चुनाव प्रचार के लिए चंडीगढ़ पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे, 4 राज्यों के डेलीगेट्स से मांगे वोट

  • · दीपेंद्र हुड्डा ने आयोजित की चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के डेलीगेट्स की मीटिंग
  • · सामुहिक नेतृत्व में करता हूं विश्वास, जो बात ‘हम’ में है, वो बात ‘मैं’ में नहीं- खड़गे
  • · पार्टी संगठन व कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए करेंगे काम- खड़गे
  • · खड़गे के अनुभव और संतुलित नेतृत्व से पार्टी होगी मजबूत- दीपेंद्र हुड्डा

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट चंडीगढ़  – 12 अक्तूबर :

            अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद के लिए होने जा रहे चुनाव में उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे आज चंडीगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट्स को संबोधित किया और वोट मांगे। इस मौके पर खड़गे ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सलाह पर उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया। क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया गया है। ऐसे में सभी नेताओं की इच्छा थी कि वो चुनाव के लिए अपना नामांकन करें।

            खड़गे ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव करवाकर कांग्रेस राजनीतिक दल के आंतरिक लोकतंत्र का शानदार उदहारण पेश कर रही है। देशभर के करीब 9000 कांग्रेस डेलीगेट्स मिलकर पार्टी के अध्यक्ष का चयन करेंगे। जबकि सत्ताधारी बीजेपी में यह फैसला बंद कमरे के भीतर दो आदमी मिलकर करते हैं।

            उन्होंने कहा कि आजाद भारत में जवाहरलाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक के नेतृत्व में कांग्रेस ने हमेशा वंचित वर्गों के उत्थान, प्रगतिशील व कल्याणकारी विचारधारा का पालन किया है। भविष्य में भी वह इन्हीं नीतियों व मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरु, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और अब्दुल कलाम जैसे नेता उनके आदर्श हैं। वो सामूहिक नेतृत्व में भरोसा करते हैं क्योंकि जो बात ‘हम’ में है वो बात ‘मैं’ में नहीं।

            चंडीगढ़ पहुंचने पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मल्लिकार्जुन खड़गे का स्वागत किया। खड़गे ने चारों राज्यों से मीटिंग के लिए आए सभी डेलीगेट्स और इस आयोजन के लिए दीपेंद्र हुड्डा का आभार जताया। दीपेंद्र हुड्डा और गौरव वल्लभ खड़गे द्वारा बनाई गई चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में मौजूद रहे। इसमें चारों राज्यों के बड़े नेताओं व पार्टी प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

            इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवार खड़गे जी के चुनावी कंपेनर दीपेंद्र हुड्डा ने प्रतिनिधि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि देश के वरिष्ठम नेताओं में से एक हैं। उनके पास 8 बार विधानसभा, 2 बार लोकसभा और वर्तमान में राज्यसभा सांसद के तौर पर जनता के प्रतिनिधित्व का अनुभव है। उनके इस अनुभव और संतुलित नेतृत्व से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। इसलिए सभी कांग्रेस प्रतिनिधियों को खड़गे के समर्थन में वोट देकर उनकी जीत सुनिश्चित करनी चाहिए।

            सांसद दीपेंद्र ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन से दलित व वंचित समेत हर वर्ग में उत्साह है। देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष पद पर उनका निर्वाचन सभी वर्गों की राजनीतिक भागीदारी का परिचायक बनेगा।

तेल और गैस कंपनियों को पंजाब पुलिस द्वारा हर संभव सहायता का आश्वासन

 राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब, गौरव यादव, जो ऑनशोर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी (ओएससीसी) के अध्यक्ष भी हैं, ने तेल और गैस कंपनियों को तेल और गैस, जो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सम्पतियाँ हैं, की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए पंजाब पुलिस द्वारा हर संभव सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया।  

              डीजीपी आज चंडीगढ़ में राज्य में तेल-गैस सम्बन्धित बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए किए गए सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए गैस अथॉरटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जीएआईएल) द्वारा आयोजित तीसरी ओ.एस.सी.सी. बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में एडीजीपी आंतरिक सुरक्षा आर.एन. ढोके और एडीजीपी सुरक्षा सुधांशु श्रीवास्तव, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों के अलावा आईओसीएल, एचपीसीएल, बीपीसीएल, एचएमईएल और टोरैंट गैस समेत सभी तेल और गैस कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।  

