आजम खान की तीन साल की सजा के साथ आजम की विधायकी भी जाएगी?

            भड़काऊ भाषण देने के मामले में समााजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को 3 साल की जेल की सजा सुनाई गई और 25 हजार जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि उन्हें जमानत मिल गई है। सजा बरकरार रहने पर आजम खान को विधान सभा की सदस्यता छोड़नी पड़ेगी। दो साल से ज्यादा की सजा होने पर एमपी/एमएलए की सदस्यता खत्म हो जाती है। रामपुर कोर्ट ने आज ही दोषी करार दिया था। कोर्ट ने धारा 125, 505 और 153 ए तहत दोषी करार दिया था। गौर हो कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान रामपुर में एक चुनावी सभा मे भाषण के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

पिता आजम खां के साथ अब्दुल्ला आजम
  • आजम खा को भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा हुई है
  • कोर्ट ने धारा 125, 505 व 153 ए तहत दिए गए दोषी करार दिया था
  • आजम खान को विधान सभा की सदस्यता छोड़नी पड़ेगी
  • सजा के बाद भी आजम खान के पास है विकल्प
  • यदि कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका स्‍वीकार कर ले तो …
  • हाई कोर्ट का रुख कब कर सकेंगे आजम खान

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्‍ली/लखनऊ :

            हेट स्पीच मामले में समाजवादी विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को उत्‍तर प्रदेश के रामपुर की एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने 3 साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई है। लेकिन उनके पास अभी भी कुछ विकल्प बचे हैं। अपनी स्पीच में आजम खान ने न सिर्फ पीएम नरेन्द्र मोदी पर बल्कि रामपुर के तत्कालीन डीएम पर भी बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। आजम खान को सजा सुनाए जाने के बाद रामपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

            कानून के जानकारों ने बताया कि आजम खान, इस फैसले को लेकर निचली कोर्ट की शरण ले सकते हैं।  इसके लिए उन्‍हें एक जमानत याचिका दाखिल करनी होगी। यदि निचली अदालत इस याचिका को स्‍वीकार कर लेती है तो आजम खान के जेल से बाहर निकलने का रास्‍ता साफ हो सकता है।  इसके अलावा यदि कोर्ट उनकी जमानत याचिका खारिज कर देता है, तो फिर आजम खान हाई कोर्ट का रुख कर सकेंगे।  हालांकि आजम खान 60-90 दिनों में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं। अगर कोर्ट के इस फैसले पर स्टे नहीं लगाती है तो आजम खान को कोई राहत नहीं मिलेगी।

            2017 के विधानसभा चुनाव से पहले आजम अखिलेश सरकार में मंत्री थे तब उनके ऊपर महज एक मामला दर्ज था। इस वक्त 80 से ज्यादा मामलों में आजम आरोपी हैं। आजम को पहली बार किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। आखिर ये पूरा मामला क्या है? आजम पर कुल कितने और कैसे-कैसे मामले दर्ज हैं? उनके परिवार के बाकी सदस्यों पर कितने मामले हैं? अब तक आजम और उनके परिवार के सदस्य कितने दिन जेल में बिता चुके हैं?

            2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खां ने मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा के दौरान उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा। आरोप था कि उनके बयान से दो वर्गों में नफरत फैल सकती थी। जिसका वीडियो वायरल हुआ था।

            भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान ने मिलक कोतवाली में मामला दर्ज कराया। इस मामले में आजम पर आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ। मामले की सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) निशांत मान की कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया। कोर्ट ने आजम को इसके लिए तीन साल की सजा और छह हजार जर्माने की सजा सुनाई। 

            लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है। आजम को तीन साल की सजा हुई है। ऐसे में उनकी विधायकी जाना लगभग तय है। 



            नहीं, 2013 के पहले ऐसा नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में इस अधिनियम को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धारा 8(4) को असंवैधानिक करार दिया था। इस प्रावधान के मुताबिक, आपराधिक मामले में (दो साल या उससे ज्यादा सजा के प्रावधान वाली धाराओं के तहत) दोषी करार किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को उस सूरत में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता था, अगर उसकी ओर से ऊपरी न्यायालय में अपील दायर कर दी गई हो। यानी धारा 8(4) दोषी सांसद, विधायक को अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील लंबित होने के दौरान पद पर बने रहने की छूट प्रदान करता है। इसके बाद से किसी भी कोर्ट में दोषी ठहराए जाते ही नेता की विधायकी-सासंदी चली जाती है। 

2022 में हुए विधानसभा चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक आजम, उनकी पत्नी और विधायक बेटे पर कुल 165 आपराधिक मामले दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि 2017 तक इस परिवार के तीनों सदस्यों में से सिर्फ आजम खान पर एक मुकदमा दर्ज था। 

आजम खान, उनके बेटे और पत्नी ने जो हलफनामे दाखिल किए थे, उनके मुताबिक आजम पर कुल 87 मामले, अब्दुल्ला आजम पर 43 और तजीन फातिमा पर 35 मामले दर्ज हैं। तीनों पर मिलाकर कुल 165 केस दर्ज हैं। हालांकि, अब ये संख्या और बढ़ चुकी है। चुनाव प्रचार के दौरान और इसके बाद भी आजम पर दर्ज होने वाले मामलों में इजाफा हुआ। अब ये संख्या 90 को छू चुकी है।   

