पार्टी में कई नेता बदलाव चाहते हैं। खड़गे के ऊपर कांग्रेस हाईकमान का हाथ बताया जा रहा है, जबकि थरूर अकेले पड़ गए हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर बदलाव चाहने वाले नेता चुनाव बाद बगावती रुख अख्तियार कर सकते हैं। थरूर को युवा कांग्रेसी ज्यादा पसंद करते हैं। केरल व दक्षिण के अन्य राज्यों में भी उनकी अच्छा दखल है। पार्टी में फूट का कांग्रेस को इन राज्यों में नुकसान हो सकता है। मतगणना के दौरान भी यह दिखाई दिया। जब थरूर गुट की ओर से सैफुद्दीन सोज ने धांधली का आरोप लगाया। सोज ने उत्तर प्रदेश से पड़े सभी वोटों को अवैध करार देने की मांग की। वहीं, खरगे की जीत के बाद उत्तर प्रदेश से आने वाले राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हारने वाले को हार का बहाना बनाते हैं।
- 24 साल कांग्रेस को मिला पहला गैर गांधी अध्यक्ष, खरगे की बड़ी जीत
- शशि थरूर को महज 1,072 वोट ही मिले, थरूर ने अपनी हार स्वीकार भी कर ली
- 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई थी
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला/नयी दिल्ली :
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के अगले अध्यक्ष होंगे। खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। इसी सोमवार को हुए चुनाव के नतीजे आज यानि बुधवार को आ गए हैं। खड़गे ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में खड़गे के सामने कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर थे।
किसे कितने वोट मिले?
- कुल वोट पड़े- 9,385
- मल्लिकार्जुन खड़गे- 7897 वोट
- शशि थरूर- 1072 वोट
- 416 वोट खारिज
मल्लिकार्जुन खरगे को सात हजार से ज्यादा वोट मिले। थरूर को महज एक हजार से कुछ ज्यादा वोटों से संतोष करना पड़ा। अब सवाल ये है कि खड़गे के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस को कितना फायदा मिलेगा? क्या पार्टी में बदलाव हो पाएगा? क्या वाकई गांधी परिवार का एकाधिकार कांग्रेस पार्टी से खत्म हो पाएगा?