Wednesday, December 25
  • पंजाब द्वारा भेजे गए पैनल में बी.बी.एम.बी. में मेंबर/ पावर की नियुक्ति न करने का मुद्दा भी उठाया  
  • ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने उदयपुर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में की शिरकत  
  • पंजाब ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन 14,311 मेगावॉट की अब तक की सबसे बड़ी माँग को पूरा किया

   राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने राज्य में वितरण के बुनियादी ढांचे की मज़बूती के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के सिंह को रिफॉर्म बेस्ड एंड रिजल्ट-लिंकड रीवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत अधिक से अधिक फंड अलॉट करने की अपील की। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के लिए कुल 25,237 करोड़ रुपए के वितरण के बुनियादी ढांचे के कार्यों वाली आरडीएसएस को मंज़ूरी दी गई है।  


             ऊर्जा मंत्री शुक्रवार और शनिवार को राजस्थान के उदयपुर में करवाई गई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में संबोधन कर रहे थे।  
 ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कॉन्फ्रेंस में पंजाब द्वारा भेजे गए पैनल में से भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में मेंबर/ पावर नियुक्त न किये जाने का मुद्दा भी उठाया।  


             उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा हिस्सेदार होने के नाते बीबीएमबी में अब तक सभी मेंबर/पावर पंजाब में से चुने जाते रहे हैं, परन्तु अभी तक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री द्वारा पंजाब द्वारा भेजे गए पैनल में से किसी भी मैंबर की नियुक्ति नहीं की है। उन्होंने भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को तारीख़ 23.02.2022 को जारी नोटिफिकेशन 145 को तुरंत वापस लेने की विनती करते हुए पंजाब में से मेंबर/पावर की नियुक्ति की पुरानी परम्परा को जारी रखने के लिए कहा।  


             उन्होंने लेट पेमेंट सरचार्ज (एलपीएस) रूल्ज 2022, ड्राफ्ट बिजली संशोधन नियम 2022 और अन्य नियमों को विचार-चर्चा के बाद राज्यों की सलाह और सहमति के ज़रिये लागू करने जैसे मुद्दे भी उठाए। उन्होंने कहा कि वह ऊर्जा मंत्री को विनती करते हैं कि वह 19 अगस्त को नये लेट पेमेंट सरचार्ज रूल्ज 2022 से द्विपक्षीय श्रेणी के अंतर्गत बैंकिंग पर लगाई गई पाबंदियों की छूट दें, क्योंकि डिस्कॉम, पंजाब द्वारा कोई डिफ़ॉल्ट नहीं किया गया।  


             उन्होंने ऊर्जा मंत्री को विनती की कि वह रुरल इलैक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन (आरईसी) और पावर फाईनांस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) को उनके मौजूदा कर्जों के साथ-साथ भविष्य के कर्जों पर ब्याज दर घटाने के लिए कहें, जिससे कम लागत वाले कर्जों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सके।  


             ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस साल देश भर में कोयला संकट के बावजूद भी पंजाब ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन 14,311 मेगावॉट की अब तक की सबसे बड़ी माँग को पूरा किया है। जि़क्रयोग्य है कि अप्रैल से सितम्बर 2022 तक ऊर्जा की रिकॉर्ड माँग पूरी की गई, जो पिछले साल की इसी समय-सीमा के मुकाबले 13 फीसदी अधिक है।  


             उन्होंने कहा कि पंजाब अपने ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन (टी एंड डी) घाटे को 14.46 फीसदी (2022 में) तक घटाने में भी कामयाब रहा है और टी एंड डी घाटे को कम से कम करने के लिए और भी प्रयास किए जा रहे हैं।  


             उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा हर घर को 600 यूनिट बिजली मुफ़्त मुहैया करवाई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा डिस्कॉम को समय पर सब्सिडी का भुगतान किया जा रहा है और डिस्कॉम की तरफ उत्पादन करने वाली कंपनी का कोई भुगतान बकाया नहीं है।