            फर्जी पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के मामले में 26 फरवरी 2020 को आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। रामपुर जेल में एक रात गुजारने के बाद तीनों को सीतापुर जेल भेज दिया गया। करीब दस महीने जेल में रहने के बाद 20 दिसंबर 2020 को आजम की पत्नी जमानत पर बाहर आईं। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम करीब 23 महीने जेल में रहने के बाद 16 जनवरी 2022 को रिहा हुए। 


            आजम खान सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने पर 27 महीने बाद 20 मई 2022 को जेल से रिहा हुए। तब उनके ऊपर दर्ज केसों की संख्या 89 हो चुकी थी। बीते अगस्त में भी उनके ऊपर एक केस दर्ज हुआ। यानी, आजम पर दर्ज मामलों की संख्या 90 पहुंच गई। 

            परिवार के तीनों सदस्यों पर सबसे ज्यादा मामले 2006 में जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के हैं। इसी यूनिवर्सिटी के लिए तीनों पर शत्रु संपत्ति की जमीन को जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने के भी आरोप हैं। आजम परिवार के तीनों सदस्यों पर अब्दुल्ला आजम का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का भी आरोप है। 

            तजीन पर रामपुर पब्लिक स्कूल के लिए फर्जी फायर एनओसी लगाने और बिजली चोरी का आरोप है। अब्दुल्ला पर चुनाव में झूठी जानकारी देने का आरोप है। अब्दुल्ला आजम और आजम खान पर मदरसे से किताबें चुराने और टोल पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप है।  

            आजम खान के 2017 के हलफनामे के मुताबिक, उस वक्त उन पर सिर्फ एक केस दर्ज था। हलफनामे में आजम ने बताया था कि उन पर चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने का मामला चल रहा है। यानी, 2019 में भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी ठहराए गए आजम पर 2017 में चल रहा इकलौता मामला भी भड़काऊ भाषण देने का ही था।


सूरतगढ़:अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के बाद पार्षद रोहिताश धानक पर मुकदमा – बड़ी रिपोर्ट

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 27 अक्टूबर :

             नगर पालिका सूरतगढ़ के कॉन्ग्रेस बाहुल्य बोर्ड में अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा उपाध्यक्ष सलीम कुरेशी पर आपराधिक मामले दर्ज होने के बाद अब पार्षद रोहिताश पर भी कूट रचित दस्तावेज के आधार पर पार्षद का  चुनाव लड़ने के आरोप में सूरतगढ़ सिटी थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है।

             यह प्रकरण अदालत के आदेश के बाद 21 अक्टूबर 2022 को दर्ज हुआ लेकिन इसका विस्फोट रामरमी दिवस के दिन 26 अक्टूबर को हुआ जब जनता को यह मालूम पड़ा।

             रोहिताश पर गंभीर आरोप हैं। सूरतगढ़ नगरपालिका बोर्ड के 2019 में हुए चुनाव में वार्ड नंबर 45 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था। रोहिताश पर आरोप है कि उसने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैयार करवाया और इसके आधार पर चुनाव लड़ा।

             यह प्रमाण पत्र तहसीलदार सादुल शहर के डिजिटल हस्ताक्षर से 31 जुलाई 2014 को जारी होना प्रमाणित है।

             इस जाति प्रमाण पत्र जो डिजिटल है उस पर यह नियम  लिखा हुआ है कि कियोस्क द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है।  संबंधित दस्तावेज जारी करने वाले अधिकारी के कार्यालय में निरीक्षण और परीक्षण के लिए मौजूद रहेंगे, लेकिन मुकदमा करने वाले कमलेश मीणा का आरोप है कि वहां पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। 

             प्रमाण पत्र पर यह भी लिखा गया वह की ईमित्रा  गवर्नमेंट इन पर ऑनलाइन वेरिफिकेशन सेक्शन में इसका सत्यापन किया जा सकता है। यह भी लिखा हुआ है कि किसी प्रकार का कोई विवाद होने पर प्रमाण पत्र खारिज किया जा सकेगा।

            रोहिताश पुत्र नेकी राम निवासी वार्ड नंबर 9 पुराना और नया वार्ड नंबर 45 पर आरोप है कि वह अनुसूचित जाति धानक का है और उसने चुनाव लड़ने के लिए यह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाया। यह भी आरोप है कि रोहिताश ने यह सब जानते बुझते हुए किया। षड्यंत्र रच कर किया और कूटरचित प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ा। रोहिताश पर इसलिए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 467 468 120 बी में यह मुकदमा दर्ज हुआ है।

              रोहिताश ने अनुसूचित जाति का होने का प्रमाण दे कर के सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते हुए 2 वर्ष तक सन् -93-94 और 94-95 में  छात्रवृत्ति भी प्राप्त की थी। उक्त छात्रवृत्ति बिना प्रमाण पत्र के नहीं दी जाती।स्पष्ट है कि सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में रोहिताश ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र पेश किया था।

            पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद में  शिकायत कर्ता कमलेश मीणा निवासी वार्ड नंबर 2 के बयान भी 26 अक्टूबर को दर्ज कर लिए हैं।

              अब आगे की जांच के अंदर यह खुलासा होगा। पुलिस नियमानुसार जांच को आगे बढ़ाने पर सादुलशहर तहसीलदार के कार्यालय से दस्तावेज प्राप्त करेगी वहां पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने पर रोहिताश पर गिरफ्तारी का संकट रहेगा। रोहिताश से पूछताछ की जाएगी कि इसने यह दस्तावेज कहां से बनवाया था। यह बात रोहिताश ही बता सकता है। हो सकता है कि यह e-mitra सूरतगढ़ का हो। यह आगे सब कुछ अनुसंधान का विषय है। फर्जी दस्तावेज बनाने में अभी तो रोहिताश का ही नाम है लेकिन अनुसंधान में हो सकता है कूट रचना करने में सहयोगी रहे अन्य लोग भी मुकदमे में पकड़े जा सकते हैं। 

  • यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नगर पालिका में किसी न किसी पार्षद पर नित्य नए आरोप लगते रहते हैं। जनता का काम नहीं हो रहा लेकिन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं।
  • नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर आरोप है कि उन्होंने सीवरेज का एक करोड़ 48 लाख रुपए का भुगतान फर्जी तरीके से कर दिया और सरकारी कोष को हानि पहुंचाई। ओमप्रकाश कालवा पर सिटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। 
  • इसके बाद में उपाध्यक्ष सलीम कुरेशी एक प्लॉट के बिकवाने के  चक्कर में फंस गए। उन पर आरोप है कि उन्होंने ₹6 लाख खुद ने लिए और ₹7 लाख अन्य व्यक्ति को दिलाए। जो प्लॉट बेचा गया था वह नगरपालिका की संपत्ति था। नगरपालिका ने अवैध निर्माण मानते हुए 17 अक्टूबर 2022 को तोड़ भी दिया। 
  • पार्षद रोहिताश तीसरा व्यक्ति है जिस पर मुकदमा हुआ है नगर पालिका में उठापटक आरोप-प्रत्यारोप के चलते हुए यह मुकदमे हुए हैं।

आशंका है कि पालिकाध्यक्ष के आसपास रहने वाले अन्य पार्षदों पर भी गलती होते ही मुकदमा दर्ज की कार्यवाही होगी सभी पर निगाहें है रखी जा रही है ऐसा राजनीति में माना जा रहा है। 

निगम के शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार करेंगी कांग्रेस पार्टी

विनोद कुमार/सरोज बाला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            चंडीगढ़ कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों की आज यहाँ काग्रेंस भवन सैक्टर 35 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की अगुआई में हुई एक बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि चण्डीगढ़ काग्रेंस के सभी पार्षद कल की नगर निगम की बैठक का पूर्णतया  बहिष्कार करेंगे. बहिष्कार का यह निर्णय केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित द्वारा चण्डीगढ़ में लागू पंजाब नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों की धज्जियां उड़ाते हुए भाजपा के पदाधिकारियों को मनोनीत पार्षदों के रूप में नामित करने के फैसले का विरोध प्रकट करने के  लिए लिया गया है. बैठक में पार्षद गुरबख्श रावत, गुरप्रीत सिंह गाबी, जसबीर बन्टी, दर्शना के अलावा पार्षद निर्मला देवी के स्थान पर उनके पति दिलावर सिंह मौजूद थे. पांचवे पार्षद सचिन गालव ने फोन के ज़रिए प्रस्ताव को अपनी सहमति दी.

            बैठक में पारित प्रस्ताव में भाजपा से सम्बन्धित 9 नामांकित पार्षदों को मनोनीत करने के फैसले को चण्डीगढ़ के लोगों से किया एक धोखा करार देते हुए कहा गया कि प्रशासन का यह फैसला 2021 के नगर निगम चुनाव में दिए गए चण्डीगढ़ वासियों के जनादेश को हाईजैक करने के समान है, जिससे भाजपा अलोकतांत्रिक ढ़ंग से नगर निगम पर पूरा कब्जा करना चाहती है, ताकि वह अपने जनविरोधी और भ्रष्ट तन्त्र के द्वारा शहर के संसाधनों की लूट जारी रख सके.  

            काग्रेंस के पार्षदों ने एक सुर में कहा कि चंडीगढ़ के लिए लागू पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट 1994 में प्रावधान है कि निगम में नामांकन केवल उन व्यक्तियों में से होना चाहिए जिन्होंने सार्वजनिक मामलों में नाम कमाया हो और अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठित हों या जिन्हें नगरपालिका प्रशासन के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव हो. पार्षदों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि नामांकित पार्षदों का मनोनयन चण्डीगढ़ के हितों को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि भाजपा के विध्वंसकारी एवं जनविरोधी एजेण्डे को पोषित करने के लिए किया गया है और प्रशासन का यह  फैसला सिर्फ भाजपा के भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा देगा.  उन्होंने कहा कि भाजपा के आठ कार्यकर्ताओं के इस तरह से मनमर्जी भरे नामांकन होने से एक बार फिर पता चला है कि प्रशासन ने उस भाजपा के प्रभाव में काम किया है, जो देश में लगातार सभी संवैधानिक और वैधानिक प्राधिकरणों को कमजोर करने के साथ साथ विभिन्न समुदायों में आपसी भाईचारे को चोट पहुंचाने में  लगी हुई है. 

            पार्षदों ने यह कहा कि 2021 के चण्डीगढ़ नगर निगम चुनावों में अगर  सभी 35 वार्डों में डाले गए वोटों की  गिनती के अनुसार सारे शहर में सामूहिक रुप में काग्रेंस को सबसे ज्यादा वोटें प्राप्त हुई थी, हालांकि सीटों के लिहाज़ से आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी. परन्तु नामांकन करते हुए इन दोनों पार्टियों की राय को पूरी तरह से नज़रअन्दाज़ कर दिया गया है, जो प्रशासन के तानाशाही भरे रवैये की तरफ इशारा करता है. नामांकन का यह फैसला निगम को और कमजोर कर  सकता है, जिससे शहर के विकास की गति में बाधा आ सकती  है. कांग्रेसी पार्षदों ने प्रशासक से चंडीगढ़ के लोगों के हित में, भाजपा के नाजायज़ दबाव में लिए गए अपने मनमाने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है. 

