डेमोक्रेटिक फ्रंट, करणीदान सिंह राजपूत, सूरतगढ़ :
सूरतगढ़ की कॉलोनियों के घोटाले उजागर हो रहे हैं और जब भी जांचें हुई तो निश्चित रूप से लोगों की बड़ी बड़ी रकमें डूबेंगी जिनका वापस मिलना बेहद मुश्किल होगा। कॉलोनियों में बिना सोचे समझे वे लोग लाखों रूपये लगा रहे हैं जिनके पास बिना मेहनत के लाखों रूपये पैदा हो रहे हैं या अचानक से लाखों रूपये हाथ लगे हों। वे संपत्ति बनाने के बड़े दिखावे के लिए रकम बिना पूरी जानकारी के लगा देते हैं।
अभी केवल लाखों रूपये की पहली किस्त दी है या भूखंड की पूरी कीमत दे चुके हैं तथा भूखंड लिया नहीं या कॉलोनी का निर्माण शुरू नहीं हो पाया, या निर्माणाधीन है तो अनुबंध खत्म कर अपनी रकम वापस ले लेनी चाहिए। अपनी रकम को वापस अपने हाथों में या अपने खाते में लेने में देरी करना मूर्खता होगी।
ये कॉलोनाइजर बड़े पैसे वाले,राजनीतिक, व्यवसायी, चिकित्सक, कारखाने वाले,स्टोर मालिक, मॉल वाले भी हो सकते हैं जिनके प्रभाव में लोग जल्दी आते हैं। लोग सोचते हैं कि यह मेरी पार्टी का है, मेरा मिलने वाला है, मेरे मोहल्ले मेरे शहर का है। यह मेरे से ठगी नहीं करेगा। आप की ऐसी सोच एक पल में फुर्र हो जाए तब क्या करेंगे?
कॉलोनाइजर से जब दी गई रकम वापस मांगेंगे तब बहुत बहाने लगाएंगे, बहुत उदाहरण देंगे, मीठा बोलेंगे लेकिन रकम देने की हां नहीं करेंगे। वे सस्ता कह कर उलझाए रखेंगे ताकि लाखों रूपये वापस नहीं लौटाने पड़ें। यहां कड़ाई का रूख अपनाए रखते हुए रकम वापस ही लेनी है ताकि आपकी रकम जैसे भी हो बच जाए।
कॉलोनाइजर,ठग,भ्रष्टाचारी आदि मीठे बोल कर ही फंसाते हैं फुसलाते हैं बहकाते हैं। इसलिए यह याद रखें कि रकम अपने पास ही जमा रखने के लिए कॉलोनाइजर के पास हजारों मीठे शब्द होंगे। वह बार बार कहेगा’एक बार और सोच लो,’रकम पड़ी है’। आप बिना रकम लौट आए तो उसके आदमी दूत आने लगेंगे और फुसलाते रहेंगे। आप समझेंगे कि यह तो मेरा ही खास है, उसकी सलाह भी सही लगेगी लेकिन असल में वह कॉलोनाइजर का खास होगा। ऐसे बिचौलिए लोग बाद में कहते हैं कि किसी के दिल में तो बैठ कर देखा नहीं जा सकता,कॉलोनाइजर लगता तो भला था। आपकी रकम थी। हमारे से ज्यादा तो आपको सोचना चाहिए था।
“खबर पॉलिटिक्स” की धमाकेदार हलचल और उथलपुथल करने वाली खबरों में पत्रकार राजेंद्र जैन (पटावरी) ने 22 जून 2022 को एक कॉलोनी का जमीनी सच्च तथ्यों प्रमाणों सहित उजागर किया और अपना आशियाना का सपना लेने वालों को सचेत किया। राजेंद्र जैन ने
सूरतगढ़ की बसंत बिहार आनंद बिहार कॉलोनियों का मामला एक बार फिर दो पंक्तियों में रख दिया कि यह जिन्न भी बोतल से बाहर आने को है। ये कॉलोनियां अपने शुरू होने से लेकर अब तक विवाद से घिरी हैं। आरोप है की जोहड़ पायतन पर कोई भी निर्माण नहीं हो सकता। जोहड़ तालाब के मूल स्वरूप को बदला नहीं जा सकता।
इन दोनों कॉलोनियों पर ब्लास्ट की आवाज साप्ताहिक में बड़े बड़े खुलासे हो चुके हैं। ब्लास्ट की आवाज में तीन और कॉलोनियों की गड़बड़ियां भी जनता के सामने रखी। राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर और पास में बन रही है ये कॉलोनियां।
इससे पहले सूर्योदय नगरी लाईन पार क्षेत्र की कॉलोनी की गड़बड़ी को भी उजागर किया। ब्लास्ट की आवाज का संपादन प्रकाशन महेंद्र सिंह जाटव करते हैं जिसके हर अंक में राजनीति पर या घोटालों पर धमाके होते हैं।
सवाल घूम फिर कर वहीं आता है कि जिन लोगों के पास अचानक से पैसा बढ रहा है वे लोग बिना सोचे समझें भूखंडों पर कॉलोनियों में लाखों लगा रहे हैं। डूबे तो उनके कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन जिनके जीवन भर की कमाई है और जो दिनरात व्यवसाय कर पैसे जोड़े हैं, उनके फर्क पड़ेगा। क्या करना है यह तो पैसा लगाने वाले जानें। लेकिन एक बार पैसा वापस लेना ही समझदारी है।