राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने पर भड़की कांग्रेस
राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने औऱ उनकी बहन ने पिता राजीव के हत्यारों को माफ कर दिया है, तो कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘हम बहुत व्यथित और परेशान थे। कई सालों तक हम काफी नाराज थे। लेकिन, किसी तरह हमने पूरी तरह….सच में पूरी तरह माफ कर दिया है।’ राहुल ने आगे कहा, ‘मुझे याद है कि जब मैंने मिस्टर प्रभाकरन को टीवी पर मुर्दा देखा तो मुझे 2 चीजों का अहसास हुआ- पहला यह कि वे इस शख्स को इस तरह क्यों अपमानित कर रहे हैं। और दूसरा यह कि मुझे उसके और उसके बच्चों के लिए वाकई बुरा महसूस हो रहा था।’ अब कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के बाकी हत्यारों को छोड़ने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पूरी तरह से अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी 6 दोषी शुक्रवार को रिहा हो गए। इससे पहले सुबह सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत सभी दोषियों की रिहाई का आदेश दिया। कोर्ट का आदेश आने के एक घंटे बाद ही उम्रकैद की सजा काट रहे सभी दोषियों की रिहाई हो गई।
राजीव गांधी की हत्या के मामले में नलिनी श्रीहरन और 5 अन्य लोगों को 31 साल की जेल के बाद आखिरकार मुक्त होना खुशी का क्षण हो सकता है, लेकिन सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी अनुसूया डेजी अर्नेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ‘ब्लैक डे’ है। अर्नेस्ट तब पुलिस सब-इंस्पेक्टर थीं, जब उन्होंने राजीव गांधी की हत्या से कुछ सेकंड पहले, लिट्टे के ‘मानव बम’ धनु को पूर्व प्रधानमंत्री के पास आने से रोका था, लेकिन दूसरी बार ऐसा नहीं कर सकीं। ‘आराम से…चिंता मत करो’, 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी के अनुसूया से कहे यही अंतिम शब्द थे…इसके तुरंत बाद धनु उनका पैर छूने के लिए झुकी और अपने शरीर में बंधे जैकेट में विस्फोट कर दिया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री और 15 अन्य की मौत हो गई।
कांग्रेस ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह से अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत करार दिया है। पार्टी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन और आर पी रविचंद्रन समेत छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक ए जी पेरारीवलन के मामले में शीर्ष अदालत का फैसला उनके मामले में समान रूप से लागू होता है।
कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी इन-चार्ज कम्युनिकेशंस, जयराम रमेश ने कहा, “पूर्व पीएम राजीव गांधी के बचे हत्यारों को मुक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।”
बता दें की शीर्ष अदालत ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन और आर. पी. रविचंद्रन को समय से पहले रिहा करने का शुक्रवार को आदेश दिया। दोनों ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायाधीश बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी ए. जी. पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला इन दोनों के मामले में भी लागू होता है।