अमित शाह ने राष्ट्र को समर्पित किया वीडियो  से रोहतक में निर्मित रेल कोच नवीनकरण कारखाना (सोनीपत) और एलिवेटेड रेलवे ट्रैक  तथा  फरीदाबाद में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना की रखी आधारशिला 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो,27 अक्तूबर  :

            रेल मंत्रालय ने वीरवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने रोहतक में निर्मित रेल कोच नवीनकरण कारखाना (सोनीपत) और एलिवेटेड रेलवे ट्रैक को वीडियो लिंक के माध्यम से राष्ट्र को समर्पित किया और फरीदाबाद में आयोजित एक समारोह में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला रखी।  हरियाणा) आज।  हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल, माननीय केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव, आशुतोष गंगल, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे,  डिंपी गर्ग, मंडल रेल प्रबंधक, दिल्ली मंडल  और फरीदाबाद में मुख्यालय और दिल्ली मंडल के अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

             फरीदाबाद में हो रहे समर्पण समारोह के हिस्से के रूप में, श्री रमेश चंदर कौशिक, माननीय सांसद (लोकसभा), माननीय विधायक, हरियाणा, श्रीमती निर्मल चौधरी, प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता/एनआर आर.के. सेंगर और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी सोनीपत के बादी में रेल कोच नवीनकरण कारखाना में उपस्थित थे। बाद में  कौशिक ने नए उद्घाटन किए गए कारखाने से एक नए सुसज्जित एलएचबी शताब्दी कोच को झंडी दिखाकर रवाना किया।

             इस अवसर पर फरीदाबाद में बोलते हुए, अमित शाह ने कहा कि आत्मानिर्भर भारत न्यू इंडिया का विजन है।  इसका उद्देश्य देश और उसके नागरिकों को हर तरह से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है।  आत्मानिर्भर भारत परियोजना के तहत, वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण रेल कोच नवीनकरण कारखाना, सोनीपत में करने की योजना है।

             सभा को संबोधित करते हुए श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रु.  हरियाणा में 30,506 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। सात महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन;  फरीदाबाद, गुरुग्राम, चंडीगढ़, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत को पूरी तरह से पुनर्विकास कर विश्व स्तर का दर्जा दिया जाएगा। फरीदाबाद के लिए 262 करोड़ रुप‌ए और गुरुग्राम के लिए 212 करोड़ रुपये उनके मेकओवर के लिए मंजूर किए गए हैं।रेल कोच नवीनकरण कारखाना, बड़ी, जिला। सोनीपत  बद्दी औद्योगिक क्षेत्र, जिला में स्थित रेल कोच नवीनकरण कारखाना।  सोनीपत, हरियाणा राज्य को आज राष्ट्र को समर्पित किया गया है।  यह कारखाना नई दिल्ली से दिल्ली-पानीपत-अंबाला रेलवे लाइन पर 55 KM दूर स्थित है।  इस कारखाने की आधारशिला भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री द्वारा रखी गई थी। नरेंद्र मोदी 09.10.2018 में 535 रुपये की स्वीकृत लागत के साथ कारखाने की स्थापना 03 वर्षों के रिकॉर्ड समय में पूरी हो गई है। 161 एकड़ में फैली यह फैक्ट्री 90 से अधिक आधुनिक मशीनों से सुसज्जित है, विशेष रूप से अत्याधुनिक बोगी असेंबली और डिस-असेंबली।

             इस कारखाने में 200 KMPH की गति वाली 100 वंदे भारत ट्रेन संस्करण-3 के निर्माण की योजना है। इसके अलावा इस फैक्ट्री में सालाना 250 एलएचबी कोचों का एमएलआर किया जाएगा।

 एलिवेटेड रेलवे ट्रैक रोहतक ।हरियाणा के रोहतक में 4.85 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रेलवे ट्रैक 315.46 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और सड़क के निर्माण के लिए 12 मीटर चौड़ी पट्टी छोड़कर मौजूदा संरेखण के साथ बनाया गया है।  यह एलिवेटेड ट्रैक शहर में यातायात की स्थिति को कम करने में मदद करेगा क्योंकि इसने शहर में चार समपारों को बदल दिया है।  एलिवेटेड ट्रैक ने क्रॉसिंग को हटा दिया है और यह रोहतक के लोगों के लिए एक बड़ी राहत है।

             रोहतक-गोहाना लाइन पर परियोजना के लिए 2018 में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दी थी।  इस लाइन के लग जाने से रेलवे इस महत्वपूर्ण रूट पर ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से कर सकेगा। इस सेक्शन में ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई जाएगी। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक सुरक्षित हैं क्योंकि उस पर कोई अतिचार नहीं है।

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना :

             हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना एक नई विद्युतीकृत डबल ब्रॉड गेज (बीजी) रेल लाइन है, जो हरियाणा राज्य में पलवल से सोनीपत तक सोहाना, मानेसर और खरखौड़ा होते हुए लगभग 121.742 मार्ग किलोमीटर की दूरी पर है, जो दिल्ली को दरकिनार करती है और यात्री और माल यातायात दोनों की सेवा करेगी। एक बार पूरा हो जाने पर, परियोजना पलवल, पटली, सुल्तानपुर, असौधा और हरसाना कलां स्टेशनों पर मौजूदा भारतीय रेलवे (आईआर) लाइनों के साथ कनेक्शन प्रदान करेगी। बीजी रेलवे लाइन की डिजाइन गति 160 किमी प्रति घंटा होगी और हर साल 60 मिलियन टन माल और 40 मिलियन यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी।

देश में  2024 से पहले सभी राज्यों में एनआईए की शाखा स्थापित करके आतंकवाद-रोधी नेटवर्क खड़ा करने के प्रयास : अमित शाह 

  •             प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने जम्मू–कश्‍मीर, नॉर्थईस्ट, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्‍करी, वामपंथी उग्रवाद तथा महिला सुरक्षा से जुड़े महत्‍वपूर्ण और संवेदनशील विषयों पर बहुत ही प्रभावकारी तथा दूरगामी कदम उठाए 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो,27 अक्तूबर  :

            केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीरवार को कहा कि केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित किया। दो दिवसीय चिंतन शिविर में राज्यों के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और संघशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासक भाग ले रहे हैं।

            अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से आयोजित ये चिंतन शिविर देश के सामने मौजूद सभी चुनौतियों, जैसे, साइबर अपराध, नारकोटिक्स का प्रसार और सीमापार आतंकवाद आदि का मिलकर सामना करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आज अपराधों का स्वरूप बदल रहा है और ये सीमारहित हो रहे हैं, इसीलिए सभी राज्यों को मिलकर एक साझा रणनीति बनाकर इसके खिलाफ लड़ना होगा। इस साझा रणनीति को बनाने और इस पर अमल के लिए मोदी सरकार ‘सहकारी संघवाद तथा ‘टीम इंडिया’ एप्रोच के तहत केंद्र और राज्यों में 3C’s यानी कोऑपरेशन, कोआर्डिनेशन, कोलैबोरेशन को बढ़ावा दे रही है।

            केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थईस्ट, जो पहले कभी हिंसा और अशांति के हॉट स्पॉट होते थे, वो अब विकास के हॉट स्पॉट बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 8 सालों में नॉर्थईस्ट में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और 2014 के बाद से उग्रवाद की घटनाओं में 74%, सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्‍या में 60% और नागरिकों की मृत्‍यु में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा NLFT, बोडो, ब्रू, कारबी आंगलोंग समझौते करके क्षेत्र में चिरस्थायी शांति स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं जिनके अंतर्गत 9 हजार से अधिक उग्रवादियों ने सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि नॉर्थईस्ट में शांति बहाल होने से 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से AFSPA को हटा लिया गया है।

            वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति में सुधार पर श्री शाह ने कहा कि इन क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है और इन घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 85% से अधिक की कमी दर्ज की गई है। श्री शाह ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां शांति और प्रगति की एक नई शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के पहले के 37 महीनों और बाद के 37 महीनों की अगर तुलना की जाए तो आतंकवादी घटनाओं में 34% और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 54% की कमी दर्ज की गई है।

            उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और इस पर निर्णायक जीत हासिल करने के लिए एनआईए और अन्य ऐजेंसियों को मज़बूत किया जा रहा है।

            शाह ने बताया कि 2024 से पहले सभी राज्यों में एनआईए की शाखा स्थापित करके आतंकवाद-रोधी नेटवर्क खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत प्राप्त करने के लिए लीगल फ्रेमवर्क को मजबूत किया जा रहा है जिसके अंतर्गत NIA एवं UAPA कानूनों में संशोधन करके व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान किया गया है।

            उन्होंने कहा कि NIA को extra territorial क्षेत्राधिकार दिया गया है और इसके साथ ही ऐजेंसी को आतंकवाद से अर्जित/संबंधित संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है। श्री शाह ने कहा कि 2024 तक देश के सभी राज्यों में एनआईए की शाखाओं को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के आपसी सहयोग और समन्वय के ही कारण आज देश के अधिकांश सुरक्षा हॉटस्पॉट राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हो गए हैं।

            शाह ने कहा कि नारकोटिक्स के खिलाफ मोदी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं और पिछले 8 वर्षों में 3 हजार केस दर्ज किए गए हैं जबकि लगभग 20 हजार करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई है।

            अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध आज देश और दुनिया के सामने बहुत बड़ा खतरा है और इसके खिलाफ लड़ाई में गृह मंत्रालय कमर कस कर तैयार है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय CRPC, IPC और FCRA में सुधारों पर लगातार काम कर रहा है और जल्द ही इनका संशोधित खाका संसद में पेश किया जाएगा।

            शाह ने कहा कि सभी राज्यों को दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान का अधिकतम उपयोग करना चाहिए और केन्द्र सरकार ने इसके लिए NFSU बनाकर हरसंभव मदद उपलब्ध करवाई है।

            उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सीमा सुरक्षा और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती राज्यों को केन्द्रीय ऐजेंसियों और सुरक्षाबलों के साथ मिलकर अधिक समन्वित प्रयास करने होंगे। श्री शाह ने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी मोदी सरकार ने कई पहल की हैं और उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वे इन पहलों पर अमल की स्वयं निगरानी करें।

            केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के सामने मौजूद चुनौतियों से लड़ने के लिए उपलब्ध आतंरिक सुरक्षा के सभी संसाधनों का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए रिसोर्स ऑप्टिमाईजेशन, रिसोर्स का रैशनल उपयोग तथा रिसोर्स का इंटीग्रेशन करना होगा जिससे राज्यों के बीच समन्वय और बेहतर होगा।

            शाह ने कहा कि मोदी सरकार “एक डाटा, एक एंट्री” के सिद्धांत पर काम कर रही है और इसके तहत NIA को आतंकवादी मामलों से संबधित नेशनल डेटाबेस, NCB को नारकोटिक्स मामलों से संबधित नेशनल डेटाबेस, ED को आर्थिक मामलों से संबधित डेटाबेस और NCRB को फिंगरप्रिंट डेटाबेस – NAFIS एवं यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस (NDSO) बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि नियामक सुधारों के अंतर्गत I4C यानी इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर का गठन किया गया है, साइबर क्राइम पोर्टल बनाया गया है, नेटग्रिड कनेक्टर प्रणाली स्थापित की गई है, निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल बनाया गया है और FCRA में सुधार किए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि FCRA में सुधार के तहत देशविरोधी गतिविधियों, धर्मांतरण, विकास परियोजनाओं का राजनैतिक विरोध या सरकार की नीतियों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लिप्त कुछ संगठनों पर कार्रवाई और 2020 में हुए संशोधन के तहत  विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग को रोकने एवं संगठनों की प्रभावी निगरानी संभव हुई है।

            अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार तीन प्रमुख चुनौतियों पर समयबद्ध रणनीति के तहत काम  कर रही है। पहली, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूर्ण योजना। इसके अंतर्गत आयुष्‍मान सीएपीएफ योजना शुरू की गई और इसमें लगभग 35 लाख स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं और लगभग 20 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। दूसरा, हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाना। आवासीय संतुष्टि का स्तर 2014 में लगभग 37 प्रतिशत था, जो वर्तमान में बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा CAPFs e-Awas वेब पोर्टल बनने से ये स्तर बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। तीसरा, एज ऑफ़ पुलिसिंग जिसके अंतर्गत 100 दिन की छुट्टी, सेवानिवृत्ति की आयु को 57 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने और 64,640 उम्मीदवारों की भर्ती का प्रावधान है।

            उन्होंने कहा कि हमें पुलिसिंग में रीजनल एप्रोच को थीमेटिक एप्रोच की तरफ लेकर जाना होगा।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के विकास, स्थिरता एवं सुशासन के लिए आतंरिक सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और ये हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में केंद्र और राज्यों की समान जिम्मेदारी है। कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है जब उस देश के सभी एजेंसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग हो।

            शाह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में सहकारी संघवाद की भावना हमारी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि यह चिंतन शिविर देश में क्षेत्रीय सहयोग का और विस्तार करेगा।

वेद विद्या से होती है अमृतत्व की प्राप्ति : आचार्य चंद्र देव

आर्य समाज, से. 7-बी का 64वां वार्षिक उत्सव शुरू

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चण्डीगढ़ :

            आर्य समाज सेक्टर 7-बी चंडीगढ़ का 64वां वार्षिक उत्सव आज शुरू हो गया है। इसका शुभारंभ प्रातः यज्ञ ब्रह्मा आचार्य चंद्र देव द्वारा किया गया। यज्ञ सहयोगी डॉ जगदीश शास्त्री रहे। सायं कालीन कार्यक्रम में भक्ति भाव से परिपूर्ण भजन गीत और वैदिक व्याख्यान हुआ।

            आचार्य चंद्रदेव ने प्रवचन के दौरान कहा कि शिक्षा अर्थात विद्या से सभ्यता, धर्मात्मा, जितेंद्रियता आदि गुण उत्पन्न होते हैं। गुरु का कार्य शिष्यों को वेदोक्त ढंग से ज्ञानवान बनाना है। वेद ही ईश्वरीय वाणी है। यह गुणों से भरपूर होने के कारण सर्वोत्तम है। प्राचीन काल में गुरुकुल शिक्षा पद्धति होने के कारण ही श्रीराम जी मर्यादा पुरुषोत्तम और श्रीकृष्ण जी आदर्श पुरुष बने।

            उन्होंने बताया कि महाभारत के पश्चात शिक्षा में विकृति आई और उसको दूर करने के लिए महर्षि दयानंद सरस्वती ने वेदों की शिक्षा की ओर प्रेरित किया। वेदोक्त ग्रंथ ही हमें ईश्वर की ओर प्रेरित करके मुक्ति दे सकते हैं। आज की शिक्षा केवल नौकरी प्राप्त करने तक ही सीमित है । वेद विद्या से अमृतत्व की प्राप्ति होती है। मनुष्य जन्म प्रभु प्राप्ति के लिए मिला हुआ है। वेदव्यास ने महाभारत में लिखा है कि मनुष्य योनि ही सर्वश्रेष्ठ योनि है इसलिए इस योनि में व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है। वेद भी मनुर्भव का संदेश देता है। शिक्षा वही है जो मनुष्य को मनुष्य बनाती है। गुरु मिट्टी के कच्चे घड़े को अंदर से सहारा देता हुआ बाहर से थपथपाता है। इसी प्रकार गुरु भी अंदर से मजबूती प्रदान करते हुए बाहर से भय दिखाता है। गुरु के अंदर अमृतमय स्नेह भरा होता है। आचार्य विजयपाल शास्त्रीने भजन प्रस्तुत किये। इस मौके पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे।  

