करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरत गढ़ :
ओमप्रकाश कालवा नगर पालिका अध्यक्ष एक ऐसे पद पर जहां उनको बहुत सोच और समझ कर बोलना चाहिए एवं जो बयान जारी करते हैं उन पर कायम रहते हुए काम भी करना चाहिए।
बयान देने और उस पर काम नहीं करने से इस पद की गरिमा पर आघात लगता है।
दीपावली से पहले नगर पालिका सभागार के अंदर यह बयान जारी किया गया कि दीपावली के बाद में शहर में घूमते नदियों को नंदीशाला में पहुंचाने का अभियान चलाया जाएगा।
दीपावली 24 अक्टूबर को थी और उसे बीते एक महीना हो गया है। अभी तक नंदियों को नंदीशाला में पहुंचाने का कोई अभियान शहर में नहीं चलाया गया है।
अधिशासी अधिकारी विजयप्रतापसिंह भी इस मामले में आलसी रवैया अपनाए हुए हैं।उनका बयान है कि किसी एनजीओ से समझौता हो रहा है। इस बात को भी हूं 20 से अधिक दिन बीत चुके हैं।
नगर में घूम रहे नंदियों से रोजाना दुर्घटनाएं हो रही है लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष को इस की परवाह नहीं है।
9 नवंबर को बड़ोपल रोड पर नंदी से एक व्यक्ति गंभीर घायल हो गया था जिसे बाद में गंगानगर रेफर किया गया था।
सूरतगढ़ के सभी बाजारों में और गलियों में नंदियों की फौज घूम रही है दौड़ रही है,नुकसान पहुंचा रही है।
हर वक्त खतरा बना रहता है कि दौड़ते हुए 20-30 नंदियों के बीच कोई व्यक्ति या वाहन सवार फंस गया तो कोई गंभीर घटना न हो जाए।
ऐसा लगता है कि बहुत बड़ी दुर्घटना के बाद ही नगर पालिका अध्यक्ष अपने बयान के हिसाब से कार्य शुरू करेंगे। लेकिन किसी ना किसी का नुकसान हो जाएगा किसी की अगर जान चली गई तो उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी।