Tuesday, December 24
  • सभी डिप्टी कमीशनरों को पराली न जलाने वाले किसानों को सम्मानित करने के निर्देश

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ ने राज्य के उच्च अधिकारियों को सभी जिलों के दौरे करने के लिए कहा है जिससे पराली को आग लगने की घटनाओं की ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लिया जा सके। उन्होंने कहा कि पराली को आग लगाने की घटनाओं के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पंजाब को बदनामी का सामना करना पड़ता है और इन घटनाओं संबंधी सुप्रीट कोर्ट, राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी सख़्त टिप्पणियाँ की हैं।

            उन्होंने कहा कि पराली को आग लगाने की घटनाओं की ज़मीनी स्थिति की समीक्षा करनी बहुत ज़रूरी है, इसलिए जिन सीनियर आई. ए. एस. अफसरों को जि़ला इंचार्ज लगाया गया है, वे सम्बन्धित जिलों के दौरे ज़रूर करें। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने राज्य के 23 जिलों के 23 सीनियर आई. ए. एस. अधिकारियों को जि़ला इंचार्ज लगाया हुआ है जो अपने-अपने जि़ले में फसलों की खरीद प्रक्रिया और भलाई स्कीमों को लागू करने की निगरानी करते हैं।

            मुख्य सचिव ने पराली और अवशेष जलाने की दर को और कम करने और पराली प्रबंधन के लिए पंजाब के उच्च अधिकारियों और सभी डिप्टी कमीशनरों के साथ की समीक्षा मीटिंग के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की सारी मशीनरी इस बात के लिए यत्नशील है कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं में बहुत ज़्यादा कमी लाई जाये। उन्होंने डिप्टी कमीशनरों को निर्देश दिए कि जो किसान पराली नहीं जलाते उनका जि़ला स्तर पर विशेष सम्मान किया जाये जिससे और किसान भी उनसे प्रेरणा ले सकें।

            मुख्य सचिव ने मीटिंग के दौरान अकेले-अकेले डिप्टी कमिशनर से उनके जि़ले की पराली प्रबंधन के बारे प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की और बहुत से सुझाव, निर्देश और हिदायतें मौके पर ही जारी की। उन्होंने कहा कि गाँवों के धार्मिक स्थानों से अनाऊंसमैंट करवा के, जागरूकता कैंपों के द्वारा और प्रचार के अन्य साधन इस्तेमाल करके ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को पराली न जलाने के बारे जागरूक किया जाये।

            इस मौके पर डिप्टी कमीशनरों ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में अभी तक काफ़ी कमी देखने को मिल रही है और इसको काबू में रखने के लिए सभी अपने- अपने स्तर पर भरपूर कोशिशों कर रहे हैं। डिप्टी कमीशनरों ने ऐसे बहुत मामले मुख्य सचिव के ध्यान में लाए जहाँ जांच करने के बाद पता लगा कि पराली को आग नहीं लगाई गई थी।

            मुख्य सचिव ने कहा कि इस साल अब तक पिछले सालों के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में काफ़ी कमी दर्ज की जा रही है और इसको और घटाने की कोशिशें जारी रखी जाएँ। उन्होंने कहा कि जिन गाँवों में पिछले सालों के दौरान अवशेष को आग लगाने के मामले सामने आते रहे हैं, वहाँ प्रशासन ज़्यादा चौकसी इस्तेमाल करे।