Sunday, December 22

            आरोप है कि बच्चों ने जब खाना खाने से इनकार कर दिया तो उन्हें टीचर ने पीटा और जबरदस्ती खाना खिलाया। जैसे ही बच्चों ने खाना खाया उन्हें उलटियां होना शुरू हो गईं और थोड़ी देर के बाद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। बीमार पड़ने के तुरंत ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल बच्चों का उपचार किया जा रहा है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

टीचर ने खाने में छिपकली को बताया बैंगन, पीट-पीटकर खिलाया खाना, 200 से ज्यादा बच्चे बीमार

डेमोक्रेटिक फ्रंट, बिहार :

            नवगछिया प्रखंड में मदत्तपुर गांव के विद्यालय के छात्रों ने बताया कि गुरुवार को मिड-डे-मील परोसा गया था। आयुष नाम के एक छात्र की थाली से छिपकली मिली। वह जोर से चिल्लाया तो सभी बच्चे खाना छोड़ खड़े हो गए। इसकी जानकारी टीचर चितरंजन को मिली तो वह पहुंचे और थाली देखकर कहने लगे कि छिपकली नहीं बैंगन है। टीचर ने थाली से छिपकली निकाल दी और बोले- चुपचाप खाना है तो खाओ नहीं तो घर जाकर खाओ।

            स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद कई बच्चों की तबियत खराब हो गई। इसकी वजह उन्हें छिपकली वाला खाना खिलाना था। पूरा मामला बिहार भागलपुर के एक स्कूल का है जहां मिड-डे मील खाने के बाद 200 बच्चे बीमार हो गए। बच्चों ने खाने में छिपकली होने की शिकायत की तो टीचर खाना फेंकवाने के बजाय बच्चों से यह कह दिया कि छिपकली नहीं बैंगन है। जब बच्चों ने खाने से मना किया तो टीचर ने पीट-पीटकर उन्हें खाना खिलाया।

            मामला नवगछिया प्रखंड में मदत्तपुर गांव के मध्य विद्यालय का है। क्लास 6 की छात्रा शिवानी कुमारी ने बताया कि गुरुवार को मिड-डे-मील परोसा गया। आयुष नाम के एक छात्र की थाली से छिपकली मिली। वह जोर से चिल्लाया तो सभी बच्चे खाना छोड़ खड़े हो गए। इसकी जानकारी टीचर चितरंजन को मिली तो वह पहुंचे और थाली देखकर कहने लगे कि छिपकली नहीं बैंगन है। टीचर ने थाली से छिपकली निकाल दी और बोले- चुपचाप खाना है तो खाओ नहीं तो घर जाकर खाओ।

            इसके बाद भी जब बच्चे नहीं खा रहे थे तो उन्होंने पीट-पीटकर खाना खिलाया। इसके बाद सभी को उल्टियां होने लगीं। करीब 200 बच्चे बीमार हो गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद धीरे-धीरे परिजन स्कूल पहुंचने लगे। सभी बच्चों को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।

            जैसी ही बच्चों को उल्टियां होनीं शुरू हुईं तो स्कूल में मौजूद स्टाफ के हाथ-पैर फूल गए। बच्चों को इलाज के लिए ले जाने की जगह स्टाफ ने आनन-फानन में खाना फेंक दिया। खाना स्कूल के पास ही फेंका गया। ग्रामीण संजय कुमार के साथ BDO गोपाल कृष्ण जांच के लिए पहुंचे। उन्होंने खाना फेंके जाने वाली जगह का मुआयना किया तो वहां मरी हुई छिपकली भी मिली।

बच्चों के बीमार होने की खबर मिलते ही परिजन स्कूल पहुंचे और उन्हें अस्पताल ले गए। इलाज के बाद अब सब खतरे से बाहर हैं।

            स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि खाने में छिपकली नहीं थी। मेन्यू में चावल, दाल, आलू-बैंगन की सब्जी थी। खाने में बैंगन का डंठल मिला था, छिपकली नहीं थी। घटना की सूचना पर नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में SDO, SDPO, BDO समेत कई अधिकारी पहुंचे। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा ने बताया कि बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिली है। किस कारण से बच्चे बीमार पड़े, इसकी जांच होगी। इसके बाद जो जवाबदेह होगा, उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस         घटना के बाद ग्रामीणों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ ग्रामीण कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। इधर, ग्रामीणों की मांग पर नवगछिया BEO विजय कुमार झा ने रसोइए को बर्खास्त और प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है। स्कूल के सभी शिक्षकों का तबादला दूसरे स्कूल में किया जा रहा है।

            भोजपुर में मिड डे मिल का भोजन करने से उत्क्रमित मध्य विद्यालय (हरिजन टोली) में 50 बच्चे बीमार हो गए। सभी बच्चों ने सोमवार को स्कूल में खाना खाया था। इसके बाद रात होते ही एक दो बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। मंगलवार की सुबह से ही एक के बाद एक 50 बच्चे बीमार पड़ गए । सभी को इलाज के लिए पीरो रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज किया गया। मामला पीरो प्रखंड के हसन बाजार ओपी अंतर्गत हरनाम टोला गांव का है।