पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन  जी ने आज सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर में स्नान किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकुला/कुरुक्षेत्र :

                        पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन  जी ने आज सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर में स्नान किया साथ में कुरुक्षेत्र से लोकसभा सदस्य नायब सेनी व थानेसर  से विधायक  सुभाष  सुधा जी व केथल  से विधायक  लीला राम गूज्जर के साथ स्नान किया इसी दौरान स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज( जियो गीता संस्थान के संस्थापक)का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ ।स्नान करते समय पुरे हरियाणा व पचकुलां वासीओं के  सुख समृद्धि व अच्छे स्वस्थ्य की कामना की पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी ने ब्रह्मसरोवर  पर सूर्यग्रहण समय साधुओं को कम्भल भी  बाँटे व उनसे आशीर्वाद भी लिया।

                        शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय सभी देवी-देवता कुरुक्षेत्र में मौजूद रहते हैं और ब्रह्मसरोवर में स्नान करते हैं। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।
ब्रह्म सरोवर

                        ब्रह्म सरोवर को सृष्टि का अदितीर्थ कहा जाता है। जिसे पहले ब्रह्मसर और बाद में रामरुद्र भी कहलाया। फिलहाल, यह ब्रह्म सरोवर के नाम से जाना जाता है। इस सरोवर की रचना बहुत ही अनोखे ढंग से की गई है। इस सरोवर के चारों तरफ लाल पत्थर है। वामन पुराण के अनुसार, यहां सूर्यग्रहण के दिन स्नान करने से व्यक्ति जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। सूर्यग्रहण के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर स्नान करते हैं। कहा जाता है कि सूर्यग्रहण के दिन यहां स्नान करने से व्यक्ति को एक हजार अश्वमेध यज्ञों का फल प्राप्त होता है।

                        यह सरोवर कुरुक्षेत्र के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित यह सरोवर कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित है। सरोवर उत्तरी तट पर भगवान शिव के एक मंदिर भी स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना खुद ब्रह्माजी ने की थी। यहां ब्रह्माजी ने भगवान शिव की पूजा की थी। साथ ही बता दें कि ब्रह्मा सरोवर कुंड का निर्माण पांडवों और कौरवों के पूर्वज राजा कुरु ने करवाया था।

                        ईस अवसर पर चन्द्रमोहन जी के साथ सोहन लाल गुजर, ओम शुक्ला, प्रदीप कलतगडीया, व सोहन लाल जी का बेटा भी साथ थे