              बैठक के दौरान कई मुद्दों जैसे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजजऱ् (एसओपीज़), सुरक्षा को बढ़ाना, सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी के द्वारा चौकस रहने संबंधी विचार-विमर्श किया गया, जिसका उद्देश्य हितधारकों के दरमियान बेहतर तालमेल बनाना था।  

              डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि वैसे तो पंजाब अब तक सुरक्षित है परन्तु पुलिस और तेल-गैस कंपनियों को हर समय सचेत रहने की ज़रूरत है और तेल एवं गैस की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने तेल एवं गैस कंपनियों और जि़ला पुलिस के दरमियान और अधिक तालमेल बनाने के लिए जि़ला स्तरीय सिक्योरिटी कॉर्डीनेशन मीटिंगें करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।  

              उन्होंने विशेष दस्ते तैनात करने का भी प्रस्ताव दिया, जो विशेष रूप से तेल और गैस से सम्बन्धित अपराधों की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस तुरंत कार्यवाही के लिए पेरीमीटर इंट्रूजऩ डिटेक्शन सिस्टम (पीआईडीएस) या आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को शामिल करने की संभावना की भी पड़ताल करेगी।  

डीजीपी ने अचानक योजनाएँ और मोक ड्रिलों के नियमित अपडेट की महत्वता को भी उजागर किया।  

               उन्होंने सभी तेल और गैस कंपनियों को हर संभव सहायता देने के लिए पंजाब पुलिस से संपर्क करने की अपील की।

सूरतगढ़ स्थापना दिवस पहली बार मनाया जाएगा,14 अक्टूबर स्थापना दिवस

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट,  सूरतगढ़  –  12 अक्टूबर

              सूरतगढ़ का स्थापना दिवस पहली बार 14 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। 235 वर्ष पूर्ण होने पर यह समारोह होगा।

             इस दिवस पर गढ़ के भीतरी क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा और उसमें गढ़ का इतिहास भी बताया जाएगा। यह कार्यक्रम शाम  5:30 बजे शुरू होगा। इससे एक दिन पहले शाम 5:30 बजे बिश्नोई मंदिर से वाहन रैली निकाली जाएगी जो विभिन्न मार्गों से होती हुई इंदिरा सर्कल पर सम्पन्न होगी। गढ धरोहर संरक्षण समिति की संयोजिका अधिवक्ता श्रीमती पूनम शर्मा के निर्देशन में यह दिवस मनाया जाएगा। पूनम शर्मा करीब दो वर्षों से यह प्रयास कर रही थी कि सूरतगढ़ का स्थापना दिवस मनाना शुरु किया जाए। पूनम शर्मा का यह प्रयास सफल हुआ है और पहली बार सूरतगढ़ स्थापना दिवस मनाया जाएगा।

              महाराजा सूरत सिंह द्वारा इस स्थान पर  अधिकार करने के बाद गढ का निर्माण कराया गया और  सूरतगढ़ नाम दिया गया।  सरकारी रिकॉर्ड में सन् 1787- 1799 ईसवी में यह अधिकार बताया गया है जिसकी व्यापकरूप से देखना आवश्यक है।

              गढ विध्वंस स्थिति में है। इसकी देखरेख नहीं हो पाई।धरोहर संरक्षण समिति के अंतर्गत पिछले करीब 30 सालों से इस पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर उत्साहित नागरिकों की ओर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता रहा है। 

              गढ़ का संरक्षण किया जाने की आवाज लगातार उठती रही है ताकि सूरतगढ़ नाम बना रह सके। गढ पूरा ध्वस्त हो जाने के बाद हमारे पास विरासत में कुछ भी नहीं रहेगा।

