और एक दिन स्कूल बंद हो जाएंगे: ऐसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बंद करो: शिक्षकों की मांग

करणी दान सिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 9 नवंबर :

            राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की ओर से वाहन जत्था जागृति यात्रा सूरतगढ़ में पहुंचने पर उपखंड कार्यालय के आगे शिक्षकों ने सभा की जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बंद करने की मांग थी। इसके अलावा अन्य मांगे भी थी जिस पर शिक्षक नेताओं ने अपने वक्तव्य दिए।

            राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रांतीय अध्यक्ष महावीर सियाग ने अपने भाषण में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कारण जो हालात पैदा हो रहे हैं उनसे एक दिन ऐसा आएगा कि सारे सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे। 

            वक्तव्य में कहा गया कि केंद्रीय सरकार अपनी नीतियां तो लागू पर उतारू है जो न तो शिक्षकों के पक्ष में है और न राष्ट्रीय हित में है।

            वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने किसानों पर भी तीन काले कानून लादने की कोशिश की थी लेकिन  सख्त विरोध के कारण तीनों कानून वापस लेने पड़े थे।

              सभा में आह्वान किया गया कि शिक्षकों को एकजुट होकर के अपनी मांगों के लिए संघर्ष करना होगा। एकजुटता और संघर्ष के बिना सफलता नहीं मिल सकती।

             उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों की नियुक्ति के बजाए संविदा पर शिक्षक रखे जा रहे हैं। इससे एक प्रकार का शिक्षकों का अपमान है। पूरा वेतन देने के बजाय यदि 8000 -10000 रू दिए जाएं तो बताएं तो सही की जिसको संविदा पर रखा जा रहा है वह  शिक्षक योग्यता में किस रूप में कम है? 

             असल में वह किसी भी रूप में योग्यता में कम नहीं है। कहा गया कि यह नीति केवल शिक्षकों के लिए ही नहीं देश के लिए भी घातक है। 

             एक मांग यह भी हुई कि पुरानी पेंशन बहाल तो राजस्थान सरकार ने कर दी है लेकिन नई पेंशन वाला कानून अभी लागू है जो खत्म किया जाना चाहिए।

             यह मांग भी है कि शिक्षकों से गैरशैक्षणिक कार्य करवाना बंद हो। शिक्षकों से केवल एक ही कार्य शैक्षणिक कार्य करवाया जाए।

              सभा में बताया गया कि वाहन जत्था यात्रा श्रीगंगानगर और डूंगरपुर से 8 नवंबर को रवाना हुई है जो जगह जगह पहुंच कर शिक्षकों को संघर्ष करने के लिए प्रेरित करेगी। श्रीगंगानगर से पहुंची हुई यह यात्रा 9 नवंबर को सूरतगढ़ पहुंची और सभा के बाद  हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा क्षेत्र में पहुंचना था।

              आज सभा में काफी संख्या में शिक्षक और महिला शिक्षक और सेवानिवृत्त शिक्षक भी पहुंचे हुए थे।