Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 07 नवम्बर 22 :

श्री सत्यनारायण व्रत

नोटः आज श्री सत्यनारायण व्रत है। तथा त्रिपुरोत्सव, कार्तिक व्रतोद्यापनं, ग्रहण वेध है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944,

 मासः कार्तिक़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः ़चतुर्दशी, सांय कालः 04.17 तक है, 

वारः सोमवार।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः अश्विनी रात्रि कालः 12.37 तक है, 

योगः सिद्धि रात्रिः काल 10.36 तक,

 करणः वणिज, 

सूर्य राशिः तुला, चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः सायंः 4.30 से सायं 6.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.42, सूर्यास्तः 05.28 बजे।