पंछी को एसएसपी चंडीगढ़ और अन्य पुलिस कर्मियों ने किया सम्मानित

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस काउंसिल ऑफ इंडिया (चंडीगढ़ और पंजाब) के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी को राजन महाजन, रविंदर नाथ, गुरमीत सिंह और रमेश चंद के साथ रोटरी चंडीगढ़ मिडटाउन के सहयोग से पुलिस पोस्ट पीजीआई चंडीगढ़ द्वारा आयोजित जाकिर हॉल पीजीआई चंडीगढ़ में सम्मानित अतिथि के रूप में रक्तदान शिविर और अंग दान शपथ डेस्क में भाग लिया।

कमलजीत पंछी को लाइटिंग द ज्योती के बाद कुलदीप सिंह चहल एसएसपी चंडीगढ़ व अन्य पुलिस अधिकारी द्वारा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. विपिन कौशल एमएस पीजीआई, डॉ सचदेव, डॉ गोयल, पीजीआई के डॉक्टर और डॉ रीता कालरा, सलिल बाली और अन्य रोटेरियन भी उपस्थित थे। पंछी ने इस तरह के सम्मान के लिए चंद्रमुखी पुलिस पोस्ट पीजीआई की प्रभारी और रोटरी चंडीगढ़ मिडटाउन के सदस्यों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया और इस अवसर पर आयोजकों, रक्तदानताओं को बधाई दी।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि मिया संग्रहालय के फंडिंग की जांच की जाएगी

            सीएम बिस्व सरमा ने कहा किराज्य के बुद्धिजीवियों को इस पर विचार करना चाहिए। जब मैंने मिया शायरी के खिलाफ आवाज उठाई तो उन्होंने मुझे सांप्रदायिक कहा। अब मिया कविता, मिया स्कूल, मिया संग्रहालय यहां हैं। कार्यालय खुलने के बाद मामले पर सरकार कार्रवाई करेगी। रिपोर्टों के अनुसार, ‘मियाँ’शब्द का इस्तेमाल उन मुस्लिमों के लिए किया जाता है जो बंगाल से माइग्रेट कर गए थे और 1890 के दशक के अंत में असम में बस गए। अंग्रेजों ने उन्हें कथित तौर पर व्यावसायिक खेती के लिए उन्हें खरीदा था।

   

डेमोक्रेटिक फ्रंट, असम/नयी दिल्ली (ब्यूरो) :

                 असम के गोलपारा जिला में मिया म्यूजियम का उद्घाटन किया गया है। जिसके बाद इसको लेकर काफी विवाद बढ़ गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने संग्रहालय के फंडिंग को लेकर सवाल उठाया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने संग्राहलय को सील कर दिया है। मिया संग्रहालय के दरवाजे पर एक नोटिस चस्पा किया गया है।

            असम के गोलपारा जिला प्रशासन ने मंगलवार को ‘मियाँ संग्रहालय’ को सील कर दिया। आरोप है कि संग्रहालय ने भूमि और संपत्ति कानूनों का उल्लंघन किया है। अधिकारियों के अनुसार, ‘संग्रहालय’ एक घर के अंदर है, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) फंड का उपयोग करके बनाया गया था। संग्रहालय का उद्घाटन 23 अक्टूबर को दपकरभिता गाँव में किया गया था।

            वहीं पूर्वोत्तर के पत्रकार हेमंत कुमार नाथ ने कहा, “उपायुक्त, गोलपारा, असम ने गाँव दपकरभिता के मोहर अली पुत्र सोमेश अली के घर को सील कर दिया। यह एक प्रधानमंत्री आवास योजना घर था। यह वही घर था जहाँ 23 अक्टूबर को एक निजी ‘मियाँ संग्रहालय’ का उद्घाटन किया गया था।”

प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई से एक दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने संग्रहालय की फंडिंग पर सवाल उठाया था।

