पंचांग, 29 अक्टूबर 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 29 अक्टूबर 22 :
नोटः आज सौभाग्य तथा ज्ञान पंचमी (जैन) और जया पंचमी व्रत है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः कार्तिक़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः चतुर्थी, प्रातः 08.14 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः पंचमी तिथि का क्षय है।
नक्षत्रः ज्येष्ठा प्रातः 09.06 तक है,
योगः अतिगण्ड रात्रिः काल 10.22 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः तुला, चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.35, सूर्यास्तः 05.34 बजे।