              गढ़ के आसपास प्राचीन मंदिर हैं प्राचीन तालाब है यह सभी सरंक्षण के कारण ही बच सकते हैं। गढ़ के अंदर प्राचीन रघुनाथ जी का मंदिर है जो भी क्षतिग्रस्त हालत में ही है। यह मंदिर भी महत्वपूर्ण है। मंदिर के नाम की रियासत के समय से ही माफी की कृषि भूमि भी है जो पुजारी की देखरेख में है और जीवनयापन का आधार है।

             गढ़ के पास में प्राचीन तालाब है जिसका नाम है सूरत सागर उस पर भी अतिक्रमण हो गए उसमें कचरा डाल दिया गया अब थोड़ा सा हिस्सा उसका बाकी है जिसकी मांग उठती रही है कि इस तालाब को पुराने स्वरूप में कायम किया जाए।कानून भी यह कहता है कि तालाब आदि पर कोई अन्य निर्माण नहीं किए जा सकते। तालाब तालाब ही रहेगा। इस तालाब के पास ही तीज त्योहार मनाए जाते रहे हैं। गणगौर का मेला भी भरता रहा है। तालाब का पानी लोग पीते थे।

                       तालाब में प्राचीन गणेश मंदिर है जिसे नया रूप दे दिया गया है।

             गढ़ के सामने महादेव का प्राचीन मंदिर सूरतेश्वर महादेव है जिसको अब नया रूप दे दिया गया है। प्राचीन गणेश मंदिर है। पास में हनुमान जी का मंदिर भी है अन्य देवी देवताओं के भी मंदिर हैं। जनता जागे तो सूरतगढ़ का यह गढ़ प्रतीक रूप में भी जिंदा रह सकता है।

                 पहले गढ़ से इस क्षेत्र का प्रशासनिक कार्य संचालित होता रहा है गढ़ के अंदर तहसील थी पुलिस थाना था और कारागृह भी था। उसके बाद में जब यह सभी अन्य स्थानों पर नए भवनों में स्थानांतरित कर दिए गए। उसके बाद में गढ़ की स्थिति लावारिस हो गई।सरकारी रिकॉर्ड में यह नजूल संपत्ति के रूप में दर्ज हुआ।जिसका कोई मालिक नहीं उसका मालिक सरकार। किसी ने इसकी तरफ गौर नहीं कियाइसलिए वर्षों पहले इसके आगे का क्षेत्र भूखंड बनाकर नीलाम कर दिया गया।जब कुछ नीलामी हो गई उसके बाद में उत्साहित लोगों ने सरकार की नीलामी का विरोध किया और उसके बाद जो बचा खुचा स्वरूप है वह हम सभी के सामने है।

              बार-बार आवाज उठती रही की जो गढ़ की दीवारें हैं उनका पुनर्निर्माण हो। प्रतीक रूप में तो यह माना जा सके। बार-बार यह भी कहा गया मांग रखी गई कि नगरपालिका इस क्षेत्र को विकसित करे लेकिन अनदेखी होती रही।

             अब स्थापना दिवस मनाने के समारोह हर साल होंगे तो विकास की ओर भी गतिविधियां बढेगी।

 

कैदी अपने जीवनसाथी के साथ एक घंटा रह सकेंगे ; 3 महीने में एक बार मिल सकेंगे

            सबसे पहले कैदी गुरजीत सिंह ने कहा, ”जेल तो जेल है. कोई भी जेल हो कैदी वहाँ अकेलापन महसूस करता है। अवसाद में रहता है।  लेकिन पिछले दिनों जब मेरी पत्नी मुझसे जेल में मिलने आई और हमें यहीं एकांत में कुछ घंटे बिताने दिए गए।  ये मेरे लिए बड़ी राहत की बात थी।” गुरदासपुर के रहने वाले गुरजीत इस सुविधा के लिए पंजाब सरकार के अहसानमंद हैं। दरअसल पंजाब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बन गया है। पंजाब की जेलों में पति-पत्नी एक साथ अलग कमरे में समय गुजार सकेंगे। इसकी शुरुआत गोइंदवाल जेल से कर दी गई है। यहां अब तक 60 कैदी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इसके लिए उन्हें अलग विशेष कक्ष उपलब्ध करवाया जाता है।

