एमबीबीएस की फीस में बढ़ोतरी करके सरकार ने मध्यम व गरीब वर्ग पर कुठाराघात किया : दलबीर किरमारा

  • सरकार के फैसले से लाखों अभिभावकों व बच्चों के सपने चकनाचूर हुए
  • भाजपा सरकार ने अपनी नीतियों से साबित कर दिया है कि वह केवल जनविरोधी निर्णय ही लेती है

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 09 नवंबर :


            आम आदमी पार्टी, हिसार के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा ने सरकार द्वारा एमबीबीएस की फीस 10 लाख रुपये किए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इसे एमबीबीएस करने वाले बच्चों के सपनों पर कुठाराघात बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस जनविरोधी व युवा विरोधी फैसले के बाद गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चे तो डाक्टर बनने की सोच भी नहीं सकते।


            दलबीर किरमारा ने एक बयान में कहा कि केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है। एक गरीब व मध्यम वर्ग के अभिभावक किसी तरह इंतजाम करके अपने बच्चों को एमबीबीएस करवा लेते थे और आशा करते थे कि उनका बच्चा कामयाब हो जाएगा, लेकिन सरकार ने ऐसे लाखों अभिभावकों व बच्चों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। सरकार को बॉंड भरकर देना और 10 लाख रुपये की फीस का फैसला पूरी तरह से जनविरोधी निर्णय है। सरकार बात तो अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की करती है लेकिन वह पहले से पैरों पर खड़ा होने के प्रयास में लगे बच्चों के सपनों को भी तोड़ रही है। गरीब व मध्यम वर्ग, जिसके घर में दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से बनती हो, वे इतनी बड़ी राशि का इंतजाम कैसे करेंगे, ये समझ से परे हैं।


            दलबीर किरमारा ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से बच्चों के एमबीबीएस बनने से स्वास्थ्य सेवाओं तक बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। यह फैसला पूरी तरह से अमीरों के हित में व गरीबों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उसके इस फैसले से किसका भला होगा, यदि सरकार ने गरीब व मध्यम वर्ग के भले की बात सोची होती तो वह यह फैसला कतई नहीं करती। एक तरफ तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी करके इन सेवाओं को आम जनता की पहुंच में ला रही है परंतु हरियाणा सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय करके जरूरी व आवश्यक सेवाओं को जनता की पहुंच से दूर करना चाह रही है। वास्तव में जनविरोधी व जनहितैषी सरकार की नीतियों में यही फर्क होता है और भाजपा सरकार ने अपनी नीतियों से साबित कर दिया है कि वह केवल जनविरोधी निर्णय ही लेती है।