पंजाब चुनावोंके में राघव चड्ढा पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विधान सभा के लिए टिकिट बेचने का आरोप लगाया था और चड्ढा वहाँ से भाग निकले थे। वही आरोप अब दिल्ली में अखिलेश पति त्रिपाठी पर लगाए जा रह हैं। गुजरात में भी यही सब कांड चल रहे हैं। गुजरात में राजनैतिक विवेचकों के अनुसार आ आपा का भविष्य कुछ नहीं है। इसी बीच गुजरात के एक खिलाड़ी ने अपना नाम वापिस ले लिया और अपनी ही पार्टी के नेताओं से छुटकारा लेने के लिए फोन इत्यादि बंद कर दिये और अपने परिवार को भी आम आदमी पार्टी से दूर किया। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर बहुत ही गहरे आरोप लगाए। बाद में जरीवाला ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे साथ कुछ फैमिली मैटर हो गया था। इसलिए ही मैंने अपना नामांकन वापस लिया। भाजपा ने मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं डाला और न ही मैंने किसी के दबाव में अपना नामांकन वापस लिया। मैं आम आदमी पार्टी में हूं या नहीं इस पर मैं जल्द ही स्टैंड क्लियर करुंगा।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरत/चंडीगढ़ :
गुजरात चुनाव का रण काफी रोचक होता जा रहा है। आम आदमी पार्टी के सूरत (पूर्व) से उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने बुधवार को अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने अपना बयान भी जारी किया कि उन्होंने किसी के दवाब में नहीं बल्कि स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया था। इससे पहले आप ने भाजपा पर जरीवाला को अगवा करने और जबरन नामांकन वापसी का दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
वहीं, जरीवाला ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे साथ कुछ फैमिली मैटर हो गया था। इसलिए ही मैंने अपना नामांकन वापस लिया। भाजपा ने मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं डाला और न ही मैंने किसी के दबाव में अपना नामांकन वापस लिया। मैं आम आदमी पार्टी में हूं या नहीं इस पर मैं जल्द ही स्टैंड क्लियर करुंगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरे प्रचार के दौरान लोग मुझसे पूछते थे कि मैं एक देश-विरोधी और गुजरात विरोधी पार्टी का उम्मीदवार क्यों बना? इसके बाद मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और मैंने बिना किसी दबाव के अपना नामांकन वापस ले लिया। मैं ऐसी पार्टी का समर्थन नहीं कर सकता जो गुजरात और देश विरोधी हो।
अपना नामांकन वापस लेने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कंचन जरीवाला ने इसके पीछे का कारण बताया। उन्होंने कहा कि मेरे नामांकन वापस लेने का कारण यह था कि सूरत (पूर्व) विधानसभा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया था। कार्यकर्ता रुपयों की मांग करने लगे थे। जरीवाला ने आगे कहा कि मैं इतना सक्षम नहीं हूं कि 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक चुनाव में खर्च कर सकूं। उनकी मांग इतनी थी कि मैं उसे पूरा नहीं कर सकता था। इसके कारण मैने नामांकन वापस ले लिया।
भाजपा द्वारा अपहरण किए जाने के आरोप पर उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद उनके ऊपर पार्टी का काफी दवाब था, लोग बार-बार फोन कर परेशान कर रहे थे। मैं अपने बेटे के दोस्तों के साथ चला गया था। उन्होंने कहा कि वहां बीजेपी का कोई नेता नहीं था। अब मैं अपने अगले कदम के बारे में 5-7 दिन बाद बताऊंगा।
इससे पहले आप नेता मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग कार्यालय के आगे धरने पर बैठते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा ने सूरत(पूर्व) से हमारे उम्मीदवार कंचन जरीवाला को अगवा कर लिया गया था। सिसोदिया ने कहा था कि उन्हें आखिरी बार कल आरओ ऑफिस में देखा गया था। सिसोदिया ने कहा, 500 से ज्यादा पुलिस वाले जबरन कंचन जरीवाला को रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर लेकर पहुंचे और बंदूक की नोक पर उनका नामांकन वापस कराया। सिसोदिया ने कहा, जो कुछ हो रहा है वह चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा, मैंने चुनाव आयुक्त से मिलने का समय मांगा है।
वहीं, इन शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आप के 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। वहीं, मामले में कार्रवाई के लिए गुजरात के मुख्य चुनाव आयुक्त को पूछताछ करने और वारंट के रूप में कार्रवाई करने के लिए भेजा गया है।