लुधियाना जेल में बनाया गया कंजुगल विजिट रूम
  • पंजाब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बना
  • इससे पहले क़ैदियों को पति या पत्नी से शारीरिक संबंध की इजाज़त नहीं थी
  • पहले ही सप्ताह में क़ैदियों ने 385 अर्ज़ियां दीं
  • उसी कै़दी को मिलेगी सुविधा जिसका आचरण होगा अच्छा

नरेश शर्मा भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर/चंडीगढ़ – 12 अक्तूबर :

            पिछले दिनों पंजाब के क़ैदियों को एक ऐसी सुविधा दी गई , जिसकी ख़ासी चर्चा है. सरकार ने पंजाब की 17 जिलों में कैदियों को अपनी पत्नी के साथ अकेले में मिलने भेंट करने का मौका देने का निर्णय लिया है। सरकार का यह निर्णय इतना ही तरह की पहले ही हफ्ते में 385 कैदियों ने अपनी पत्नी के साथ अकेले में मिलने के लिए आवेदन पत्र दे डाला।

            जेल विभाग ने कैदियों के पारिवारिक दांपत्य को खुशहाल बनाने के लिए यह सुविधा शुरू की है। जेल विभाग के मुताबिक पंजाब पहला राज्य है जहां इस तरह की सुविधा शुरू हुई है।

            जेल प्रशासन की नई योजना के तहत बनवाए गए कंजुगल विजिट रूम कैदी अपने जीवनसाथी के साथ एक घंटा रह सकेंगे। जेल सुपरिंटेडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़ ने बताया कि यह सहूलियत उन्हीं कैदियों को दी जाएगी जो जेल में अच्छा आचरण रखेंगे। जो कैदी जेल के अनुशासन का पालन करेंगे, उन्हें इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

लुधियाना जेल में ‘Conjugal Room’ की शुरुआत करते सुपरिंटेंडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़।

            जेल सुपरिंटेडेंट नंदगढ़ के अनुसार, अच्छे आचरण वाले कैदी तीन महीने में एक बार इस रूम में अपनी पत्नी के साथ एक घंटे रह सकेंगे। मंगलवार को पहले ही दिन जेल के चार कैदियों ने इस योजना का लाभ उठाया।

            हार्डकोर क्रिमिनल, गैंगस्टर और हाई-प्रोफाइल अपराध में बंद कैदी इस सहूलियत का लाभ नहीं ले सकेंगे। अपने जीवनसाथी से मिलने के इच्छुक कैदियों को जेल प्रशासन की तरफ से फॉर्म भरवाना पड़ेगा। वेरीफिकेशन और एप्लीकेशन मंजूर होने के बाद मुलाकात का प्रबंध किया जाएगा।

            जीवनसाथी से मिलने के इच्छुक कैदियों का जेल के मेडिकल स्टाफ की ओर से HIV सहित दूसरे टेस्ट किए जाएंगे। यदि किसी के टेस्ट पॉजीटिव आते हैं तो उसकी मुलाकात नहीं कराई जाएगी।

            जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि इस योजना का मकसद अच्छे आचरण वाले कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाना है क्योंकि उनके आचरण और मानसिक तंदरुस्ती में परिवार की अहम भूमिका होती है।

पारिवारिक विभाजन दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री ने की वैबसाईट लॉन्च 


लोगों को एक क्लिक के द्वारा पारिवारिक विभाजन सम्बन्धित अर्जियां जमा कराने की सुविधा प्रदान करने के लिए उठाया कदम  

 राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

           मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजस्व विभाग के कामकाज को डिजिटल करके राज्य के नागरिकों की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण फ़ैसला लेते हुए आज पारिवारिक विभाजन (ज़मीन जायदाद की बाँट) को दर्ज करने की प्रक्रिया को और अधिक सुचारू बनाने के लिए वैबसाईट लॉन्च की।  


           वैबसाईट  https://eservices.punjab.gov.in को लॉन्च करते हुए मुख्यमंत्री ने इसको राज्य के निवासियों की सुविधा के लिए एक क्रांतिकारी फ़ैसला बताया, जिससे पारिवारिक विभाजन को दर्ज करने की प्रक्रिया को और अधिक सुचारू बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वैबसाईट के द्वारा पारिवारिक विभाजन के लिए लोगों की अजिऱ्याँ एक क्लिक के द्वारा आसानी से जमा हो सकेंगी।

