Friday, November 22
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पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 28 नवम्बर 22 :

नोटः आज श्रीपंचमी, श्रीराम विवाहोत्सव, नाग पंचमी, स्कन्द पंचमी, स्कन्द षष्ठी(व्रत हेतु सांय व्यापनी)

श्रीराम विवाहोत्सव :  विवाह पंचमी वह मंगलमयी दिन है जब श्रीराम और सीता का शुभ विवाह हुआ था। विवाह पंचमी के दिन श्री राम और माता सीता प रिणय में बंधे थे इसलिए इस दिन को भगवान श्री राम और माता सीता की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः मार्गशीर्ष, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पंचमी दोपहर 01.36 तक है, 

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा, प्रातः कालः 10.29 तक है, 

योगः वृद्धि सांयः काल 06.04 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः मकर,

 राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.58, सूर्यास्तः 05.20 बजे। 

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