रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 8 नवम्बर :
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चरण 1 के तहत 20 जिलों में पीजी की 250 सीटें आवंटित सेवारत स्थानीय डॉक्टरों के पोस्टग्रेजुएट (पीजी) प्रशिक्षण के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित। एक महत्वपूर्ण कदम के तहत पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार के उद्देश्य से प्रधानमंत्री की सोच “सभी के लिए स्वास्थ्य” के अनुरूप भारत सरकार ने आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के सक्रिय योगदान के साथ जम्मू और कश्मीर के 20 जिलों में स्थित कई सरकारी अस्पतालों को 265 डिप्लोमैंट ऑफ नैशनल बोर्ड (डीएनबी) पोस्टग्रेजुएट मैडीकल सीटें आवंटित की हैं।
इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल यह सुनिश्चित होगा कि जम्मू और कश्मीर के लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि केंद्रशासित प्रदेश के डॉक्टरों को भी अपने क्षेत्र में प्रशिक्षित होने का अवसर मिलेगा। इस स्वदेशी चिकित्सा कार्यबल का उपयोग करने से जम्मू और कश्मीर में एक प्रभावी स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली का रास्ता खुलेगा। भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर के लगभग हर जिले में प्रशिक्षित विशेषज्ञ उपलब्ध कराने की सोच के साथ इसे एक मिशन मोड में बतौर एक चुनौती लिया है। इसके लिए एनबीईएमएस के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया गया कि एनबीईएमएस की पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) की कई सीटें जम्मू और कश्मीर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों को आवंटित की जाएं।
इसके परिणामस्वरूप वर्तमान में विस्तार योजना के चरण 1 के तहत 20 जिलों में पीजी की 250 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। वहीं, दूसरे चरण के तहत पी.जी.की दो और सीटें दी जाएंगी। इसके अलावा पी.जी. की 50 फीसदी सीटें सेवारत स्थानीय डॉक्टरों के लिए आरक्षित हैं, जिससे उन्हें पी.जी.प्रशिक्षण का अवसर प्रदान किया जा सके। चूंकि आधुनिक गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा जम्मू और कश्मीर के लगभग सभी जिलों में अधिक सस्ती और सुलभ हो जाएगी,इससे केंद्रशासित प्रदेश के लोग लाभान्वित हो सकेंगे। साथ ही, यह प्राथमिक,माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में और अधिक बढ़ोतरी करेगा। इसके अलावा विभिन्न मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर स्थित परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है। इससे केंद्रशासित प्रदेश के उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना होगा।