रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 14 अक्तूबर :
पर्यावरण,वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि नामीबिया की सरकार और भारत की सरकार के बीच हस्ताक्षरित समझौते में सहयोग के क्षेत्रों में से एक क्षेत्र ‘वन्यजीव संरक्षण और सतत जैव विविधता उपयोग’ भी है, लेकिन इसका अर्थ संकटग्रस्त वन्य प्रजातियों के व्यापार पर प्रतिबंध हटाने के समर्थन के रूप में नहीं निकाला जा सकता है।
भारत सरकार को हाथी दांत के व्यापार पर से प्रतिबंध हटाने के संबंध में नामीबिया गणराज्य से कोई लिखित संदेश प्राप्त नहीं हुआ है। संप्रभु देशों के रूप में भारत और नामीबिया दोनों आपसी सम्मान, संप्रभुता, समानता और संबंधित पक्षों के सर्वोत्तम हितों के सिद्धांतों के आधार पर समझौते के दायरे में सतत जैव विविधता उपयोग पर अपनी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।