           भगवंत मान ने बताया कि नागरिक इस वैबसाईट पर अपना नाम, पिता/पति का नाम, गाँव का नाम, सब-तहसील/तहसील, जि़ला, खाता और खेवट नंबर के विवरणों समेत अर्जी देकर अप्लाई कर सकते हैं।  


           मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदनकर्ता को ज़मीन के सभी हिस्सेदारों द्वारा दस्तखत किया प्रस्तावित बाँट का एक मैमोरंडम और ज़मीन की बाँट को दिखाता फील्ड मैप भी सौंपना होगा। भगवंत मान ने बताया कि सम्बन्धित सर्कल राजस्व अधिकारी द्वारा कार्यवाही करने के उपरांत यह ऑनलाइन अर्जियां कानूनगो इंचार्ज और फिर सम्बन्धित पटवारी को भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के साथ मैमोरंडम के सभी तथ्यों को सत्यापित करने के बाद पटवारी सम्बन्धित पक्ष को कार्यवाही के लिए निजी तौर पर उपस्थित होने और इंतकाल दर्ज करने के लिए बुलाएगा।  


            मुख्यमंत्री ने कहा कि इंतकाल दर्ज करने के बाद सम्बन्धित पटवारी इसको सत्यापित करने के लिए कानूनगो के समक्ष पेश करेंगे और फिर अंतिम आदेशों के लिए सम्बन्धित सीआरओ (सहायक क्लैकटर ग्रेड-2) के समक्ष पेश करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि इंतकाल को सत्यापित करने के बाद हरेक अजऱ्ी के लिए पोर्टल पर संक्षिप्त ऑर्डर दर्ज किया जाएगा।

           उन्होंने कहा कि यह नागरिक केंद्रित पहल हदबंदी की प्रक्रिया को सरल बनाने में अहम साबित होगी और इससे विवादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जा सकेगा। भगवंत मान ने आगे कहा कि यह प्रक्रिया आसान ढंग से ज़मीन की खरीद-बिक्री के अलावा फसलों के नुकसान का मुआवज़ा प्राप्त करने और जमाबन्दी की नकल आसानी से प्राप्त करने के लिए सहायक सिद्ध होगी।

परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने आर.टी.ए. कार्यालय की औचक चैकिंग की

कार्यालय में कर्मचारियों की हाजिऱी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक सुनिश्चित बनाने के दिए निर्देश

लोगों को दरपेश मुश्किलों का तुरंत समाधान करने की हिदायत

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा आज आर.टी.ए. कार्यालय मोहाली का अचानक दौरा किया गया और कार्यालय में हो रहे कार्यों का जायज़ा लिया गया।

              इस सम्बन्धी और अधिक जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि परिवहन मंत्री ने आज सुबह आर.टी.ए. कार्यालय में पब्लिक काऊंटरों पर जाकर कर्मचारियों से किए जा रहे कार्यों का विवरण लिया और साथ ही कार्यालय में काम करवाने के लिए आए लोगों के साथ भी बातचीत करके उनको आ रही मुश्किलों संबंधी भी जानकारी एकत्रित की। परिवहन मंत्री ने लोगों को आ रही मुश्किलों के समाधान करने के लिए अधिकारियों को मौके पर निर्देश दिए गए। आज के दौरे का मंतव्य बताते हुए श्री भुल्लर ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार प्रशासनिक सुधारों और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मौके पर उन्होंने आर.टी.ए. कार्यालय के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्मचारियों की हाजिऱी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक सुनिश्चित बनाया जाए।  

              उन्होंने आर.टी.ए. कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को मौके पर हिदायत की कि जो भी लोग परिवहन से सम्बन्धित अपना काम करवाने आते हैं उनको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी के कागज़ात अधूरे हैं या कोई और कमी-पेशी है तो उस संबंधी एक ही समय उनको बताया जाए, जिससे लोगों को बार-बार दफ़्तर के चक्कर न लगाने पड़ें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ज़रुरी कागज़ातों की लिस्ट भी बोर्ड पर लगाई जाए, जिससे उसे पढक़र ही लोग अपने काम के लिए आवेदन कर सकें।  

              उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जल्द ही कर्मचारियों की हाजिऱी के लिए बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे कार्यालयों में कर्मचारियों की समय पर हाजिरी को सुनिश्चित बनाया जा सके।  

              इस मौके पर आर.टी.ए श्री परदीप सिंह ढिल्लों और अन्य अधिकारी विशेष तौर पर मौजूद थे।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से एसआईटी ने की पूछताछ

कोटकपूरा गोलीकांड मामला

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            अक्तूबर 2015 के कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी मामले में एडीजीपी एलके यादव की अगुवाई वाली एसआईटी ने बुधवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से उनके चंडीगढ़ स्थित निवास पर एसआईटी ने पूछताछ की। एसआईटी सुबह 11 बजे उनके निवास पर पहुंची और तकरीबन तीन घंटे तक उनसे पूछताछ की।

            प्रकाश सिंह बादल ने बताया की उन्होंने एसआईटी के सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं और साथ ही यह भी कहा की अगर एसआईटी को जरुरत पड़ी तो वह फिर से उनके समक्ष पेश होंगे। बादल ने कहा की वो चाहते हैं की सारा सच जल्दी सबके सामने आये और इंसाफ मिले।

            बता दे की आज से एक दिन बाद ही कोटकपूरा गोलीकांड की बरसी है। और साथ ही यह भी बता दे की इस से पहले प्रकाश सिंह बादल के पुत्र और पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से भी एसआईटी पूछताछ कर चुकी है।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने 18 सदस्यीय भारतीय बैडमिंटन दल के खिलाड़ियों से की मुलाकात

  • स्पेन के सेनटेंडर में 17 से 30 अक्तूबर तक आयोजित होने वाली बेडमिंटन वल्र्ड जुनियर चैंपीयनशिप के लिए दी शुभकामनाएं
  • दल में चार खिलाड़ी हरियाणा से-हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला  –  12 अक्तूबर :

                        हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष एवं जिला बैडमिंटन ऐसोसिएशन के मुख्य संरक्षक श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने आज सेक्टर 3 स्थित ताउ देवी लाल स्टेडियम के बैडमिंटन हाॅल में 18 सदस्यीय भारतीय बैडमिंटन दल के खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें स्पेन के सेनटेंडर में 17 से 30 अक्तूबर तक आयोजित होने वाली बेडमिंटन वल्र्ड जुनियर चैंपीयनशिप के लिए शुभकामनाएं दी।


                        इस अवसर पर गुप्ता ने कहा कि ताउ देवी लाल खेल स्टेडियम के बैडमिंटन हाॅल में भारतीय बैडमिंटन टीम के लिए 15 दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से आए खिलाड़ियों को कोचों द्वारा बेहतरीन प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि इस दल में चार खिलाड़ी हरियाणा से जिसमें 1 लड़का-भरत राघव तथा 3 लड़कियां-अनुपमा उपाध्याय, उन्नती हुडा और देविका सिहाग शामिल हैं।


                        उन्होंने बताया कि अनुपमा उपाध्याय नेशनल जुनियर चैंपीयन है और उन्नती हुडा की गिनती देश के शीर्ष 10 खिलाड़ियों  में की जाती है। अन्य दो खिलाड़ियों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाया है। श्री गुप्ता ने भारतीय टीम के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी खिलाड़ी, चैंपीयनशिप में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे और सर्वाधिक मेडल जीत कर देश का नाम रोशन करेंगे।


                        इस अवसर गुप्ता ने खिलाड़ियों से परिचय किया तथा उन्हें जीत के लिए आर्शीवाद भी दिया।


                        इस अवसर पर हरियाणा बैडमिंटन ऐसोसिएशन के महासचिव अजय सिंघानिया, जिला बैडमिंटन ऐसोसिएशन के पैटर्न विनोद मित्तल, महासचिव जितेन्द्र महाजन, उपाध्यक्ष डीपी सोनी, वित्त सचिव डीपी सिंघल व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

