दुनिया आज मानती है कि भारत के चमकने का समय आ गया है : पीयूष गोयल
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 17 अक्तूबर :
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत दुनिया को प्रतिभा, पैमाने और कौशल का अपराजेय मेल प्रस्तुत करता है। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), चेन्नई में नॉलेज पार्ट का दौरा करने के बाद छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे।श्री गोयल ने कहा कि आईआईटी-चेन्नई का परिसर वास्तव में उत्कृष्ट है। यह कला का एक हिस्सा है क्योंकि अकेले विज्ञान इस जगह को परिभाषित नहीं कर सकता। उन्होने साथ ही कहा कि विज्ञान विचार को वास्तविकता में बदलता है, वहीं कला आपके विचार का हिस्सा है जो हमारी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के सरल समाधान लाने में भी मदद करती है।
मंत्री ने भारत की अपार नवाचार क्षमता के बारे में बात की और कहा कि दुनिया भी वहन योग्य मूल्य पर लंबी अवधि तक चलने वाली और नई तकनीकों के साथ जुड़ना चाहेगी और वे इसके लिए भारत की ओर हमारे नवाचारों और प्रतिभाओं के कारण देखेंगे। उन्होंने कहा, “लंबे समय तक चलने के योग्य, ऊर्जा दक्ष, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के साथ भारत का विनिर्माण कौशल, यहां विकसित हर नवाचार और प्रौद्योगिकी के लिए एक बड़ा बाजार है”।
गोयल ने कहा कि भारत एक अरब से अधिक लोगों के साथ एक विशाल बाजार पेश करता है जो अब टेलीविजन और स्मार्ट फोन के माध्यम से पूरी दुनिया से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में आकांक्षाएं रखने वाली सबसे बड़ी आबादी है।
माननीय मंत्री ने कहा कि आज दुनिया मानती है कि भारत के चमकने का समय आ गया है।उन्होंने कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश, हमारी बड़ी युवा आबादी एक अन्य कारक है जो हमारी ताकत है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देश आज हमारा साथ चाह रहे हैं और भारत की प्रतिभाओं और कौशल की वजह से हमारी ओर आकर्षित हैं।
छात्रों को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि देश हमारे युवाओं और हमारे छात्रों के हर योगदान का आभारी रहेगा। उन्होंने महसूस किया कि भारत में आकांक्षाएं रखने वाली बड़ी जनसंख्या उन्हें बड़े पैमाने पर कारगर कारोबार को हासिल करने में, उनके दौरान तैयार की जा रही नई तकनीकों को क्षमता देने, और उत्पादित कार्य को आर्थिक रूप से लाभदायक बनाने में मदद कर सकती है।
गोयल ने छात्रों से एक स्पष्ट सोच और बड़ी महत्वाकांक्षा रखने का आग्रह किया। “एक देश के रूप में हमारे पास बड़े, असर डालने वाले, निर्भीक लक्ष्य होने चाहिए। यह ‘भाग’ को संक्षिप्त करता है। हम सभी को इस यात्रा में भाग लेने की जरूरत है क्योंकि हम एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में काम करते हैं और इस लक्ष्य की ओर सामूहिक रूप से दौड़ते हैं”, उन्होंने कहा। मंत्री ने कहा कि नवाचार प्राथमिक, सरल सोच है जो कई प्रकार की समस्याओं के समाधान की ओर ले जाती है जो हमारे देश और दुनिया की मदद कर सकती है और छात्र इन समाधानों में बहुत योगदान दे सकते हैं। जैसा कि हम आजादी का अमृत काल में अपना रास्ता बनाते हैं, ये 25 साल भारत और उसके भविष्य को परिभाषित करने जा रहे हैं।