संग्रहालय के बारे में बोलते हुए, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मुझे समझ में नहीं आता कि यह किस तरह का संग्रहालय है। संग्रहालय में उन्होंने जो हल रखा है, उसका उपयोग असमिया लोग करते हैं, यहाँ तक कि मछली पकड़ने के लिए उपयोग की जाने वाली वस्तुएँ भी असमिया समुदाय से हैं। इसमें नया क्या है? ‘लुंगी’ को छोड़कर वहाँ रखी गई हर चीज असमिया लोगों की है। उन्हें यह साबित करना होगा कि नंगोल (हल) का उपयोग केवल मिया लोग करते हैं, अन्य नहीं। अन्यथा, मामला दर्ज किया जाएगा।”

सरमा ने कहा, “संग्रहालय में केवल पारंपरिक वस्तुएँ हैं जो पूरे असमिया समाज की संस्कृति को दर्शाती हैं न कि मियाँ समुदाय की।”

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “राज्य के बुद्धिजीवियों को इस पर विचार करना चाहिए। जब मैंने मियाँ शायरी के खिलाफ आवाज उठाई तो उन्होंने मुझे सांप्रदायिक कहा। अब मियाँ कविता, मियाँ स्कूल, मिया संग्रहालय यहाँ हैं… सरकार कार्यालय खुलने के बाद मामले पर कार्रवाई करेगी।”

इससे पहले, राज्य में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने संग्रहालय खोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी, जिन्होंने जिले में ‘प्रवासी मुसलमानों की संस्कृति’ को प्रदर्शित करने का दावा किया था। डिब्रूगढ़ के भाजपा विधायक प्रशांत फुकन संग्रहालय के खिलाफ आवाज उठाने वालों में सबसे पहले थे। उन्होंने कहा था, “मैं राज्य सरकार से इस संग्रहालय को बंद करवाने का अनुरोध करता हूँ।” भाजपा विधायक शिलादित्य देव ने भी संग्रहालय स्थापित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की थी।

रिपोर्टों के अनुसार, ‘मियाँ’शब्द का इस्तेमाल उन मुस्लिमों के लिए किया जाता है जो बंगाल से माइग्रेट कर गए थे और 1890 के दशक के अंत में असम में बस गए। अंग्रेजों ने उन्हें कथित तौर पर व्यावसायिक खेती के लिए उन्हें खरीदा था।

चिदंबरम और थरूर के बयान से कांग्रेस का किनारा

           एक  दिन भारत में इस प्रथा को अपनाया जाएगा। टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने इस कदम का खैरमकदम किया और उम्मीद जताई कि भारत भी भविष्य में और सहिष्णु बनेगा। चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा, “पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है।” उन्होंने यह भी कहा, “मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को सबक लेना चाहिए।”  जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, “यूके ने अल्पसंक्यक को पीएम चुन लिया है। फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों में फंसे हैं।” एक विद्यार्थी ने बोला “कॉंग्रेस विपक्ष द्वारा भारत में कोई रेमोट कंट्रोल नहीं चाहती होगी, डाक्टर ज़ाकिर हुसैन,मुहम्मद हिदायतुल्लाह,अवुल पकिर जैनुलाब्दीनऔर प्रधान मंत्री सरदार मन मोहन सिंह (सब minorities से नहीं रेमोट कंट्रोल से चलने वाले थे, जबकि राष्ट्रपति अब्दुल कलामअलग थे। इसीलिए वह सब गिने नहीं जाते।”

Rishi Sunak Elevation Some Leaders Hope India Will One Day Elect A Minority  To Top Post - Rishi Sunak Elevation: ऋषि सुनक के बहाने विपक्षी नेताओं ने  बताई मन की बात, कहा-
कांग्रेस नेता पी॰ चिंदबरम और शशि थरूर साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा
  • ऋषि सुनक पर पोस्ट करना चिंदबरम-थरूर को पड़ा भारी
  • कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दोनों नेताओं को झिड़का
  • कहा- भारत को किसी दूसरे देश से सबक लेने की जरूरत नहीं