हम सभी राम को सिर्फ़ अपने पूजा घर तक सीमित ना रख कर उनको अपने जीवन मे उतारें ,उनके दिखाए आदर्शों पर चलें – अमूल्य

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़  –  12 अक्तूबर :

            कवियों के राम काव्याञ्जलि विशेषांक में अमूल्य विरासत के फाऊंडर और मोटीवेशनल स्पीकर अमूल्य शुक्ल ने विभिन्न कवियों, शायरों और गीतकारों के ज़रिये हमे राम के और करीब लाने का नेक प्रयास किया। हम सभी राम को सिर्फ़ अपने पूजा घर तक सिमित ना रख कर उनको अपने जीवन मे उतार सके यही काव्याञ्जलि का अनथक मक्सद रहता है। 

            नानक, कबीर, तुलसीदास, निदा फ़ाज़ली, प. नरेंद्र शर्मा, साहिर लुधियानवी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, मैथली शरण गुप्त, शैलेंद्र, अल्लामा इकबाल जैसे दिग्गज रचनाकारों को सम्मानित किया और उनके नज़रिये से राम को देखने का अवसर मिला। ऐसे रचनाकार जो सभी धर्मों के संवेदनशील लोगों के लिए एक अनोखी और मानवीय परिभाषा गढ़ते हैं। उनकी ऐसी कविताएँ जो हमारे रोज़ के जीवन और संबंधों को बेहतर बना सकतीं हैं। 

            अमूल्य विरासत द्वारा इस रविवार को विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसका शीर्षक था — कवियों के राम। दशहरे के पावन अवसर पर राम पर आधारित अनोखी साहित्यिक रचनाएँ प्रस्तुत की गई। 

            राम पर अधारित कार्यक्रम में आत्मिक संतुष्टि की प्राप्ति हुई। विश्वास, निष्ठा, श्रद्धा, सबुरी, भक्ति, समर्पण जैसी भाव भूमि का अनुभव हुआ।

सीता, रावण, राम का, करें विभाजन लोग,

एक ही तन में देखिये, तीनों का संजोग…

            अध्यात्म, साहित्य, संगीत एवं फिल्म प्रेमी इस कार्यक्रम से ऑनलाईन जुड़ सकते हैं, अमूल्य शुक्ल के फेसबुक चैनल के जरिए। यह शो रविवार शाम 4 बजे होता है – किसी प्रेरणादायक हस्ती के जीवन और रचना संसार पर केन्द्रित। 

ब्लड कैंसर के मरीजों का बोन-मैरो ट्रांसप्लांट से बचाव संभव : डा. अजय शर्मा

  • पारस अस्पताल पहला ऐसा एकमात्र अस्पताल जहां एलोजेनिक व आटोलॉगस बोन मैरो ट्रांस्प्लांट उपलब्ध: डा. राजन साहू
  • थैलेसीमिया, अप्लास्टिक, एनीमिया, एक्यूट ल्यूकेमिया के रोगियों के लिए भी बीएमटी बनी सहायक: डा. राजेश्वर सिंह


डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़  –  12 अक्तूबर :

            बल्ड कैंसर के ऐसे मरीज जिनको कि कीमोथेरेपी दवाईओं से आराम नहीं मिलता, उनके लिए बोन मैरो ट्रांस्प्लांट (बीएमटी) ही एकमात्र उपचार है जिसके परिणामस्वरूप ऐसे मरीजों को लंबे समय तक बचाव रहता है। इसके अलावा, थैलेसीमिया के मरीज भारत में बीएमटी प्रक्रिया को भी पहल देते हैं, जहां हर वर्ष 10,000 लोग इस बीमारी से पीडि़त होते हैं। यह बात पारस अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने ‘ब्लड कैंसर एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट’ पर जागरूकता अभियान के दौरान कही।


