Thursday, December 26


आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने लोगों से सुझाव लेने के लिए नई नीति का मसौदा वैबसाईट पर अपलोड किया
 
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            राज्य में निम्र-मध्यम दर्जे और कम-आय वाले परिवारों के लिए किफ़ायती मकानों के निर्माण को प्रोत्साहित करने और राज्य में रियल एस्टेट सैक्टर को बढ़ावा देने के लिए पंजाब आवास निर्माण एवं विकास विभाग द्वारा जल्द ही नई किफायती आवास नीति लाई जा रही है। लोगों से सुझाव लेने के लिए इस नीति का मसौदा विभाग की आधिकारित वैबसाईट पर अपलोड कर दिया गया है।  


            यह जानकारी साझा करते हुए पंजाब के आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार आम लोगों के अपने घर का सपना साकार करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।


            उन्होंने बताया कि आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने ‘‘पंजाब किफायती आवास नीति-2022’’ तैयार की है और लोगों से सुझाव लेने के लिए इस नीति का मसौदा वैबसाईट 222.श्चह्वस्रड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ पर अपलोड कर दिया है। उन्होंने कहा कि इच्छुक व्यक्ति 29 अक्तूबर, 2022 तक अपने सुझाव लिखित रूप में दे सकते हैं।   अमन अरोड़ा ने बताया कि इस नई नीति के अंतर्गत प्लॉटों वाली कॉलोनी के लिए कम से कम क्षेत्रफल पाँच एकड़ निश्चित की गई है और ग्रुप हाउसिंग के लिए कम से कम क्षेत्रफल केवल 2 एकड़ है।

            आम लोगों को सस्ती दरों पर प्लॉट मुहैया करवाने के लिए साधारण कॉलोनियें में बिक्री योग्य क्षेत्र को 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। प्लॉटों वाले क्षेत्र से गुजऱने वाली किसी भी मास्टर प्लान सडक़ समेत प्रोजैक्ट के कुल प्लॉट क्षेत्र पर बिक्री योग्य क्षेत्रफल दिया जा रहा है।  अमन अरोड़ा ने कहा कि व्यक्तिगत प्लॉट- धारकों पर बोझ को घटाने के लिए स्कूल, डिस्पैंसरियां और अन्य आम सुविधाओं सम्बन्धी अनिवार्य शर्तों को भी हटा दिया गया है। साधारण कॉलोनी पर लागू होने वाले सी.एल.यू., ई.डी.सी. और अन्य चार्जिज़ भी 50 प्रतिशत या आधे कर दिए गए हैं परन्तु गमाडा क्षेत्रों में इन चार्जिज़ में कटौती लागू नहीं होगी।  


            इस नीति के अंतर्गत प्लॉट का अधिक से अधिक आकार 150 वर्ग गज तक निर्धारित किया गया है और फ्लैट का अधिक से अधिक आकार 90 वर्ग मीटर तक तय किया गया है। निर्माण की लागत घटाने के लिए पार्किंग नियमों में भी ढील दी जा रही है।  


            उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह नीति न्यू चंडीगढ़ में लागू नहीं होगी और मास्टर प्लान के अनुसार एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में नई कॉलोनी के लिए 25 एकड़ क्षेत्रफल अपेक्षित है।  


            आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सी.एल.यू. और अन्य मंजूरियों की तेज़ी से मंज़ूरी के लिए हरेक आकार की कॉलोनी के लिए स्थानीय स्तर पर एक सक्षम अथॉरिटी निर्धारित की गई है। मंजूरियों के लिए सभी शक्तियां सम्बन्धित स्थानीय शहरी विकास अथॉरिटी के मुख्य प्रशासक को सौंप दी गई हैं।  


            उन्होंने कहा कि अन्य विभागों से सभी अनिवार्य एन.ओ.सीज. अब आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा ली जाएंगी और मंजूरियों में किसी भी प्रकार की देरी से बचने के लिए बाकी सभी विभागों के लिए एन.ओ.सी. जारी करने के लिए तीन हफ़्तों की समय-सीमा निर्धारित की गई है।  अमन अरोड़ा ने कहा कि मंजूरियों सम्बन्धी मामलों के जल्द निपटारे के लिए उच्च स्तर पर नियमित निगरानी को सुनिश्चित बनाया जाएगा।  


            कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह नीति प्रमोटरों को अपनी कॉलोनियों को बगैर किसी मुश्किल के मंज़ूर करवाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और यकीनी तौर पर अनाधिकृत कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाएगी और राज्य में रियल एस्टेट के विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।