इंडस्ट्रियल एरिया में शराब की फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पाते दमकल विभाग के कर्मचारी

फ़ोटो : राकेश शाह

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

इंडस्ट्रियल एरिया फेस वन स्थित फैक्ट्री नंबर-91 में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। पहली मंजिल पर लगी आग की सूचना मौजूद कर्मियों ने तुरंत फायर स्टेशन में दी। सूचना पाकर फेज एक से दमकल कर्मियों सहित दो गाड़ियां मौके पर पहुंच आग पर काबू पाने में लग गई। स्थिति को बेकाबू देख राम दरबार फेस वन से भी दो फायर टेंडर बुलवाया गया है। फिलहाल दमकल कर्मी आग पर काबू पाने में लगे है। फ़ोटो : राकेश शाह

जौड़ामाजरा द्वारा स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न विकास कार्यों का जायज़ा

  • स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अधिकारियों को पंजाब की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रहने के आदेश

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा की अध्यक्षता अधीन पंजाब भवन चंडीगढ़ में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान विभाग में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति का जायज़ा लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए श्री जौड़ामाजरा ने अधिकारियों को सक्रिय रहने और सभी विकास कार्यों को निर्धारित समय के अनुसार पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी काम को पूरा करने में किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गलती करने वाले अधिकारी के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाएगी।  


            राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार लाने के लिए स. जौड़ामाजरा ने अधिकारियों को आदेश दिए कि वह पंजाब की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को उनके मेडिकल उपकरणों की जानकारी मुहैया करवाने के साथ-साथ किसी भी नए उपकरण की ज़रूरत या मरम्मत संबंधी अवगत करवाने सम्बन्धी निर्देश दें, क्योंकि इस सम्बन्धी बजट में उपबंध किया गया है।  


            स्वास्थ्य मंत्री ने पंजाब की स्वास्थ्य संस्थाओं में खराब या इस्तेमाल में ना आने वाले उपकरणों का निपटारा करने की कार्यवाही अमल में लाने के लिए कहा, जिससे अस्पतालों में जगह खाली हो सके। साफ़-सफ़ाई सम्बन्धी मंत्री ने अस्पतालों में साफ़-सफ़ाई के रख-रखाव लिए ठेके की स्थिति संबंधी भी जानकारी ली और अधिकारियों को कहा कि अस्पतालों की बेहतर देखभाल को सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ख़स्ता हालत वाली पुरानी इमारतों को उचित प्रक्रिया अपनाते हुए गिरा दिया जाए।  


            स. जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब के सरकारी अस्पतालों में 25 जन औषधि स्टोर पहले ही किफ़ायती दरों पर दवाएँ मुहैया करवाने के लिए कार्यशील हैं और लोगों की सुविधा के लिए ऐसे 14 और स्टोर खोलने की योजना है।  


            मंत्री ने अलग-अलग कर्मचारी संगठनों की शिकायतों संबंधी भी विचार-विमर्श किया और अधिकारियों को उनकी जायज माँगों को पूरा करने के निर्देश दिए और कर्मचारियों के हित के लिए उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को कर्मचारियों के मेडिकल बिलों की अदायगी सम्बन्धी किसी भी बकाया मामले को निपटाने के लिए भी कहा।  


            इस बैठक में मिशन डायरैक्टर एन.एच.एम. अभिनव त्रिखा, डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. रणजीत सिंह घोतड़ा, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. रविन्दरपाल कौर, डायरैक्टर होम्योपैथी, डायरैक्टर आयुर्वेद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।  

मीत हेयर द्वारा प्रिटिंग और स्टेशनरी विभाग में पुनर्गठन के द्वारा खाली हुए पद तुरंत भरने के आदेश

  • प्रिटिंग और स्टेशनरी मंत्री ने सरकारी प्रैस का दौरा कर अपेक्षित नई मशीनरी लगाने के लिए कहा

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              प्रिटिंग और स्टेशनरी विभाग में खाली पद भरने के लिए पुनर्गठन की प्रक्रिया जल्द मुकम्मल कर इन पदों पर भर्ती की जाएगी। यह बात प्रिटिंग और स्टेशनरी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज सरकारी प्रैस के दौरे के मौके पर कही।  

              मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार द्वारा सरकारी विभागों को मज़बूत करने के निर्देशों के अंतर्गत सरकारी प्रैस को समय का साथी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पदों का सृजन करने के बाद नवीनीकरण किया जाएगा, जिसके अंतर्गत अनावश्यक सामान का निपटारा कर अति-आधुनिक मशीनें खरीदी जा रही हैं। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि पदों पर भर्ती और अपेक्षित नई मशीनरी स्थापित करने का काम जल्द मुकम्मल कर लिया जाए।  

              मीत हेयर ने सरकारी प्रैस का दौरा कर विभाग के कामकाज की समीक्षा की और मशीनें देखीं। उन्होंने अलग- अलग शाखाओं का दौरा कर कार्य संबंधी जानकारी हासिल की। उन्होंने स्टाफ को कहा कि सरकारी प्रैस को समय का साथी बनाने के लिए काम किए जाएँ।  

              इस मौके पर प्रमुख सचिव वी.के. मीना, विशेष सचिव डॉ. सेनू दुग्गल और कंट्रोलर विम्मी भुल्लर भी उपस्थित थे।  

हरियाणा सरकार ने अपने आठ साल के शासनकाल में तीन-सी यानी करप्शन, क्राइम और कास्ट पर चोट किया है  :  प्रवीण अत्रे