सारीका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25 अक्तूबर :

            कांग्रेस ने मंगलवार को अपने ही साथियों पी॰ चिदंबरम और शशि थरूर को आड़े हाथों लिया। दोनों ने ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर इसकी सराहना की थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भारत भी अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को शीर्ष पद देने की इस परंपरा का अनुसरण करेगा। इस पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के कई व्यक्ति राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री बने। ऐसे में भारत को किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह देश अनेकता में एकता की मिसाल रहा है।

             रमेश ने मीडिया से कहा, यह नौबत आ गई है कि विविधताओं को सम्मान देने के बारे में उनसे सबक लेना पड़ेगा. भारत लंबे समय से अनेकता में एकता, अनेकताओं का जश्न मनाने की मिसाल रहा है. पिछले आठ वर्षों में हमने देखा कि क्या हो रहा है।” उन्होंने कहा, हमें किसी और देश से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। हमारी एकता अनेकता से ही मजबूत होगी। हमें अनेकताओं का सम्मान करना होगा। भारत जोड़ो यात्रा’ में हमारा मकसद यही है।”

हाल ही में लिज़ ट्रस के त्यागपत्र देने के बाद ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी में चुनाव हुआ कि कौन ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनेगा। इस परिप्रेक्ष्य में ऋषि सुनक ने दावेदारी पेश की। कंजरवेटिव पार्टी में पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए 100 सांसदों का समर्थन जरूरी था लेकिन पेनी मोर्डेंट चुनाव में खड़े होने के लिए आवश्यक सांसदों का समर्थन जुटाने में नाकाम रही। वहीं, बोरिस जॉनसन पहले ही उम्मीदवारी की दौड़ से पीछे हट चुके थे। ऐसे में ऋषि सुनक के ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। सुनक के ब्रिटेन का पीएम चुने जाने की खबर आते होते ही सोशल मीडिया पर भारत का कोहिनूर हीरा वापस लौटाने की मांग तेज हो गई। ऋषभ नाम के एक यूजर ने लिखा, “द एम्पायर स्ट्राइक्स बैक! ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री। कोहिनूर ​हीरा वापस भिजवा दें।” 

            कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम और शशि थरूर ने इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि एक दिन देश में भी इस प्रथा को अपना जाएगा। 

            वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ब्रिटेन के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि भारत भी अधिक सहिष्णु बनेगा। 

            चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा, पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पदों पर चुना है।             उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए। 



            वहीं कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा, मुझे लगता है कि हम सभी को स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है। एक अल्पसंख्यक को सबसे ताकतवर कार्यालय में बैठाया है। हम भारतीय ऋषि सुनक के ऊपर पहुंचने का जश्न मना रहे हैं। ईमानदारी से पूछें क्यां यह यहां (भारत) हो सकता है। 

            वहीं मोइत्रा ने कहा, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटिश एशियाई को रखने पर मुझे गर्व है। यूके मेरा दूसरा पसंदीदा देश है। भारत को और सहिष्णु व सभी धर्मों, सभी वर्गों को स्वीकार करने वाला होना चाहिए। 

पूर्वांचल सांस्कृतिक महासंघ ने मनाया विश्वकर्मा दिवस

एच एस लक्की ने शिरकत

विनोद कुमार /सरोज बाला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25 अक्तूबर :

            चंडीगढ़ कांग्रेस के कॉलोनी सेल और पूर्वांचल सांस्कृतिक महासंघ ने आज विकास नगर मौली जागरां में बड़ी धूमधाम से विश्वकर्मा जयंती मनाई, जिसमें हजारों  स्थानीय लोगों ने भाग लिया। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस. लकी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष बंसल सम्मानित अतिथि के रुप में शामिल हुए.  पवन कुमार बंसल, जो इस समारोह भाग लेने के लिए आने वाले थे, कल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे  के कार्यभार सम्भालने के उपलक्ष्य में की जा रही तैयारियों में व्यस्त रहने के कारण नहीं आ सके