            उत्तरी भारत में ब्लड कैंसर तथा बोन-मैरो ट्रांस्प्लांट द्वारा इलाज के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर हैमोटोलॉजी के प्रमुख तथा डायरेक्टर डा. (बिग्रेडियर) डा. अजय शर्मा, मेडीकल ऑनकोलॉजी के डायरेक्टर डा. (बिग्रेडियर) राजेश्वर सिंह, न्यूकलियर मेडीसन के एसोसिएट डायरेक्टर डा. अनुपम गाबा, मेडीकल ऑनकोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट डा. चितरेश अग्रवाल, सर्जिकल ऑनकोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट शुभ महिन्द्रू व डा. राजन साहू तथा रेडिशियन आन्कोलॉजी के कंस्लटेंट डा. परनीत सिंह व आर्र्थो ऑनकोलॉजी के डा. जगनदीप विर्क ने पत्रकारों को संबोधन किया।


            बोन-मैरो ट्रांस्प्लांट के बारे जानकारी देते हुए डा. अजय शर्मा ने कहा कि यह बिना आप्रेशन किया जाना वाला इलाज है, जिसमें नकारा स्टैम सैलों को तंदरूस्त स्टैम सैलों के साथ तबदील कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस इलाज की सुविधा देश के कुल चुनिंदा अस्पतालों में ही है। उन्होंने बताया कि अमरीका तथा चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश है, जहां हर वर्ष ब्लड कैंसर के 1.17 लाख नए केस सामने आते हैं।


            डा. अजय शर्मा ने बताया कि कुछ खास किस्म के कैंसर तथा अन्य बीमारियों में बोन मैरो ट्रांस्पलांट के साथ इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि अमरीका जैसे देश के बड़े शहरों में भी 2-3 स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां यह सुविधा है। इसकी तुलना में भारत जहां 5 गुणा से भी अधिक आबादी है, वाले देश में चुनिंदा अस्पताल हैं, जहां बोन-मैरो ट्रांस्प्लांट की सुविधा है। 125 करोड़ की आबादी के लिए बी.एस.टी. माहिरों की गिनती और भी कम है।

     
            मेडिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ (ब्रिगेड) राजेश्वर सिंह ने कहा कि बीएमटी प्रक्रिया में रोगग्रस्त या क्षतिग्रस्त बोन मैरो (हड्डियों की कैविटी में मौजूद एक नरम स्पंजी रक्त बनाने वाला टिशू) को स्वस्थ बोन मैरो से बदल दिया जाता है, जो ज्यादातर पीडि़त के भाई / बहन और माता-पिता जैसे रक्त संबंधों से ट्रांस्प्लांट होता है। इस प्रक्रिया की सलाह ज्यादातर थैलेसीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, एक्यूट ल्यूकेमिया, सिकल सेल एनीमिया, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा और मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम वाले रोगियों को दी जाती है।


            इस बीच मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंस्लटेंट डॉ राजन साहू ने कहा कि पारस अस्पताल पंचकूला एलोजेनिक के साथ-साथ ऑटोलॉगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट प्रदान कर रहा है। साथ ही, केंद्र असंबंधित और अगुणित मिलान वाले बीएमटी का संचालन कर रहा है। अन्य व्यक्ति से ट्रांस्प्लांट की आवश्यकता तब होती है जब परिवार में एक मिलान दाता उपलब्ध नहीं होता है।


            डाक्टरों ने आगे कहा कि बोन मैरो ट्रांस्पलांट का प्रयोग गैर कार्यशील बोन मैरो को सेहतमंद काम करने वाले बोन मैरो के साथ बदलने के लिए की जाती है। यह आमतौर पर ल्यूकेमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी स्थितियों में किया जाता है। जब कीमोथैरेपी या रेडिशयन की मात्रा किसी खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए की जाती है तो बोन मैरो बदल दिया जाता है तथा बाद में इसको पुन: काम करने के लिए बहाल किया जाता है। यह प्रक्रिया लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा और छाती के कैंसर जैसी बीमारियों के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है।


            पारस अस्पताल के फैसिल्टी डायरेक्टर डा. जतिन्द्र अरोड़ा  ने बताया कि अस्पताल में ऑटोलोगस तथा एलोजिनक ट्रांस्प्लांट सहित बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सभी सुविधा हैं, जहां एक ही जगह मरीजों का कामयाबी के साथ इलाज किया जाता है।