- अब तक 180 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीद
- किसानों के खातों में 34 हज़ार करोड़ रुपए की रकम की अदायगी की
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार ने मौजूदा धान के सीजन की शुरुआत से पहले सभी सम्बन्धित पक्षों किसान, मज़दूर, मिल्लर और आढ़तियों के साथ वायदा किया था कि उनको इस सीजन के दौरान कोई भी समस्या पेश नहीं आने दी जायेगी। सरकार अपने इस वायदे पर पूरी तरह खरी उतरी है जिसका प्रमाण इसी बात से मिलता है कि सरकार की तरफ से मौजूदा सीजन के दौरान राज्य भर की मंडियों में किये पुख़्ता प्रबंधों के कारण 184 लाख मीट्रिक टन धान के लक्ष्य में से अब तक 180 लाख मीट्रिक टन की खरीद भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की जा चुकी है और बाकी की खरीद भी आज शाम तक मुकम्मल हो जायेगी।
आज यहां अनाज भवन में धान के खरीद सीजन सम्बन्धी पत्रकारों के रू-ब-रू होते हुये पंजाब के ख़ाद्य, सिवल सप्लाई और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि इस बार मंडियों में किसानों को कोई भी मुश्किल पेश नहीं आने दी गई और समय पर खरीद और ढुलाई की गई। खरीद के केवल 4 घंटे बाद ही किसानों को उनके बैंक खातों में अदायगियाँ कर दीं गई।
और विवरण देते हुये मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में 1806 रिवायती खरीद केंद्र और 583 सार्वजनिक स्थानों के इलावा 37 राइस मिलों को अस्थायी खरीद केंद्र घोषित करके अलॉटमैंट की गई जिससे किसानों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने आगे बताया कि राज्य की खरीद एजेंसियों की तरफ से ख़रीदे गए धान के किसानों को अब तक 34263.40 करोड़ रुपए ख़ाद्य, सिवल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के द्वारा अदा किये जा चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि राज्य के बहुत से जिलों की मंडियों में धान की सरकारी खरीद आज से बंद की जा चुकी है और कुछेक स्थानों पर रहती खरीद प्रक्रिया भी आज शाम तक मुकम्मल हो जायेगी।
धान के सीजन के दौरान निर्विघ्न खरीद यकीनी बनाने के लिए श्री कटारूचक्क ने विभाग के इलावा पंजाब मंडी बोर्ड की भी सराहना की। इस के इलावा दूसरे राज्यों से अनाधिकृत तौर पर आने वाले धान की रोक सम्बन्धी किये उचित इंतज़ामों के लिए पंजाब पुलिस की भी सराहना की जिनकी तरफ से पंजाब के साथ लगते अंतरराज्यीय बैरियरों पर नाके लगाए गए थे।
अन्य मुद्दों सम्बन्धी मंत्री ने जानकारी दी कि जहाँ तक नीले कार्डों की वैरीफिकेशन का सम्बन्ध है तो यह 30 नवंबर तक पूरी कर ली जायेगी जिससे सिर्फ़ योग्य लाभार्थियों को ही यह सुविधा हासिल हो सके। उन्होंने इस सम्बन्धी ख़ुशी ज़ाहिर की कि सरकार की तरफ से बनायी कस्टम मिलिंग नीति की भारत सरकार की तरफ से सराहना की गई है और राज्य को यह जानकारी दूसरे राज्यों के साथ भी सांझी करने के लिए कहा गया है।
इस मौके पर दूसरों के इलावा ख़ाद्य, सिवल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी, डायरैक्टर श्री घनश्याम थोरी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।