गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाने की घोषणा
गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने और इसे लागू करने के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है। राज्य के CM भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट किया कि राज्य कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का फैसला किया है। यह कमेटी गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत की समीक्षा करेगी साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था। इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार संसद को समान नागरिक संहिता पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है।
- गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोड कमिटी बनाने का फैसला
- गुजरात कैबिनेट की बैठक में कमेटी बनाने पर लगी मुहर
- मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल जल्द ही इस कमिटी का गठन करेंगे
- उत्तराखंड सरकार पहले से इस दिशा में काम कर रही है
अजाय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, अहमदाबाद/चंडीगढ़ :
गुजरात चुनाव से पहले राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश में यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की घोषणा करने जा रही है। इसको लेकर आज दोपहर गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ऐलान कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो गुजरात सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कमेटी बनाएगी। इस संबंध में शनिवार को कैबिनेट में प्रस्ताव आ सकता है। हाईकोर्ट के रिटायर जज यूसीासी पर बनी इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी आज दोपहर 3 बजे इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काफी लंबे समय से भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दों में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 की समाप्ति के अलावा देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना शामिल रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 समाप्त हो चुका है, अब यूसीसी का मुद्दा शेष रह गया है। भाजपा इसके पक्ष में रही है कि देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून होना चाहिए। धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवस्था न हो। शादी, तलाक और संपत्ति जैसे मुद्दों पर एक जैसी व्यवस्था हो। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर फिलहाल कोई प्रयास तो नजर नहीं आ रहा, लेकिन भाजपा शासित राज्य इस संबंध में जरूर निर्णय ले रहे हैं। उत्तराखंड पहले ही राज्य में यूसीसी लागू करने को लेकर कमेटी गठित कर चुका है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने गुजरात सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि गुजरात के यूनिफॉर्म सिविल कोड की दिशा में एक राज्य ने पहले ही कदम बढ़ाए हुए हैं। अब गुजरात ने इसे लागू करने का फैसला किया है। रुपाला ने कहा कि गुजरात ने कहीं न कहीं देश को यूनिफॉर्म सिविल कोड की तरफ ले जाने की शुरुआत की है। रुपाला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले कमिटी बना दी जाएगी।
रूपाला ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि गुजरात में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन के लिए समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे। इस बैठक को भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी मुलाकात माना जा रहा है, क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले हफ्ते होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था। इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार संसद को समान नागरिक संहिता पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने, विवाह, तलाक, रखरखाव और गुजारा भत्ता को विनयमित करने वाले व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता की मांग की गई थी। केंद्र सरकार ने इसी याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया था।