निगम कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने सोमवार को दो कर्मचारियों को निलंबित किया, वहीं काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को झाड़ लगाई। निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने सोमवार को हाउस टैक्स शाखा की बैठक ली।

            बैठक में निगमायुक्त ने हाउस टैक्स की पेंडिंग फाइलों की स्टेटस रिपोर्ट मागी। स्टेटस रिपोर्ट देखकर निगम आयुक्त का माथा ठनक गया। हाउस टैक्स, एनडीसी की फाइल 45 दिन से ज्यादा समय तक पेंडिंग होने और आरटीएस के बाहर होने के चलते निगमायुक्त ने कर्मचारियों पर नाराजगी जाहिर की। फाइल पेंडिंग होने से नाराज निगम आयुक्त ने क्लर्क दीपक और सूरजभान को सस्पेंड करने के आदेश दिए, वहीं क्लर्क पूनम, रजनीश और पवन को चेतावनी दी। सचिव नवीन नान्दल, सोनू और विजय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।  

            निगम आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी पेंडिंग फाइलों के कारण आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है। पिछली बार पूरी व्यवस्था बनाने, हेल्प डेस्क बनाने और काम का बंटवारा करने के बावजूद भी वे काम नहीं कर पा रहे। वे उनके काम से संतुष्ट नहीं है। फाइलें फिर भी पेंडिंग रह रही है।  

            निगमायुक्त ने करीब तीन सप्ताह पहले प्रॉपर्टी टैक्स, एनडीसी की फाइलों को लेकर मीटिंग की थी। इस मीटिंग में निगम आयुक्त ने सभी क्लर्कों को चेतावनी दी थी कि वे पब्लिक डीलिंग में सुधार कर लें अन्यथा उन पर कार्रवाई की जाएगी। बैठक के बाद निगमायुक्त दहिया ने अधिकारियों के साथ हाउस टैक्स शाखा का निरीक्षण भी किया।

ये थी फाइल पेंडिंग

            निगम में 11 अक्टूबर से लेकर 2 दिसंबर तक 1898 फाइलें ऑनलाइन आई थी। ये वे फाइलें थी, जिस पर ऑब्जेक्शन लगे हुए थे। इसमें 1628 फाइलें ही आरटीएस में थी। 270 फाइलें आरटीएस से बाहर मिली। जिसमें सूरजभान की 67, पूनम की 29, सोनू व गुरविंदर की 10, विजय की 8, दीपक की 73, रजनीश की 54, पवन की 29 फाइल आउट ऑफ आरटीएस मिली। इस पर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया तथा दो को नोटिस और बाकी को चेतावनी दी है।

बैठक में ये थे उपस्थित

                        बैठक में अतिरिक्त निगम आयुक्त डॉ. प्रदीप हुड्डा, संयुक्त आयुक्त बेलिना, उप-निगम आयुक्त वीरेंद्र साहरण, एक्सईएन संदीप सिहाग, एमई सुनील लाम्बा, सचिव नवीन कुमार सहित शाखा के कर्मचारी मौजूद रहें।

मॉर्निंग वाक कमेटी ने गोशाला में लगाई सवामणी

पवन सैनी,  डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार  –  05 दिसंबर :

                        मॉर्निंग वाक कमेटी (टाउन पार्क ) के प्रधान सुनील कटारिया व कमेटी के सदस्यों ने बाईपास दिल्ली रोड स्थित श्री योग भगवान कृष्ण कपिला गौशाला पहुंच हरा चारा व गुड़ की स्वामणी लगाई।

            उन्होंने कहा कि गायों की सेवा से चारों धाम की यात्रा का फल प्राप्त होता है। हमें नेक कमाई में से कुछ हिस्सा गौमाता की सेवा में अवश्य लगाना चाहिए।

            इस अवसर बिक्री कर अधिकारी श्रवण पाहवा, प्रधान महेश नारंग लाल चंद महता, गणेश कत्याल, महेश ग्रोवर, सुभाष कथूरिया, देस राज मनचंदा, सुनील कटारिया, संजय गिरधर, विकास ढल, गुलशन  सेहरा, जय किशन, अशोक वरमानी, राज कुमार बजाज, ईश बत्रा, मुकेश डावर, इंद्रसेन भाटिया, बलदेव ग्रोवर, हंस राज, गोभक्तों के आलावा गौशाला के सदस्य उपस्थित रहे।

हिसार बार एसोसिएशन के चुनाव में किसी प्रत्याशी ने नहीं लिया नाम वापस

  • विभिन्न पदों के लिए 18 प्रत्याशी आजमा रहे हैं किस्मत

पवन सैनी,  डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार  –  05 दिसंबर :

                        जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा अपना नामांकन वापिस लेने के दिन किसी भी उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापिस नहीं लिया। चुनाव अधिकारी राजेश जाखड़ के साथ सह चुनाव अधिकारी राजबीर सिंह पायल, रतन सिंह पानू, राम सिंह सोढ़ी, मीनू शर्मा व विक्रमजीत मित्तल ने चुनाव कार्यालय में चुनाव की अधिसूचना के अनुसार आज नामांकन वापिस लेने के निर्धारित समय को पूरा किया।

            चुनाव अधिकारी जाखड़ ने बताया कि  उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गयी है। इसमें विभिन्न पदों के लिए कुल 18 उम्मीदवार है। इसमें प्रधान पद के लिए 6 उम्मीदवार है जिनमें अमित सैनी, बंसी लाल गोदारा, मनदीप बिश्नोई, प्यारेलाल चौहान, संजय कुमार भारद्वाज, सोम दत्त शर्मा शामिल है।  उपप्रधान पद के लिए 3 उम्मीदवारों में अजीत सिंह ढिल्लों, मनोज कुमार कौशिक चंद्रवंशी, राज कृष्ण वशिष्ठ है।  सचिव पद के लिए 3 उम्मीदवारों में गौरव बैनीवाल, हवा सिंह गोदारा, मुकेश कुमार शर्मा शामिल हैं। सहसचिव पद के लिए 2 उम्मीदवार गीतांजलि शर्मा व प्रदीप सिंह बागडिय़ा व कोषाध्यक्ष पद के लिए 4 उम्मीदवार पवन कुमार वर्मा, रिंकू सिंह खटाना, संजय गोयल, सितेंद्र कुमार चौहान है। बार एसोसिएशन के चुनाव 16 दिसंबर को होंगे। इसमें 1748 अधिवक्ता अपने मत का प्रयोग करेंगे।  

              मतदान बार एसोसिएशन के बार रूम में होंगे, जिसका समय सुबह 9 बजे से सांय 4 बजे तक रहेगा।  उसके बाद चुनाव कार्यालय द्वारा चुनाव का परिणाम घोषित किया जाएगा।