Tuesday, December 24
  • ट्रेलर लॉन्च के मौके पर हुए पत्रकारो से हुए रूबरू

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 19 अक्तूबर :

            दादा लखमी के साथ निर्देशक बने अभिनेता यशपाल शर्मा इस बात से खुश हैं कि उनकी पांच साल की मेहनत रंग लाई है क्योंकि उनकी फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। 

            दादा लखमी फिल्म पंडित लखमीचंद के संगीतमयी यात्रा पर आधारित है। जिसको हाल में ही माननीय राष्ट्रपति द्वारा “राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार” से, सर्वोत्तम हरियाणवी फिल्म के रूप में पुरुस्कृत किया गया है। इसके अतिरिक्त 63 से जयादा अंतराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है। ये हरियाणा की एक मात्र फिल्म है जो आज तक के इतिहास में कांस फेस्टिवल में 2021 में कोरोना की वजह से ऑनलाइन प्रदर्शित की गयी। ये फिल्म लगभग 300 लोगो की 6 साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है। पंडित लखमीचंद जिला सोनीपत गांव जाटी से हरियाणा के लोक कलाकार थे।

            वह कभी स्कूल नहीं गए। लेकिन वह हरियाणा के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक थे ।

वह हरियाणा के शेक्स्पीयर, कबीरदास, भविष्य वक्ता, सांग सम्राट और सूर्य कवि के नाम से प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 1903 में हुआ था और 1945 में उनका निधन हो गया था। छोटी उम्र में ही वह इतने प्रसिद्ध हो गए थे कि लोग 50-50 मील से बैलगाड़ी पर उनकी रागिनी सुनने और सांग देखने के लिए आया करते थे। वह एक अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, गायक, नर्तक, सच में कहा जाये तो वो ऑल राउंडर थे। फिल्म में उनके महान बनने से पहले के संघर्ष को दिखाया गया है. असल में गागर में सागर बोला जाये तो फिल्म का निचोड़ इन दो पंक्तियों में समा जाता है।

दादा लख्मी – (पंडित लख्मी चंद की संगीतमय यात्रा – बायोपिक)

            यशपाल शर्मा, मेघना मालिक, राजेंद्र गुप्ता, सुमित्रा हुड्डा, राजू मान, रवि चौहान, हितेश शर्मा, योगेश वत्स, मुकेश मुसाफिर, सतीश कश्यप, योगेश भरद्वाज, सोनम स्टोबगाइस, तनिष्क चौधरी, हर्षित राजावत, मीना मलिक, गिरिजा शंकर, योगेश मोदी, प्रतिभा शर्मा, सुंदेशा, अल्पना सुहासिनी, राजेंद्र भाटिया, नवीन कुमार, रवि झांधु, रामपाल बल्हारा, रमा बल्हारा, अंकित भारद्वाज, अमित पहल, रोहित बच्ची, साहिल बाजवा, विक्रम मलिक, गोपाल शंकर, जगत परदेसी, अल्पना शर्मा रेनू,