पंचांग, 01 दिसम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 01 दिसम्बर 22 :

नोटः आज चम्पा षष्ठी, मित्र (विष्णु) सप्तमी व्रत है।

नोटः आज सांय 07.51 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पॉच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।

तिथिः अष्टमी प्रातः 07.22 तक है।

नोटः नन्दा नवमी है। नवमी तिथि का क्षय है।

विक्रमी संवत्ः 2079

 शक संवत्ः 1944

 मासः मार्गशीर्ष

 पक्षः शुक्ल पक्ष

 वारः गुरूवार

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद अरूणोदय कालः 029.44 तक है

 योगः हर्ष प्रातः काल 09.33 तक,

 करणः बव

 राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,

सूर्य राशिः वृश्चिक चंद्र राशिः कुम्भ

 सूर्योदयः 07.00   सूर्यास्तः 05.20 बजे।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।