कोरल ‘पुरनूर’ डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला  –  27 अक्टूबर :

             भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण अत्रे का कहना है कि हरियाणा सरकार ने अपने आठ साल के शासनकाल में तीन-सी यानी करप्शन, क्राइम और कास्ट पर चोट किया है। नौकरियों में भर्ती के लिए चलने वाली पची-खर्ची को खत्म कर दिया है। अब रिश्वत या सिफारिश की बजाए उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर नौकरी मिलती है। वहीं हरियाणा सरकार ने प्रदेश के नागरिकों को खुशहाल बनाने के लिए पांच-एस शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान पर खास जोर दिया है और धरातल पर योजनाओं का लाभ आमजन को प्राप्त हुआ है। वर्ना 2014 से पहले हरियाणा में भाई-भतीजावाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद का बोलबाला था।

            मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा सरकार के प्रदेश के आठ साल पूरे होने पर प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण अत्रे ने पार्टी ऑफिस पंचकमल, सकेतड़ी रोड में आठ साल बेमिसाल पर सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रेस कांफ्रेंस में उक्त बात कही।  उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर लगाम लगने से विपक्ष तिलमिला चुका है। राजनीतिक संरक्षण में होने वाला भ्रष्टाचार बंद होने के कारण विपक्ष के राजनीतिज्ञों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार करना शुरू किया। प्रदेश सरकार योजनाएं बनाकर धरातल पर काम करना जारी रखे हुए हैं जिससे किसान, व्यापारी, युवा वर्ग सहित हर वर्ग खुश है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर लोग उन्नति की ओर अग्रसर है। प्रदेश सरकार ने जनहित में करीब 200 योजनाएं शुरू की हैं जिनमें से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई 42 योजनाएं भी हैं।

            हरियाणा में सरकारी योजनाओं का लाभ आम व्यक्ति तक न पहुंचने की बड़ी समस्या थी। लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट कर परेशान थे। सरकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे देने के लिए प्रदेश सरकार ने परिवार पहचान पत्र दिए हैं जिससे पैंशन, सब्सिडी सब घर बैठे मिलने लगी है। सीएम परिवार उत्थान योजना के तहत प्रदेशभर में सात लाख लोगों को चिंहित किया गया है जिनकी सालाना आमदन एक लाख से कम है। इनकी आमदन बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। रोजगार मेले लगाकर बैंकों की मदद से 33,000 लोगों को अपना रोजगार शुरू करने के लिए लोन दिलाया गया है। बीते आठ सालों में कृषि को जोखिम मुक्त बनाने के प्रयास हुए है। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल शुरू करके किसानों की फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर लिया गया है। अधिकांश फसलों का एमएसपी बढ़ाया गया है। आंधी, तूफान बारिश से हुए नुकसान का समय पर उचित मुआवजा दिया जा रहा है। साल 2014 से अब तक आठ हजार करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए हैं। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को जागरूक कर पानी दोहन कम करने के प्रयास हुए हैं। धान की जगह कोई अन्य फसल लगाने पर किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ और बीज सरकार की तरफ से दिए गए हैं।

            प्रवीण अत्रे का दावा है कि आठ साल में 98,000 युवाआंे को योग्यता के आधार पर रोजगार दिया गया है। वर्ना इससे पहले योग्य उम्मीदवार नौकरी से वंचित रह जाते थे और सिफारिशी को नौकरी मिल जाती थी। पूर्व सीएम भूपिंद्र सिंह हुड्‌डा के 10 साल के कार्यकाल में केवल 86,000 को नौकरियां दी गई थी। युवाओं को प्राइवेट जॉब दिलाने के लिए नए उद्योग लगाने के प्रयास हुए हैं। प्रदेश में 1.60 लाख नए उद्योग लगे हैं जिनमें 12.60 लाख को नौकरी मिली है।

            पूर्व सीएम हुडडा के कार्यकाल में 4.23 लाख लोगों को प्राइवेट सेक्टर में जॉब मिली थी। पहले प्रदेश में 1.27 लाख रुपये प्रति व्यक्ति आय थी जोकि अब बढ़कर 2.47 लाख रुपये प्रति व्यक्ति पहुंच गई है। पूर्व सीएम हुड्‌डा के शासनकाल में बड़ी तादाद में पेपर लीक और भर्ती घोटाले हुए लेकिन एक भी जांच नहीं कराई गई। सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में हर पेपर लीक और भर्ती घोटाले की जांच हुई और दोषियों को सजा दी गई है। यहां तक कि एचसीएस अफसर को भी गिरफ्तार किया गया। भर्ती घोटालों में अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया गया। कुल 577 दलालों और सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। कांग्रेस नेता की बनाई एजेंसी सेंटर फॉर मोनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी गलत आंकड़े पेश कर लोगों को गुमराह करती रही है जबकि निति आयोग की नैशनल स्टेटिस्टिक्स ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़े बताते है कि प्रदेश में मात्र 6 परसेंट बेरोजगारी है। विपक्ष झूठ पर आधारित सरकार की आलोचना करता रहा है जबकि सरकार की आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। सरकार ने हरियाणा एक-हरियाणवी एक को चरितार्थ करते हुए आठ साल में पूरे हरियाणा में समान विकास किया है। इस विकास के आधार पर ही भाजपा आदमपुर विधानसभा चुनाव मंे भी जीत हासिल करेगी।