कॉंग्रेस पाषार्दों  ने आज सदन की बैठक के मनोनीत पाषार्दों के प्रवेश का कडा विरोध किया

            चंडीगढ़ नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों ने आज सदन की बैठक में भाजपा के कार्यकर्ताओं को निगम में मनोनीत पार्षदों के रूप में प्रवेश करने का कड़ा विरोध किया.  उन्होंने आरोप लगाया कि कई नामांकित पार्षदों ने यह बात छुपायी कि वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं और उन्होंने अपने आप को सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया. 

            उन्होंने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि प्रशासन ने भी किसी भी स्तर पर इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि वे सामाजिक नहीं बल्कि भाजपा से जुड़े राजनीतिक कार्यकर्ता हैं. कांग्रेस पार्षदों ने मांग की कि जिन नामांकित पार्षदों ने नामांकन के लिए आवेदन करते समय अपने बायो डाटा को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए. इन  नामांकनों को 1994 से चण्डीगढ़ में लागू पंजाब नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों का खुले रुप से उल्लंघन बताते हुए काग्रेंसी पार्षदों ने कहा कि 2001 से 2015 तक जब कांग्रेस पार्टी ने नगर निगम का नेतृत्व किया, तब केवल शहर की प्रतिष्ठित हस्तियों और अपने अपने क्षेत्रों के नामवर विशेषज्ञों को ही पार्षदों के रूप में नामित किया जाता था. इनमें रिटायर्ड फौजी ब्रिगेडियर के.एस चांदपुरी, जनरल ए.एस कांहलो, ब्रिगेडियर सन्त सिहं, शिक्षाविद् पाम राजपूत और के आत्माराम, व्यवसायी एम.पी. एस चावला, टेक्नोक्रेट पी.सी सांघी, प्रशासक के.एस. राजू, मेडिको अमृत तिवारी और कई अन्य गैर-राजनीतिक लेकिन प्रसिद्ध हस्तियां शामिल रहीं.

            भाजपा के दबाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं को मनोनीत करके प्रशासक ने न केवल चंडीगढ़ के लोगों के हितों पर कुठाराघात किया है, बल्कि शहर में लोकतांत्रिक परंपराओं को एक बड़ा झटका दिया है.

            निगम की आज की बैठक के दौरान पार्षद जसबीर बंटी ने सेक्टर 42 में वी-4 सड़क की तत्काल मरम्मत की मांग को लेकर हाउस में ही विरोध प्रदर्शन किया. इस सड़क का उपयोग छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा नंगे पांव चलते हुए किया जाता है.  बंटी सड़क की तुरंत मुरम्मत कराने के की अपनी मांग को लेकर मेयर के सामने ही धरने पर बैठ गये, जिसके बाद उनका प्रस्ताव एजेण्डे पर लाया गया और पारित हो सका. 

            पार्षद सचिन गालव ने पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में किराएदारों को भेजे गए संपत्ति कर नोटिस को वापस लेने और मकान मालिकों से ही कर वसूलने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया.

            पार्षद गुरबख्श रावत ने शहर में वर्षा जल निपटान प्रणाली को पूरी तरह से मशीनीकृत करने का एक प्रस्ताव पेश किया ताकि सफाई कर्मचारियों को स्वयं सफाई के लिए उतर कर अपनी जान जोखिम में डालने पर मजबूर न होना पड़े.