श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान, आनंद मैरिज एक्ट को किया जायेगा लागू

  • ’प्रकाश पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री ने तख़्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेका
  • ’राज्य की शांति, तरक्की और खुशहाली के लिए की अरदास
  • ’प्रकाश पर्व के शुभ मौके पर लोगों को दीं बधाईं


राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/श्री आनंदपुर साहिब :

            श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को तख़्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेका और ऐलान किया कि आनंद मैरिज एक्ट को यथावत लागू किया जायेगा।

            मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक्ट को 2016 में नोटीफायी किया गया था परन्तु तब से यह लटक रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे कई अन्य राज्य पहले ही इस एक्ट को लागू कर चुके हैं परन्तु पंजाब इससे पिछड़ गया है। भगवंत मान ने कहा कि इस एक्ट को अब सही मायनों में लागू किया जायेगा।

            मुख्यमंत्री तख़्त श्री केसगढ़ साहिब में नतमस्तक हुए और उन्होंने अरदास की कि राज्य में सांप्रदायिक सांझ, शांति और भाईचारे की भावनाएं हर गुज़रते दिन के साथ ज़्यादा मज़बूत हों और पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करे। प्रकाश पर्व के शुभ मौके पर संगत को हार्दिक बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी एक महान आध्यात्मिक नेता थे, जिन्होंने मानवता को परमात्मा की भक्ति के द्वारा मुक्ति प्राप्त करने का रास्ता दिखाया। भगवंत मान ने कहा कि गुरू जी की ‘किरत करो, नाम जपो और वंड छको’ की शाश्वत शिक्षाएं आज के पदार्थवादी समाज में भी प्रासंगिक हैं।

            मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने जात-पात रहित समाज की कल्पना की थी जिससे दुखी मानवता को तकलीफ़ों से मुक्त करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने मानवता को नये विचारों, आदर्शों और जिज्ञासाओं के साथ प्रेरित किया और पाखंड, झूठ, फ़रेब और जात-पात की बुराईयों से छुटकारा पाने का न्योता दिया। भगवंत मान ने लोगों से अपील की कि वह महान गुरू द्वारा दिखाई सेवा और नम्रता की भावना को अपनाएं और श्री गुरु नानक देव जी की अनमोल विरासत पर चलते हुये शांतमयी, खुशहाल और स्वस्थ समाज की सृजन करना के लिए तन-मन से यत्न करें।

            मुख्यमंत्री ने लोगों को इस पवित्र मौके को जाति, रंग, नसल और धर्म के भेदभाव से पर उठ कर पूरी श्रद्धा और लगन के साथ मनाने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि अपनी उदासियों के कारण संसार भर में जगत गुरू के तौर पर सम्मान किये जाते गुरू नानक देव जी ने सांप्रदायिक सांझ और भाईचारक जड़ों को मज़बूत करने का प्रचार किया। भगवंत मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं के द्वारा मुग़ल बादशाह बाबर के हमले के समय ज़ुल्म, अन्याय और अत्याचार का डट कर विरोध किया।

            गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता, माता धरति महतु’ का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू जी ने हवा को गुरू, पानी को पिता और धरती की माता के साथ तुलना की है। भगवंत मान ने कहा कि गुरू जी की दूरदर्शी सोच की पता इन बातों से लगता है कि उन्होंने उस समय लोगों को वातावरण की संभाल का उपदेश दिया था, जब हवा प्रदूषण कहीं भी नहीं था। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी नारी सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं को समानता का दर्जा देने के पक्के पैरोकार थे।