पर्सनैलिटी इंप्रूव करने के लिए संचार कौशल जरूरी : डाॅ के.के गौतम

  • उच्चतर शिक्षा विभाग के सौजन्य से डीएवी गर्ल्स काॅलेज में हुई राष्टीय वर्कशाप

         सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंटयमुनानगर – 22 नवंबर :       

            उच्चतर शिक्षा विभाग के सौजन्य से डीएवी गल्र्स काॅलेज के अंग्रेजी विभाग द्वारा संचार कौशल विषय पर राष्टीय वर्कशाप का आयोजन किया गया। डीएवी यूनिवर्सिटी जालंधर की पूर्व रजिस्टरार डाॅ सुषमा आर्य मुख्य अतिथि रहीं। नेशनल यूनिवर्सिटी जयपुर के अंग्रेजी विभाग के पूर्व डायरेक्टर डाॅ केके गौतम मुख्य वक्ता रहे। जबकि द इंग्लिश एंड फोरन लैंवेजिज यूनिवर्सिटी हैदराबाद के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ जयसिंह वक्ता रहे। काॅलेज प्रिंसिपल डाॅ मीनू जैन व अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डाॅ विनित ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर लवली राज को-कनवीनर रहीं। 

            डाॅ मीनू जैन ने कहा कि संचार कौशल के जरिए किसी भी बात को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। जब हम अपने अभिभावकों व दोस्तों से बात करते हैं, तो तरीका अलग होता है। बाॅडी लैंग्वेज व संचार के तरीके पर ध्यान देकर संचार कौशलता को बढाया जा सकता है। वर्कशाप का मुख्य उददेश्य छात्राओं के संचार कौशल का विकास करना है। 

            डाॅ केके गौतम ने कहा संचार में शब्दों का विशेष महत्व होता है। हमें सोच समझकर शब्दों का चयन करना चाहिए। संचार कौशल से हमारी पर्सनैलिटी इंप्रूव होती है। इस ब्रम्हांड में जो भी चीज है, सब संचार करती है। सभी का तरीका अलग अलग होता है। संचार कौशल को प्रभावित करने वाले कारणों के बारे में उन्होंने विस्तार से चर्चा की। जब हम दूसरी भाषा के लोगों से मिलते हैं, तो संचार करते समय एक दूसरे की बात को समझ नहीं पाते। ऐसे में अशाब्दिक संचार यानि हाव भाव जरिए संचार संभव हो पाता है। 

            डाॅ जय सिंह ने कहा कि संचार कौशल में सुधार करने के लिए आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है। बोलते समय बाॅडी लैंग्वेज पर ध्यान दें। संचार के दौरान शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान दें।  चेहरे के हाव भाव भी बोले गए शब्दों के मुताबिक होने चाहिए। संचार कौशल में सिर्फ बोलना ही जरूरी नहीं, बल्कि सुनना भी चाहिए। हिंदू गल्र्स काॅलेज के अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डाॅ सुरूचि कालरा ने संचार कौशल को बेहतर बनाने के टिप्स दिए। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डाॅ रीटा सिंह, डाॅ शशि, मेजर गीता शर्मा, डाॅ निताशा बजाज, दीपा, अनू, ज्योति व तान्या ने सहयोग दिया।