चंडीगढ़ के पीयू छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी – इनसो मिलकर लड़ेगी चुनाव
एबीवीपी पहले प्रेसिडेंट पद के लिए ही उम्मीदवार उतार रही थी लेकिन बाद में जब अलायंस के तौर पर आई पार्टियों ने एक-एक पद पर दावेदारी ठोकी तो दिव्या चोपड़ा को वाइस प्रेसिडेंट पद के लिए उतारा गया। इस गठबंधन से एबीवीपी को जहां पर मजबूती मिली है, वहीं, दूसरे छात्र संगठनों को इससे परेशानी हो सकती है। पीयू में इनसो छात्र संगठन मजबूती से उभरा है और हर बार बेहतर मतों से बढ़त बनाता आया है।
कोरल’पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 14 अक्तूबर :
चंडीगढ़ छात्र संघ चुनाव में उस समय बड़ा सियासी धमाका हुआ जब पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संगठन इनसो और एबीवीपी ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इतना ही नहीं इस गठबंधन को हिमाचली छात्रों के संगठन एचपीएसयू और हिमसू का भी साथ मिला है। दोनों संगठनों ने भी इनसो और एबीवीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। खास बात यह है कि छात्र संघ की 4 सीटों में से दो पर इनसो, एक सीट पर एबीवीपी और एक पर हिमाचल के छात्र संगठन का प्रत्याशी होगा। पीयू में चार छात्र संगठनों के एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के फैसले पर इनसो के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जेजेपी प्रधान महासचिव ने कहा कि पीयू में इस गठबंधन के पूरे पैनल की ऐतिहासिक जीत होगी और यह गठबंधन पीयू कैम्पस की दशा और दिशा बदलने का काम करेगा।
पीयू छात्र संघ चुनाव में नामांकन प्रक्रिया को लेकर काफी सवाल उठे हैं। पीयू के कई विभागों में स्टूडेंट्स के नामांकन को गलत तरीके से रद करने आरोप लगे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ लीगल स्टडीज (यूआइएलएस) पांच वर्षीय ला और यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (यूआईईटी) में कुछ स्टूडेंट्स का नामांकन रद किए जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ। मामले में कमेटी का गठन किया गया, फिर भी कई स्टूडेंट्स के नामांकन रद होने से उनका चुनाव लड़ने की संभावनाएं खत्म हो गई है।
पीयू छात्र संघ चुनाव में जीत के लिए इस बार सभी छात्र संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी है। पहली बार कुछ नए छात्र संगठनों ने भी प्रेसिडेंट पद पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया है। पंजाब यूनिवर्सिटी को पहली बार महिला प्रधान देने वाले छात्र संगठन स्टूडेंट फार सोसाइटी (एसएफएस) ने इस बार भी चुनाव में लड़की को ही प्रधान पद का प्रत्याशी बनाया है। उधर काफी समय से पीयू स्टूडेंट काउंसिल से दूर पीयू स्टूडेंट यूनियन (पुसू) ने भी पहली बार चुनाव में छात्रा का प्रधान पद का प्रत्याशी बनाकर मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है।
पंजाब यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में वैसे तो सभी छात्र संगठनों ने पूरी ताकत लगा दी है, लेकिन इस बार भी मुकाबला स्टूडेंट फार सोसाइटी (एसएफएस) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), एनएसयूआइ, सोई, पुसू और इनसो के बीच ही रहने की उम्मीद है। इनसो ने भी पीयू छात्रसंघ चुनाव में इस बार प्रेसिडेंट कैंडिडेट उतारने का फैसला लिया है। उधर कुछ छात्र संगठन बुधवार देर रात तक विभिन्न पदों पर गठजोड़ को लेकर मीटिंग करते रहे। नामांकन वापस लेने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। एबीवीपी इस बार चुनाव जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। पीयू प्रशासन पर भी एबीवीपी को काफी हद तक सपोर्ट करने के आरोप लगते रहे हैं। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद ही पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में वीरवार से चुनाव प्रचार पूरी तेजी से शुरू हो जाएगी। सभी छात्र संगठन कैंपस में यूआइईईटी, यूआएलएस जैसे बडे़ विभागों में ही चुनाव प्रचार अधिक कर रहे हैं। इन्ही विभागों का वोट बैंक जीत और हार का फैसला करेगा।
पीयू कैंपस में छात्र संघ चुनाव के बाद पुलिस ने किलेबंदी कर दी है। पीयू के सभी गेट पर कैंपस सिक्योरिटी के साथ ही पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है। मतादन तक अब पुलिस ही कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था को संभालेगी। एसएसपी कुलदीप चहल से लेकर अन्य उच्च अधिकारी लगातार कैंपस का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। कैंपस में किसी भी आउटसाइडर को एंट्री नहीं दी जा रही। गाड़ियों की चैकिंग के बाद ही उन्हें कैंपस में जाने की अनुमति है। हास्टल वार्डन भी लगातार चैकिंग कर रहे हैं।