विधायक, पूर्व विधायक और बड़े अखबार चर्चित पीपेरन कॉलोनी का सच जनता को जनता को बताएं

डेमोक्रेटिक फ्रंट, करणीदान सिंह राजपूत, सूरतगढ़ :

            सूरतगढ़ शहर और पास में बन रही कॉलोनियों का सच बड़े अखबार और यहां के जनप्रतिनिधि जनता के सामने बताएं। अब फिर एक कॉलोनी पीपेरन के पास बनते हुए चर्चा में है कि यह क्षेत्र घग्घर डिप्रेशन कृत्रिम झीलों के लिए आवप्त भूमि थी। जिनकी भूमि आवाप्त की गई उनको अन्यत्र स्थानांतरण भी मिल गया था। वे लोग फिर से इस भूमि पर काबिज कैसे रहे? इस बन रही कॉलोनी की जमीन अलग-अलग खसरों में दूर थी तो एक जगह पर कैसे आई?इनका आवंटन टीसी से पुख्ता कैसे हुआ और तुरंत ही इनका बेचान व रजिस्ट्री कैसे हो गई? अनेक सवाल घूम रहे हैं?

             कुछ मीडिया कर्मियों ने हिम्मत दिखाकर कॉलोनी को आरोपों के घेरे में खड़ा कर दिया है लेकिन जो सच्च है वह सही रूप में सामने आना चाहिए।

             कॉलोनी के मालिक बनाने वाले निर्माता कॉलोनाइजरों को इसका जवाब देना चाहिए। वे जवाब दें या न दें लेकिन जो इस इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं,जनता के वोट लेते हैं और आने वाले चुनाव के लिए फिर से तैयारियां कर रहे हैं,उनको कॉलोनियों का सच आम जनता के सामने रखना चाहिए। यह इनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।

            यदि पीपेरन के पास बन रही कॉलोनी में किसी प्रकार का कोई घपला नहीं है किसी प्रकार की कोई गड़बड़ नहीं है तो स्पष्ट रूप से जनप्रतिनिधियों और बड़े अखबारों को कहना चाहिए कि सच में कोई घपला नहीं है।

            यदि जनप्रतिनिधि और बड़े अखबार कुछ भी नहीं बताते हैं चुप रहते हैं तो आम जनता को और जो प्लॉट खरीदने के इच्छुक लोग हैं उनको अपने दिमाग से भी काम लेना चाहिए कि वहां पर खरीदारी करें या न करें।

                        सूरतगढ़ के वर्तमान विधायक रामप्रताप कासनिया, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू, पूर्व विधायक अशोक नागपाल,पूर्व विधायक गंगाजल मील,पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हनुमान मील, सूरतगढ़ के डूंगरराम गेदर जो राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है और राजस्थान शिल्प एवं माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं यह खोजबीन करके और कम से कम नवंबर महीने के अंत तक सच बताएं कि पीपेरन के पास वाली कॉलोनी का और अन्य कॉलोनियों का सच क्या है? इनमें घपला है या नहीं है? यह सच्च 30 नवंबर तक जरूर बताना चाहिए। केवल 5 दिन ही शेष हैं।

                         बड़े अखबारों में राजस्थान पत्रिका दैनिक भास्कर और इलाके का बड़ा अखबार सीमा संदेश इनको भी खोजबीन करके और सच्चाई जनता के सामने रखनी चाहिए। 

  •             सबसे बड़ी बात है कि कॉलोनी निर्माताओं की ओर से हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूरतगढ़ के पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था।
  • कॉलोनी की चर्चा काफी समय से क्षेत्र में गूंज रही थी लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित बड़े अखबारों और किसी भी अन्य अखबार ने कोई भी प्रश्न नहीं किया? कोई भी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश नहीं की ऐसा क्यों हुआ? यह पत्रकार ही जानते हैं। 
  • अब जो भी हुआ है इसकी एकदम सही रिपोर्ट जनप्रतिनिधियों को और बड़े अखबारों को जनता के सामने रखनी चाहिए। 
  • कॉलोनियों का सच क्या है?  ऐसा तो नहीं है कि लोग पहले पैसा लगाएं और बाद में पछताते रहें। दिन रात टेंशन में रहें। इसलिए सच्च सामने लाना बहुत जरूरी है। सच्च आने के बाद प्लाट खरीदने न खरीदने का निर्णय करें,जो सही होगा। 
  • यह सच भी बताना जरूरी है कि पीपेरन के पास बन रही कॉलोनी में कोलोनाईजर पार्टनर कौन-कौन है और किन-किन का कितना कितना हिस्सा है