चंडीगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष की वोटिंग, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत 39 वोट पड़े
- शशि थरूर को नहीं मिला पोलिंग एजेंट
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) के नए प्रेसिडेंट का चुनाव हो रहा है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के कुल 37 में से 36 वोट डाले गए। चंडीगढ़ की एक वोटर नंदिता हुड्डा राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा पर तेलांगना के दौरे पर हैं। वहीं उन्होंने अपनी वोट डाली।
वहीं चंडीगढ़ में एनएसयूआई दिल्ली से नेशनल प्रेसिडेंट नीरज कुंदन ने भी वोट डाला। वह चंडीगढ़ में थे।। उनके अलावा एआइसी के प्रदेश रिटर्निंग अफसर एवं पोलिंग अफसर खिलारी लाल भैरवा (राजस्थान से विधायक) तथा दिल्ली से कांग्रेस के एपीआरओ कमल कांत शर्मा भी मौजूद थे। इन्होंने भी यहीं वोट डाली। ऐसे में चंडीगढ़ कांग्रेस भवन में कुल 39 वोट डाली गई।
प्रेसिडेंट पोस्ट के चुनाव में सीनियर कांग्रेसी लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला है। वहीं, गांधी परिवार पहले ही ऐलान कर चुका है कि वह किसी कैंडिडेट को सपोर्ट नहीं कर रहा है। कांग्रेस वर्कर्स जिसे अपना नेता चुनना चाहेंगे उसे वोट करेंगे। वहीं सूत्र बतातें हैं कि ज्यादातर बड़े नेता खड़गे के समर्थन में हैं।चंडीगढ़ में सुबह लगभग 11 बजे वोटिंग शुरू हुई और कुछ ही देर में सभी वोटें पड़ गई। पूर्व रेल मंत्री एवं सीनियर कांग्रेसी नेता पवन कुमार बंसल समेत अन्य वोटर्स सेक्टर 35 स्थित कांग्रेस भवन में वोटिंग के लिए पहुंचे थे। यहां पर शशि थरूर का कोई पोलिंग एजेंट नहीं था वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे के 2 पोलिंग एजेंट सेक्टर 35 कांग्रेस भवन में पहुंचे हुए थे। इनमें धर्मवीर और भूपिंदर भूरा शामिल थे।
पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि देश भर में कांग्रेस की करीब 9500 वोट्स तय करेंगी कि कांग्रेस का अगला प्रेसिडेंट कौन होगा। इनमें से 9 हजार चुने हुए कांग्रेस मेंबर्स के वोट हैं, जबकि बाकी स्थायी मेंबर्स के वोट शामिल है। 19 अक्टूबर को वोट की गिनती के बाद नतीजे आएंगे। बता दें कि 80 वर्षीय खड़गे ने प्रचार को लेकर 14 राज्यों का दौरा किया था। वहीं, दूसरी ओर 66 वर्षीय थरूर ने 10 राज्यों का दौरा किया। दोनों कैंडिडेट ने अपने ढंग से वोटर्स को प्रभावित किया।
सीक्रेट बैलेट के जरिए वोटिंग
वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। आज देश भर में वोटिंग ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी के सख्त दिशा-निर्देशों के तहत सीक्रेट बैलेट के जरिए हो रही है। चंडीगढ़ में एआईसीसी के खजांची पवन कुमार बंसल की वोट भी अहम रही। इससे पहले एआईसीसी के प्रदेश रिटर्निंग अफसर एवं पोलिंग अफसर खिलारी लाल भैरवा भी चंडीगढ़ में चुनावों की सुपरविजन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने किए गए प्रबंधों का जायजा लिया था।
सोनिया गांधी लंबे समय तक रही थी प्रेसिडेंट
बता दें कि सोनिया गांधी वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2017 तक कांग्रेस की प्रेसिडेंट रही थी। इसके बाद राहुल गांधी को प्रेसिडेंट नॉमिनेट किया गया था। हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने यह कुर्सी छोड़ दी थी। जिसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम प्रेसिडेंट बनाया गया था। कांग्रेस के संविधान के मुताबिक प्रेसिडेंट का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, मगर यह आगे एक्सटेंड होता रहता है।