            ,इस अवसर पर बोलते हुए, चंडीगढ़ कांग्रेस के कॉलोनी सेल के अध्यक्ष मुकेश राय ने कहा कि आज सारे देश का मजदूर और कामगर वर्ग भारी संकट के दौर से गुजर रहा है और उन्हें भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद की सख्त जरूरत है. भगवान विश्वकर्मा को दिव्य वास्तुकार बताते हुए उन्होंने कहा, जिन्होंने उन्होंने ही सारे ब्रम्हांड का निर्माण किया है. उन्होंने मोदी सरकार पर देश के कुछ अमीर कारोबारी परिवारों को चलाने के लिए मजदूर वर्ग के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए लोगों को आगाह किया कि अगर पिछले कुछ सालों से जारी आर्थिक गिरावट का दौर जल्दी ही नहीं बदला गया तो भारत को श्रीलंका जैसे हालात  का सामना करना पड़ सकता है 

            एच.एस. लकी ने भगवान विश्वकर्मा को माथा टेकते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने निजी क्षेत्रों के साथ एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को हमेशा मजबूत किया, जिससे मजदूर वर्ग को आगे बढ़ने और प्रगति करने में मदद मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत में कांग्रेस के शासन के दौरान हासिल की गई देश की आर्थिक प्रगति को वर्तमान सरकार की विभाजनकारी और जनविरोधी नीतियों के कारण खत्म किया जा रहा है,

            पूर्वांचल सांस्कृतिक संघ के अध्यक्ष मनोज सिंह ने भगवान विश्वकर्मा की शिक्षाओं को याद किया और कामकाजी समुदायों और कारीगरों से अपने हितों की रक्षा के लिए एक साथ आने का आग्रह किया.  उन्होनें आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार द्वारा उनका और उनकी आने वाली सन्तानों का भविष्य खतरे में डाला जा रहा है,इस अवसर पर बोलने वाले अन्य लोगों में जगदीश चौधरी, परमानंद, कैलाश पाल, देव कुमार, राकेश राय, प्रेम सिंह, शिव पाल, शुभम चौधरी और प्रमोद सिंह शामिल थे।

इंसानियत की जीती जागती मिसाल है नरेन्द्र पटियाल

विनोद कुमार /सरोज बाला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25 अक्तूबर :

            आज दिनांक 24-10-2022 को सैक्टर 25 ,वार्ड नः 16 के कम्युनिटी सेंटर में इंसानियत की मिसाल पेश करतें हुए इंस्पेक्टर नरेन्द्र पटियाल, इंचार्ज,जिला अपराध शाखा ने आप पार्षद पूनम संदीप कुमार के साथ मिलकर सैक्टर 25 के बच्चो के साथ दिवाली मनाई ,जिसमें नरेन्द्र पटियाल जी ने बच्चो को बर्गर,मोमोज,मिठाई,बांटी और उनके साथ बैठकर मोमोज भी खाए। 

            इस मौके पर नरेन्द्र पटियाल जी ने बच्चो को नशे से दूर रहने, पढ़ाई की तरफ ध्यान और ग्रीन दिवाली मनाने का संदेश दिया ।

              इस मौके  पर पार्षद के साथ गुरदेव यादव,सुभाष बेदी,सुरेश कुमार,विनोद कुमार,आशा,लक्ष्मी,गीता मौजूद रहें ।

बाल कुंज से बच्चियों के लापता होने का सिलसिला लगातार जारी

  • चार साल पहले भी दो नाबालिग हो गई थी फरार

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली – 25 अक्तूबर  :

            बालकुँज छछरौली में चार दिन पहले आई 16 वर्षीय लड़की अचानक कहीं गायब हो गई। बाल कुंज प्रशासन ने मामले की पुलिस में शिकायत देकर खानापूर्ति कर ली है। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

