Tuesday, December 24
  • मातृत्व वन्दना योजना के अंतर्गत 60,912 लाभार्थियों को चालू वित्तीय वर्ष के दौरान बाँट चुकी है 10.40 करोड़ रुपए की राशि: डॉ. बलजीत कौर
  • सरकार ने योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए 36.60 करोड़ रुपए का बजट किया आरक्षित

 राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में और अधिक सुधार लाने के लिए 10.40 करोड़ रुपए की राशि बाँटी जा चुकी है।  


            इस सम्बन्धी अधिक जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति को और अधिक बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत राज्य में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 60,912 महिला लाभार्थियों को 10.40 करोड़ बाँटे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस योजना के लिए कुल 36.60 करोड़ रुपए का बजट आरक्षित किया है।  


            सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार द्वारा 19 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म पर 5000 रुपए तीन किस्तों में (रुपए 1000+2000+2000) दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति को और अधिक बेहतर बनाने के लिए विशेष शर्तों की पूर्ति के अधीन दिए जाते हैं।  

ऐसी योजना जो देती है गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित इलाज व ₹5000 की आर्थिक मदद,


            डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पहले 5000 रुपए का लाभ तीन किस्तों में दिया जाता था, जो अप्रैल 2022 के बाद समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से सम्बन्धित महिलाओं को मातृत्व लाभ के अंतर्गत दो किस्तों में पाँच हज़ार रुपए का लाभ प्रदान किया जाता है। पहली किस्त 3000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण पर और कम से कम जन्म से पहले आंगनवाड़ी केंद्र (ए.डब्ल्यू.सी) में एल.एम.पी तारीख़ से 6 महीनों के अंदर-अंदर एक चैक-अप और राज्य/यू.टी. द्वारा अनुमोदित स्वास्थ्य सुविधाओं की पहचान पर और दूसरी किस्त 2000 रुपए बच्चे के जन्म पंजीकरण, बच्चे को बी.सी.जी, ओ.पी.वी, डी.पी.टी और हेपेटाइटिस-बी या इसके समकक्ष पहली डोज़ प्राप्त करने पर मिलने योग्य है।

 
            मंत्री ने बताया कि वित्तीय सहायता की अदायगी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है, जिन्हें आधार से जोड़ा जा चुका है।