पंचांग, 03 दिसम्बर 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 03 दिसम्बर 22 :
नोटः आज पंचक प्रातः 06.16 में समाप्त हो रहे हैं। तथा मोक्षदा एकादशी व्रत, स्मार्त तथा श्री गीता जयंती है।
मोक्षदा एकादशी व्रत 2022 : मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष का एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होगा। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और श्री हरि की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
मोक्षदा एकादशी के दिन यानी कि 3 दिसंबर 2022 को गीता जयंती भी मनाई जाएगी। गीता में भगवान कृष्ण ने जीवन जीने की कला बताई है। सांसारिक मोह के बंधन से मुक्ति दिलाने में प्रतिदिन गीता का पाठ करना बहुत फलदायी माना गया है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः मार्गशीर्ष,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः एकादशी प्रातः 05.35 तक है,
वारः शनिवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः रेवती अरूणोदय कालः 06.16 तक है,
योगः व्यातिपात रात्रि काल 4.34 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः मीन,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 07.02, सूर्यास्तः 05.20 बजे।