            बाल कुंज अधिक्षक राजेन्द्र बहल ने पुलिस को दी शिकाय मे बताया कि 19 अक्टूबर को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के आदेश पर बालकुंज छछरौली में एक 16 वर्ष की लड़की को लाया गया था। जोकि 23 अक्टूबर की शाम से गायब है। जिसको आसपास काफी तलाश भी किया गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया। तलाश करने पर उन्होंने शिकायत छछरौली पुलिस को दी। छ्छरोली पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 365 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पहले भी कई बार हो चुके इस तरह के मामले

            बाल कुंज छछरौली अक्सर चर्चाओं में बना रहता है। यह कोई पहला मामला नहीं है कि बालकुंज से लड़की लापता हो हुई है। इससे पहले भी 2019 में दो नाबालिग लड़कियां दिवार फांदकर बालकुंज से फरार हो गई थी। हालांकि दोनों लड़कियों को चौबीस घंटे तलाश कर लिया गया था। जिसके बारे में क्षेत्र में काफी चर्चा हुई थी कि आखिर बालकुंज स्टाफ इतनी लापरवाही कैसे कर सकता है कि बालकुंज से जवान बच्चियां चली जाती है और इनको कानों कान खबर नहीं लगती। इस बार भी मामला बहुत ही गंभीर है। बाल कुंज प्रशासन की यह बड़ी लापरवाही है। इस तरह बालकुंज से फरार बच्ची के साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

दीवाली पर इस बार पंजाब में प्रदूषण का स्तर कम हुआ : मीत हेयर  


वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रदूषण बोर्ड की सराहना

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

           दीवाली के त्योहार के अवसर पर पंजाब में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए.क्यू.आई.) में पिछले साल के मुकाबले 16.4 प्रतिशत और 2020 के मुकाबले 31.7 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।  


           पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लगातार कोशिशों और मुख्यमंत्री भगवंत मान की अपील के स्वरूप इस साल दीवाली वाले दिन पिछले सालों के मुकाबले वायु की गुणवत्ता में काफ़ी सुधार हुआ है।  


           पर्यावरण मंत्री ने आगे बताया कि पिछले साल और 2020 में कोई भी शहर ए.क्यू.आई. की मध्यम श्रेणी में नहीं रहा, जबकि इस साल 2 शहर (खन्ना और मंडी गोबिन्दगढ़) ए.क्यू.आई. की मध्यम श्रेणी में रहे हैं।  


           उन्होंने कहा कि अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो पंजाब के बड़े 6 शहरों में पिछले साल दीवाली के दिनों (2020 और 2021) के मुकाबले इस साल दीवाली (2022) के दौरान ए.क्यू.आई. में बड़ी कमी देखने को मिली है। उन्होंने आगे बताया कि दीवाली के अवसर पर पंजाब का औसत ए.क्यू.आई. 2021 में 268 (खऱाब) और 2020 में 328 (बहुत खऱाब) के मुकाबले इस साल 224 (खऱाब) था।  


           उन्होंने बताया कि इस साल अमृतसर में ए.क्यू.आई. श्रेणी 262 के साथ अधिकतम ए.क्यू.आई. दर्ज किया गया। हालाँकि पिछले साल अधिकम ए.क्यू.आई 327 (बहुत खऱाब) जालंधर में दर्ज किया गया था और 2020 में अधिकतम ए.क्यू.आई. 386 (बहुत खऱाब) अमृतसर में देखा गया था।

इस साल न्यूनतम ए.क्यू.आई. मंडी गोबिन्दगढ़ में 188 (मध्यम) दर्ज किया गया, जोकि पिछले साल 220 (खऱाब) और 2020 में 262 (खऱाब) दर्ज किया गया था।  


           पिछले साल 2 शहरों (अमृतसर और जालंधर) का ए.क्यू.आई. बहुत खऱाब श्रेणी में रहा, जबकि 2020 में चार शहरों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और पटियाला का ए.क्यू.आई. बहुत खऱाब श्रेणी में रहा। हालाँकि इस साल कोई भी शहर ए.क्यू.आई. की बहुत खऱाब श्रेणी में नहीं रहा। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस साल ए.क्यू.आई. में सबसे अधिक कमी जालंधर (31.2 प्रतिशत) और सबसे कम कमी पटियाला (7.0 प्रतिशत) में देखी गई।  


           पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन प्रो. आदर्श पॉल विग ने पटाख़े चलाने और दीवाली का त्योहार मनाने के लिए ग्रीन पटाख़ों का प्रयोग करने के लिए निर्धारित समय के सम्बन्ध में जारी की गई एडवाइजरी की पालना करने के लिए पंजाब के लोगों का धन्यवाद किया, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल और 2020 के मुकाबले इस साल समूचे तौर पर वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।  


           बोर्ड के मैंबर सचिव करुनेश गर्ग ने बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वास्तविक समय पर परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए पंजाब के 6 शहरों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, खन्ना, मंडी गोबिन्दगढ़ और पटियाला में निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) स्थापित किए हैं।  

पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को भगवान विश्वकर्मा द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने की अपील  

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/धुरी : 

           मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों को भगवान विश्वकर्मा द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की।  


           यहाँ विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान लोगों की जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भगवान विश्वकर्मा को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए कहा कि वह समूचे ब्रह्मांड के रचयिता थे, जिनकी औद्योगिक गतिविधियों में लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाती हर तरह की मशीनरी और उपकरणों की बनावट कला में बड़ी देन है। उन्होंने लोगों को इस महान देवता के नक्शे-कदमों पर चलने का आह्वान किया। भगवंत मान ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ने हमेशा कारीगरों, श्रमिकों और मज़दूर वर्ग को देश के विकास के लिए पूरी लगन और प्रतिबद्धता से मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।  


          मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की विचारधारा और शिक्षाओं के अनुसार विश्व भर में पंजाबियों ने अलग-अलग देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में बड़ा योगदान डालकर अपनी काबिलीयत को साबित किया है।  


           उन्होंने उद्योगपतियों को कहा कि वह कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रयास करने का संकल्प लें, क्योंकि यह भगवान विश्वकर्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भगवंत मान ने कहा कि यह ना केवल नौजवानों के लिए रोजग़ार पैदा करने में सहायक होगा, बल्कि बड़े स्तर पर राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।  


           मुख्यमंत्री ने वैश्विक मंदी के डर को दूर करते हुए कहा कि जहाँ भी पंजाबी काम कर रहे हैं, वहां आर्थिक मंदी कभी नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि पंजाबी मेहनती हैं और हर क्षेत्र में नाम कमाने के लिए उनमें बेमिसाल ऊर्जा और अथाह सामथ्र्य है। भगवंत मान ने कहा कि अपनी इस लगन के स्वरूप पंजाबी सख़्त मेहनत करते हैं और यह सुनिश्चित बनाते हैं कि किसी भी क्षेत्र में कोई मंदी न आए।  


           पंजाब में आम आदमी सरकार की कई अहम पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने 1 जुलाई से हरेक बिल में लोगों को 600 यूनिट मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई है। उन्होंने बताया कि इसके नतीजे के तौर पर सितम्बर महीने में कुल (72.66 लाख) में से 50 लाख परिवारों को ज़ीरो बिजली बिल आया है। भगवंत मान ने कहा कि इससे समाज के हर वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिली है।  


           मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकारी कर्मचारियों के कल्याण के उद्देश्य से ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए राज्य सरकार ने पंजाब के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेन्शन स्कीम बहाल कर दी है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेन्शन स्कीम 2004 में बंद कर दी गई थी और तब से कर्मचारियों को नयी पेन्शन स्कीम दी जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य में लाखों कर्मचारियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेन्शन स्कीम बहाल कर दी गई है, जिससे लाखों कर्मचारियों के हित सुरक्षित होंगे।  


           मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले पाँच सालों में 16 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जाएगा, जिससे मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 25 हो जाएगी और पंजाब मेडिकल शिक्षा का केंद्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब युक्रेन जैसे देशों में नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि इन मेडिकल कॉलेजों में उनको मानक मेडिकल शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, परन्तु उनकी सरकार का उद्देश्य है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज हो।  


           मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य की पुरातन शान बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस सम्बन्धी कई लोक-हितैषी और विकास-समर्थकीय कदम उठाए हैं। भगवंत मान ने कहा कि आने वाले दिनों में भी इसा तरह की और अहम पहलें की जाएंगी।

    
           मुख्यमंत्री ने लोगों को मानक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए धुरी और संगरूर के अस्पतालों की कायाकल्प करने का भी ऐलान किया। उन्होंने यह भी कहा कि धुरी में हैवी लाइसैंसों के लिए ड्राइविंग टैस्ट सैंटर भी जल्द ही चालू किया जाएगा, जिससे इस मकसद के लिए माहूआना सैंटर जाने के समय लोगों को होने वाली असुविधा से बचा जा सके। भगवंत मान ने यह भी ऐलान किया कि रेलवे द्वारा धुरी में रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण का काम भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।

पंजाब के समूचे ढांचे को सुधारने के लिए हम भगवान विश्वकर्मा के नक्शे-कदमों पर चल रहे हैं : मुख्यमंत्री  

  • पिछली सरकारों ने राज्य को ना पूरा होने वाला नुकसान पहुँचाया  
  • लुधियाना में राज्य स्तरीय समारोह के दौरान भगवान विश्वकर्मा को श्रद्धांजलि भेंट  

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा के नक्शे-कदमों पर चलते हुए आम आदमी सरकार राज्य की समूची व्यवस्था में सुधार करेगी, जिससे लोगों की तरक्की और खुशहाली को सुनिश्चित बनाया जा सके।  

            यहाँ रामगढिया कॉलेज में विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा जी ब्रह्मांड में रचनात्मकता, इंजनीयरिंग, निर्माण शैली और प्रौद्यौगिकी के मुखी थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने राज्य की दौलत को बेरहमी से लूटा, जिस दौरान उन्होंने इसको ना पूरा होने वाला नुकसान पहुँचाया है। भगवंत मान ने कहा कि अब वह भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से राज्य को हुए नुकसान की पूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए यत्नशील हैं।  

            मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व भर में औद्योगिक और बुनियादी ढांचे में जो विकास हुआ है, वह भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद के स्वरूप ही हुआ है। भगवंत मान ने कहा कि युगों से पूरे ब्रह्मांड के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा को सभी औद्योगिक गतिविधियों में लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सारी मशीनरी और उपकरणों का स्वामी मानते हैं। भगवंत मान ने कहा कि सभी शिल्पकारों और वास्तुकारों के इस महान देवता ने हमारे कारीगरों, श्रमिकों और मज़दूर वर्ग को देश के विकास के लिए अत्यधिक समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।

            मज़दूरों और कारीगरों को राज्य और राष्ट्र के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भगवान विश्वकर्मा को सच्ची और उचित श्रद्धांजलि होगी। भगवंत मान ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की विचारधारा और शिक्षाओं के अनुसार पंजाब सरकार, राज्य भर के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने पर ज़ोर दे रही है, जिससे वह स्वाभिमान और गर्व से जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि राज्य भर में कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना समय की ज़रूरत है।  

            मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के युवाओं को नौकरियों की खोज करने वालों की बजाय नौकरियाँ प्रदान करने वाले बनाने के लिए यत्नशील है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाबियों को उद्यमिता और नेतृत्व के गुणों की बख्शीश है। भगवंत मान ने कहा कि इन गुणों के स्वरूप ही पंजाबियों ने दुनिया भर में अपना अलग स्थान बनाया है।  

            मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि फूट डालने वाली ताकतें देश में जाति, धर्म, भाषा और अन्य आधारों पर लोगों में फूट डालने की कोशिशें कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के हित में नहीं है, जिसके लिए हमें सांप्रदायिक सद्भावना, आपसी-भाईचारा और आपसी प्रेम-प्यार जैसे नैतिक-मुल्यों को मज़बूत करना ज़रूरी है। भगवंत मान ने केंद्र में सत्ता संभालने वालों द्वारा राज्यों के अधिकारों को निगल कर देश के संघीय ढांचे को पहुँचाए जा रहे ना पूरे किए जाने वाले नुकसान पर भी दुख प्रकट किया। 

            मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र की मूल भावना के विरुद्ध है और इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राष्ट्रपति भवन में मुग़ल गार्डन का उदाहरण देते हुए भगवंत मान ने कहा कि इसमें अलग-अलग किस्म के फूल हैं, जो हर किसी की आँखों को ठंडक पहुँचाते हैं, जिस कारण लोग इनको देखने के लिए एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि अलग विचारों और नज़रिए वाला लोकतंत्र हमेशा सफल होता है। भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र में विरोधी पक्ष और मुख्य बैंच दोनों महत्वपूर्ण होते हैं और लोकतंत्र में हरेक के विचारों को अहमीयत मिलनी चाहिए।  

            मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे भगवान विश्वकर्मा ने ईंट से ईंट जोडक़र समूचे ब्रह्मांड की रचना की है, उसी तरह अब समय आ गया है जब हमें देश के बुनियादी सामाजिक ताने-बाने को मज़बूत करके अपने राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सभी को हाथ मिलाना होगा और यह सुनिश्चित बनाना होगा कि देश को तरक्की और खुशहाली के रास्ते पर आगे ले जाया जाए। भगवंत मान ने इस नेक कार्य और देश के सर्वोच्च हितों के लिए लोगों से सहयोग की माँग की।  

            मुख्यमंत्री ने लुधियाना शहर के साथ भावनात्मक सांझ की बात करते हुए कहा कि अगर गाँव सतौज उनकी जन्म भूमि है तो लुधियाना कर्म भूमि है। भगवंत मान ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि उनको पंजाब और यहाँ के लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब की पुरातन शान बहाल करने के लिए पहले ही सख़्त प्रयास कर रही है और लोगों के सहयोग के साथ ही इसको सुनिश्चित बनाया जा सकता है।

भारतीय सैनी प्रतिनिधि सभा, मौर्य समाज ने प्रशासक पुरोहित का आभार जताया

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चण्डीगढ़ :

            भारतीय सैनी प्रतिनिधि सभा, मौर्य समाज (मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी प्रतिनिधि सभा), चण्डीगढ़ ने धर्मेंद्र सिंह सैनी को चण्डीगढ़ नगर निगम में मनोनीत पार्षद बनाये जाने पर पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित का आभार प्रकट किया। समाज के पदाधिकारियों व सदस्यों ने धर्मेद्र सिंह सैनी से मिल कर उन्हें सम्मानित किया।

            इस मौके पर राजेश मौर्य, बीएस सैनी, राधेश्याम कुशवाहा, उमा शंकर मौर्य, राम बरन मौर्य, राकेश कुमार मौर्य, राम अभिलाख मौर्य, रामपाल मौर्य, जय प्रकाश कुशवाहा, छोटे लाल मौर्य, भूपेंद्र कुशवाहा, चंद्रभान मौर्य, हरी शंकर मौर्य, मंडल अध्य्क्ष अरविन्द सिंह मौजूद रहे।

            धर्मेंद्र सिंह सैनी जी ने सभी सैनी समाज का मनोनीत पार्षद बनने की शुभकामनाएं देने पर तहे दिल से धन्यवाद किया।